पटना: 15 दिसंबर से बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Ban on Single use Plastic in Bihar) लागू हो गया है. दरअसल, सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल आसानी से नष्ट नहीं होते और यह मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं.
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केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है. इधर, बिहार के तमाम प्लास्टिक व्यवसायी भी बिहार सरकार से यह मांग कर रहे हैं. उन्हें भी 30 जून तक का मौका दिया जाए, ताकि वे नई तकनीक के मुताबिक अपने आप को अपग्रेड कर सकें, जिससे बिहार में बायोडिग्रेडेबल डिस्पोजेबल कप प्लेट आदि का प्रोडक्शन शुरू हो सके. बता दें कि अब सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल के इस्तेमाल पर 1 लाख का जुर्माना या 3 महीने की कैद की सजा हो सकती है.
''सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल पर्यावरण के लिए अत्यंत नुकसानदायक है. यही वजह है कि इन्हें प्रतिबंधित किया जा रहा है. यह आसानी से नष्ट नहीं होते हैं. अब तो यह मनुष्य के स्वास्थ्य को सीधा नुकसान पहुंचा रहे हैं. अब यह भूमि जल को भी प्रभावित कर रहे हैं. प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण मनुष्य के शरीर में पहुंच रहे हैं और विभिन्न तरह की बीमारियों की वजह बन रहे हैं.''- दीपक कुमार सिंह प्रधान सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
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