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आतंकियों का महफूज ठिकाना बनता जा रहा बिहार ! गोपालगंज में संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी से उठे सवाल - bihar becoming safe place for terrorists

तीन दिन पहले गोपालगंज से एक संदिगध आतंकी को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले भी गोपालगंज से आतंकियों का कनेक्शन जुड़ा है. गोपालगंज ही नहीं पूरे बिहार से आतंकियों का कनेक्शन (Bihar Terrorist Connection) रहा है.

आतंकी का बिहार कनेक्शन
आतंकी का बिहार कनेक्शन
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Published : Dec 11, 2021, 5:18 PM IST

पटनाः बिहार एक बार फिर से आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. बिहार के गोपालगंज से एक संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया गया है. गोपालगंज में टेरर फंडिंग (Terror funding case) पर बिहार में बड़ी कार्रवाई एनआईए की टीम द्वारा 3 दिनों पहले की गई. गोपालगंज के मांझागढ़ से जफर अब्बास नाम के एक युवक को गिरफ्तार (NIA arrest suspect from Gopalganj) किया गया है. सूत्रों के मुताबिक जफर अब्बास आजाद-ए-कश्मीर नाम के संगठन से जुड़ा है. आरोप है कि जफर ने दुश्मन देश पाकिस्तान से करीब 6 करोड़ रुपए मंगाई है. इन पैसों का आतंकियों से कनेक्शन होने के पुख्ता सबूत मिले हैं.

यह भी पढ़ें- NIA ने गोपालगंज से एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार, परिजनों ने कहा-'आतंकी बताकर जफर को ले गए अपने साथ'

एनआईए ने गोपालगंज (NIA raid in Gopalganj) से जफर अब्बास के आलीशान मकान से दो लैपटॉप, 6 मोबाइल, 6 सिम कार्ड बैंक पासबुक और पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं. एनआईए ने जिस युवक को आतंकी संगठन से जुड़े होने को लेकर गिरफ्तार किया है, वह बीटेक फाइनल ईयर का छात्र है. परिवार वालों के मुताबिक वह मध्यप्रदेश के भोपाल के आरजीपीवी यूनिवर्सिटी के आईईएस कॉलेज में पढ़ाई करता था.

आतंकी का बिहार कनेक्शन

आपको बता दें कि गोपालगंज में यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार शेख अब्दुल नईम आतंकी के कनेक्शन गोपालगंज से जुड़े थे. शेख अब्दुल नईम गोपालगंज में नाम और पता बदल के पासपोर्ट बना चुका था. यहां लश्कर-ए-तैयबा का स्लीपर सेल तैयार करता था. साल 2017 में खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर बनारस से शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी हुई थी. उसके बाद गोपालगंज से जुड़े तार का खुलासा हुआ. लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े सक्रिय सदस्य बेदार बख्त उर्फ धनु राजा की गिरफ्तारी दिसंबर 2017 में हुई. उसे नगर थाना के यादवपुर चौक स्थित ननिहाल से गिरफ्तार किया गया था. कह सकते हैं कि गोपालगंज से NIA की यह तीसी बड़ी कार्रवाई है.

जानकारी दें कि जफर अब्बास से गिरफ्तारी से पहले एनआईए ने कुछ वर्ष पहले अबू बेदार बख्त उर्फ धनु राजा को गिरफ्तार किया था. जिसके ऊपर कुख्यात आतंकी सोहेल खान को गोपालगंज में शरण देने का आरोप था. इसी मामले में एनआईए ने कुछ अन्य युवकों को भी गोपालगंज शहर से गिरफ्तार किया था. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए की जांच जैसे-जैसे बढ़ रही है जफर को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं.

