पटनाः कोरोना संक्रमण (Corona Infection) में आई कमी के बाद से बिहार में अनलॉक (Unlock) की प्रकिया शुरू हो गयी है. इसके तहत सरकार ने बहुत सी छूटें दी हैं.
सरकार ने व्यावसायिक वाहनों को चलने की छूट तो दी है, लेकिन सवारियों की क्षमता को कम रखने का आदेश भी दिया गया है. लेकिन राजधानी पटना की सड़कों पर ऑटो चालक इन सरकारी नियमों का पालन करते हुए नहीं दिख रहे हैं.
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ठूस-ठूस कर बैठा रहे हैं सवारी
हालत यह है कि राजधानी पटना की सड़कों पर चलने वाले ऑटो में ठूंस-ठूंस कर सवारियों को बैठाया जा रहा है. राजधानी पटना के तमाम चौक-चौराहों से गुजरने वाले ऑटो में सवारियां भरी हुई दिखाई देती हैं.
सरकार ने क्षमता से कम सवारी बैठाने की बात कही है, लेकिन ऑटो चालक क्षमता से ज्यादा सवारी बैठाये दिखाई देते हैं. इस मनमानी को लेकर ईटीवी भारत ने पटना के ऑटो चालकों से बातचीत की और उनसे इसका कारण जानने का प्रयास किया.
ऑटो चालक ठहराते हैं यात्रियों को दोषी
ऑटो चालक सुरेश ने कहा कि लोग उस हिसाब से भाड़ा नहीं देते हैं. मजबूरन हमें पुराने भाड़े में ही उन्हें बैठाना पड़ता है. ऐसे में ज्यादा यात्री हो जाते हैं.
सवारियों से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने का अनुरोध किया जाता है लेकिन वे ज्यादा भाड़ा देने को तैयार नहीं होते.
ऑटो चालक का कहना था कि सवारी खुद एक दूसरे के बगल में बैठ कर जाना पसंद करते हैं. वहीं जब यात्रियों से बातचीत की गयी तो उन्होंने ऑटो चालकों के आरोपों को सिरे से खारिज किया.