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घर न आए लालू तो धरने पर बैठे तेजप्रताप, आंसू भरी आंखों से तेजस्वी के लिये कहा- नहीं बन पाओगे CM

राजद प्रमुख लालू यादव बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के घर नहीं आए तो वह गेट के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने इस दौरान छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए कहा कि अगर इसी तरह चलता रहा तो वह गद्दी (मुख्यमंत्री की कुर्सी) पर नहीं बैठ पाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Tej Pratap Yadav
तेजप्रताप यादव
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Published : Oct 24, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 10:13 PM IST

पटना: करीब साढ़े 3 साल बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रविवार को पटना आए. पार्टी में दरकिनार किये जाने से खफा तेजप्रताप ने पिता के स्वागत के लिए अपने घर पर इंतजाम किया था. 'पिताजी आपका स्वागत है' का बैनर लगाया था. अपने छात्र जनशक्ति परिषद के सदस्यों को भी बुलाया था. एयरपोर्ट पर पिता से मुलाकात के दौरान तेजप्रताप ने उन्हें घर आने का न्योता भी दिया.

यह भी पढ़ें- तेज प्रताप की राबड़ी आवास में NO ENTRY, बोले- 'मुझे अंदर जाने का परमिशन नहीं है, यहीं से लौट रहे हैं'

लालू यादव एयरपोर्ट से सीधे राबड़ी आवास चले गए. तेजप्रताप को अपनी मां के घर में जाने नहीं दिया गया. पिता घर आए तेजप्रताप का यह सपना भी चकनाचूर हो गया. दुखी तेजप्रताप की आंखों से आंसू बहने लगे. गेट पर काफी देर तक पिता का इंतजार करते रहे फिर कहा, 'सब बर्बाद हो गया. मैं काफी दुखी हूं.' उन्होंने जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय पर राजद को बर्बाद करने का आरोप लगाया. पिता के घर नहीं आने से नाराज तेजप्रताप गेट के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए. बाद में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजप्रताप के घर आए और उन्हें मनाकर सारे गिले-शिकवे दूर किये.

देखें वीडियो

इससे पहले रूआंसा होकर तेजप्रताप ने अपना दर्द मीडियाकर्मियों से साझा किया. उन्होंने कहा, 'आज खुशी का दिन था, लेकिन सब बर्बाद हो गया. हमलोगों ने पूरी कोशिश की इसे बचाने के लिए, लेकिन लोगों ने मेरी बेइज्जती की, मजाक उड़ाया. सुनील सिंह, जगदानंद सिंह और संजय ने माहौल बेकार कर दिया. बहुत दुखी हो रहा हूं. आंसू बह रहे हैं. लोगों ने पार्टी बर्बाद करने का बीड़ा उठा लिया है. ये सब वही आरएसएस वाले लोग हैं, जिन्होंने पिताजी को जेल भेजा था. शिवानंद तिवारी ने पिताजी को जेल भेजा था. वैसे-वैसे लोगों को पार्टी में रखा गया है. जो मेहनती हैं, काम कर रहे हैं, उन्हें किनारे किया गया है.'

तेजप्रताप ने कहा, 'मैं अकेला नहीं हूं. मेरे साथ छात्र और नौजवान हैं. यही हमारे भाई-बहन सब हैं. उनलोगों ने पार्टी को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया है. उनलोगों ने पार्टी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. अगर इस तरह का रवैया होगा तो मेरा अर्जुन (तेजस्वी यादव) गद्दी (मुख्यमंत्री की कुर्सी) पर नहीं बैठ पाएगा. प्रॉब्लम (समस्या) हो जाएगा. मैंने तो शुरू से ही यह कहा है कि हम अर्जुन को मुख्यमंत्री बनाएंगे. फिरकापरस्त और सामंतवादी ताकतों ने डेरा जमा लिया है ताकि किसानों को उनका हक न मिले, मजदूरों को उनका अधिकार न मिले.'