अब तक की जानकारी के अनुसार उसके लैपटॉप से कई देश विरोधी वीडियो और फोटो मिले हैं. इसके साथ ही कश्मीर-ए-हिंद के नाम पर बने संगठन के लोग से भी उसके कॉन्टेक्ट हैं. एनआईए के अनुसार एक कोड वर्ड मिला है. उसे कोड वर्ड को डिकोड करने के लिए टीम लगी हुई है. कोडवर्ड को डीकोड करने के बाद आसानी से उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है. पिछले 6 महीने में उसके पास 6 करोड़ रुपये आए हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में पकड़े गए आतंकी का बिहार से जानिए क्या है कनेक्शन, चौंकाने वाले हुए खुलासे

यह रुपए कब और कहां से आए हैं, किसने भेजा है इन सभी बातों पर जांच चल रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार उसके पास से हवाला के जरिए पैसे पहुंच गए थे. हालांकि एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए के पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया है कि दरभंगा, मधुबनी, जहानाबाद और गया में स्लीपर सेल की मदद के लिए उसके पास पैसे भेजे गए थे. स्लीपर सेल में कई नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर एनआईए और पुलिस की नजर बनी हुई है.

आपको बता दें कि बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल घुसपैठियों और आतंकियों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में गया, छपरा के क्षेत्रों से आतंकी सामने आए हैं. बिहार के सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा लगातार उठता रहता है और धीरे-धीरे उसकी लिस्ट भी लंबी होती जा रही है.

ये भी पढ़ें- एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद खुर्रम परवेज की पत्नी ने कहा- हम हैरान रह गए थे

एलओसी पर चौकसी होने की वजह से कहीं ना कहीं पाकिस्तानी आतंकी बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते बिहार में घुसकर अन्य शहरों में जाते रहे हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में इंडियन मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी भी नेपाल के रास्ते ही भारत आया था, जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा था. इसने भी भारत नेपाल सीमा पर रक्सौल के रास्ते एंट्री ली थी, फिर दिल्ली पहुंचा था.

रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह की मानें तो बिहार से यूपी तक 1000 किलोमीटर से ज्यादा का हिस्सा नेपाल से सटा हुआ है. आतंकी भारत में घुसने के लिए कहीं ना कहीं बांग्लादेश और नेपाल का रास्ता चुन रहे हैं.

यह भी पढ़ें- Darbhanga Parcel Blast: पूरी ट्रेन उड़ाने की थी साजिश, एक चूक से बची सैकड़ों की जान

"अर्धसैनिक बल की एसएसबी की बिहार से लेकर यूपी तक महज तीन से चार चेक पोस्ट पर कंपनियां तैनात हैं, तो वहीं नेपाल से बिहार में घुसने के बहुत सारे छोटे रास्ते भी हैं. जहां से आसानी से आतंकी घुस रहे हैं. भारत नेपाल बॉर्डर पर काफी ज्यादा चौकसी बरतने की जरूरत है."- ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ

दरअसल आतंकियों का बिहार से लगातार कनेक्शन सामने आ रहा है. बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल इलाका कहीं ना कहीं आतंकियों के छुपने के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है. आपको बता दें कि साल 2013 में खुफिया एजेंसियों ने इंडियन मुजाहिद्दीन के मोस्ट वांटेड सरगना यासीन भटकल और असादुल्लाह उर्फ हड्डी को रक्सौल से गिरफ्तार किया था. भटकल नेपाल के पोखरा में रहता था. वहीं लश्कर के बम मशीन अब्दुल करीम टुंडा को भारत-नेपाल सीमा से ही गिरफ्तार किया गया था.

बिहार से पकड़े गए आतंकी

  • 2008 रामपुर सीआरपीएफ कैंप में विस्फोट मामले में मधुबनी के सक्रिय सबाउद्दीन को किया गया था गिरफ्तार.
  • 2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकी मदनी हुआ गिरफ्तार.
  • 2011 में ही दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला की कतली सिडिकी की उर्फ साजन को दिल्ली से किया गया गिरफ्तार.
  • 2012 में दरभंगा के नदीम और निक्की को किया गया था गिरफ्तार.
  • 2012 में एटीएस ने अहमद को पकड़ा था. बताया जाता है कि वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर था.
  • 2012 में ही दरभंगा के एक गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मोहम्मद कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था.
  • 2012 में सऊदी अरब में क्यूटी के बाढ़ समैला गांव से फसीह मसूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. यह वही फसीह महसूद है, जो 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था.
  • 2021 फरवरी में सारण के देव बहुआरा निवासी जावेद को गिरफ्तार किया गया था. रिटायर्ड शिक्षक के बेटे जावेद ने कश्मीरी आतंकी मुस्ताक को 7 पिस्टल उपलब्ध कराई थी.

यह भी पढ़ें- Banka Blast Case: आतंकियों के लिए सेफ जोन माना जाता है बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल

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पटनाः बिहार एक बार फिर से आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. बिहार के गोपालगंज से एक संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया गया है. गोपालगंज में टेरर फंडिंग (Terror funding case) पर बिहार में बड़ी कार्रवाई एनआईए की टीम द्वारा 3 दिनों पहले की गई. गोपालगंज के मांझागढ़ से जफर अब्बास नाम के एक युवक को गिरफ्तार (NIA arrest suspect from Gopalganj) किया गया है. सूत्रों के मुताबिक जफर अब्बास आजाद-ए-कश्मीर नाम के संगठन से जुड़ा है. आरोप है कि जफर ने दुश्मन देश पाकिस्तान से करीब 6 करोड़ रुपए मंगाई है. इन पैसों का आतंकियों से कनेक्शन होने के पुख्ता सबूत मिले हैं.

यह भी पढ़ें- NIA ने गोपालगंज से एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार, परिजनों ने कहा-'आतंकी बताकर जफर को ले गए अपने साथ'

एनआईए ने गोपालगंज (NIA raid in Gopalganj) से जफर अब्बास के आलीशान मकान से दो लैपटॉप, 6 मोबाइल, 6 सिम कार्ड बैंक पासबुक और पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं. एनआईए ने जिस युवक को आतंकी संगठन से जुड़े होने को लेकर गिरफ्तार किया है, वह बीटेक फाइनल ईयर का छात्र है. परिवार वालों के मुताबिक वह मध्यप्रदेश के भोपाल के आरजीपीवी यूनिवर्सिटी के आईईएस कॉलेज में पढ़ाई करता था.

आतंकी का बिहार कनेक्शन

आपको बता दें कि गोपालगंज में यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार शेख अब्दुल नईम आतंकी के कनेक्शन गोपालगंज से जुड़े थे. शेख अब्दुल नईम गोपालगंज में नाम और पता बदल के पासपोर्ट बना चुका था. यहां लश्कर-ए-तैयबा का स्लीपर सेल तैयार करता था. साल 2017 में खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर बनारस से शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी हुई थी. उसके बाद गोपालगंज से जुड़े तार का खुलासा हुआ. लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े सक्रिय सदस्य बेदार बख्त उर्फ धनु राजा की गिरफ्तारी दिसंबर 2017 में हुई. उसे नगर थाना के यादवपुर चौक स्थित ननिहाल से गिरफ्तार किया गया था. कह सकते हैं कि गोपालगंज से NIA की यह तीसी बड़ी कार्रवाई है.

जानकारी दें कि जफर अब्बास से गिरफ्तारी से पहले एनआईए ने कुछ वर्ष पहले अबू बेदार बख्त उर्फ धनु राजा को गिरफ्तार किया था. जिसके ऊपर कुख्यात आतंकी सोहेल खान को गोपालगंज में शरण देने का आरोप था. इसी मामले में एनआईए ने कुछ अन्य युवकों को भी गोपालगंज शहर से गिरफ्तार किया था. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए की जांच जैसे-जैसे बढ़ रही है जफर को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं.

अब तक की जानकारी के अनुसार उसके लैपटॉप से कई देश विरोधी वीडियो और फोटो मिले हैं. इसके साथ ही कश्मीर-ए-हिंद के नाम पर बने संगठन के लोग से भी उसके कॉन्टेक्ट हैं. एनआईए के अनुसार एक कोड वर्ड मिला है. उसे कोड वर्ड को डिकोड करने के लिए टीम लगी हुई है. कोडवर्ड को डीकोड करने के बाद आसानी से उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है. पिछले 6 महीने में उसके पास 6 करोड़ रुपये आए हैं.

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यह रुपए कब और कहां से आए हैं, किसने भेजा है इन सभी बातों पर जांच चल रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार उसके पास से हवाला के जरिए पैसे पहुंच गए थे. हालांकि एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए के पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया है कि दरभंगा, मधुबनी, जहानाबाद और गया में स्लीपर सेल की मदद के लिए उसके पास पैसे भेजे गए थे. स्लीपर सेल में कई नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर एनआईए और पुलिस की नजर बनी हुई है.

आपको बता दें कि बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल घुसपैठियों और आतंकियों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में गया, छपरा के क्षेत्रों से आतंकी सामने आए हैं. बिहार के सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा लगातार उठता रहता है और धीरे-धीरे उसकी लिस्ट भी लंबी होती जा रही है.

ये भी पढ़ें- एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद खुर्रम परवेज की पत्नी ने कहा- हम हैरान रह गए थे

एलओसी पर चौकसी होने की वजह से कहीं ना कहीं पाकिस्तानी आतंकी बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते बिहार में घुसकर अन्य शहरों में जाते रहे हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में इंडियन मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी भी नेपाल के रास्ते ही भारत आया था, जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा था. इसने भी भारत नेपाल सीमा पर रक्सौल के रास्ते एंट्री ली थी, फिर दिल्ली पहुंचा था.

रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह की मानें तो बिहार से यूपी तक 1000 किलोमीटर से ज्यादा का हिस्सा नेपाल से सटा हुआ है. आतंकी भारत में घुसने के लिए कहीं ना कहीं बांग्लादेश और नेपाल का रास्ता चुन रहे हैं.

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"अर्धसैनिक बल की एसएसबी की बिहार से लेकर यूपी तक महज तीन से चार चेक पोस्ट पर कंपनियां तैनात हैं, तो वहीं नेपाल से बिहार में घुसने के बहुत सारे छोटे रास्ते भी हैं. जहां से आसानी से आतंकी घुस रहे हैं. भारत नेपाल बॉर्डर पर काफी ज्यादा चौकसी बरतने की जरूरत है."- ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ

दरअसल आतंकियों का बिहार से लगातार कनेक्शन सामने आ रहा है. बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल इलाका कहीं ना कहीं आतंकियों के छुपने के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है. आपको बता दें कि साल 2013 में खुफिया एजेंसियों ने इंडियन मुजाहिद्दीन के मोस्ट वांटेड सरगना यासीन भटकल और असादुल्लाह उर्फ हड्डी को रक्सौल से गिरफ्तार किया था. भटकल नेपाल के पोखरा में रहता था. वहीं लश्कर के बम मशीन अब्दुल करीम टुंडा को भारत-नेपाल सीमा से ही गिरफ्तार किया गया था.

बिहार से पकड़े गए आतंकी

  • 2008 रामपुर सीआरपीएफ कैंप में विस्फोट मामले में मधुबनी के सक्रिय सबाउद्दीन को किया गया था गिरफ्तार.
  • 2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकी मदनी हुआ गिरफ्तार.
  • 2011 में ही दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला की कतली सिडिकी की उर्फ साजन को दिल्ली से किया गया गिरफ्तार.
  • 2012 में दरभंगा के नदीम और निक्की को किया गया था गिरफ्तार.
  • 2012 में एटीएस ने अहमद को पकड़ा था. बताया जाता है कि वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर था.
  • 2012 में ही दरभंगा के एक गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मोहम्मद कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था.
  • 2012 में सऊदी अरब में क्यूटी के बाढ़ समैला गांव से फसीह मसूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. यह वही फसीह महसूद है, जो 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था.
  • 2021 फरवरी में सारण के देव बहुआरा निवासी जावेद को गिरफ्तार किया गया था. रिटायर्ड शिक्षक के बेटे जावेद ने कश्मीरी आतंकी मुस्ताक को 7 पिस्टल उपलब्ध कराई थी.

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