"राजद में शामिल आरएसएस के लोग पूरी तरीके से संगठन को बर्बाद कर रहे हैं. छात्र नौजवान इंतजार कर रहे थे. एयरपोर्ट पर हमलोग लालू जी को रिसीव करने गए थे तब हमारी बात हुई थी. हमने आने का न्योता दिया था. छात्र उनका इंतजार कर रहे थे. कई बार मेरी बात हुई है, लेकिन किसी तरह की पहल नहीं हुई है. हमने तो उनके स्वागत का बोर्ड लगाया था. मुझे दुख हुआ है. सभी लोगों को दुख हुआ है. यहां हम बैठे हुए हैं. अभी भी दुख हो रहा है. जगदानंद सिंह आरएसएस के एजेंट हैं. हम तो गरीब और मजदूर की बात करते हैं. गरीब का पैर धोना चाहिए. मजदूर मेहनत करते हैं. उनको हमें माला पहनाना चाहिए. उन्हें टोपी पहनाना चाहिए और सलाम करना चाहिए."- तेजप्रताप यादव, राजद नेता

यह भी पढ़ें- लालू के बयान पर बिहार में बवाल, भक्तचरण दास को कहा था 'भकचोन्हर'

पटना: करीब साढ़े 3 साल बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रविवार को पटना आए. पार्टी में दरकिनार किये जाने से खफा तेजप्रताप ने पिता के स्वागत के लिए अपने घर पर इंतजाम किया था. 'पिताजी आपका स्वागत है' का बैनर लगाया था. अपने छात्र जनशक्ति परिषद के सदस्यों को भी बुलाया था. एयरपोर्ट पर पिता से मुलाकात के दौरान तेजप्रताप ने उन्हें घर आने का न्योता भी दिया.

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लालू यादव एयरपोर्ट से सीधे राबड़ी आवास चले गए. तेजप्रताप को अपनी मां के घर में जाने नहीं दिया गया. पिता घर आए तेजप्रताप का यह सपना भी चकनाचूर हो गया. दुखी तेजप्रताप की आंखों से आंसू बहने लगे. गेट पर काफी देर तक पिता का इंतजार करते रहे फिर कहा, 'सब बर्बाद हो गया. मैं काफी दुखी हूं.' उन्होंने जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय पर राजद को बर्बाद करने का आरोप लगाया. पिता के घर नहीं आने से नाराज तेजप्रताप गेट के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए. बाद में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजप्रताप के घर आए और उन्हें मनाकर सारे गिले-शिकवे दूर किये.

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इससे पहले रूआंसा होकर तेजप्रताप ने अपना दर्द मीडियाकर्मियों से साझा किया. उन्होंने कहा, 'आज खुशी का दिन था, लेकिन सब बर्बाद हो गया. हमलोगों ने पूरी कोशिश की इसे बचाने के लिए, लेकिन लोगों ने मेरी बेइज्जती की, मजाक उड़ाया. सुनील सिंह, जगदानंद सिंह और संजय ने माहौल बेकार कर दिया. बहुत दुखी हो रहा हूं. आंसू बह रहे हैं. लोगों ने पार्टी बर्बाद करने का बीड़ा उठा लिया है. ये सब वही आरएसएस वाले लोग हैं, जिन्होंने पिताजी को जेल भेजा था. शिवानंद तिवारी ने पिताजी को जेल भेजा था. वैसे-वैसे लोगों को पार्टी में रखा गया है. जो मेहनती हैं, काम कर रहे हैं, उन्हें किनारे किया गया है.'

तेजप्रताप ने कहा, 'मैं अकेला नहीं हूं. मेरे साथ छात्र और नौजवान हैं. यही हमारे भाई-बहन सब हैं. उनलोगों ने पार्टी को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया है. उनलोगों ने पार्टी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. अगर इस तरह का रवैया होगा तो मेरा अर्जुन (तेजस्वी यादव) गद्दी (मुख्यमंत्री की कुर्सी) पर नहीं बैठ पाएगा. प्रॉब्लम (समस्या) हो जाएगा. मैंने तो शुरू से ही यह कहा है कि हम अर्जुन को मुख्यमंत्री बनाएंगे. फिरकापरस्त और सामंतवादी ताकतों ने डेरा जमा लिया है ताकि किसानों को उनका हक न मिले, मजदूरों को उनका अधिकार न मिले.'

"राजद में शामिल आरएसएस के लोग पूरी तरीके से संगठन को बर्बाद कर रहे हैं. छात्र नौजवान इंतजार कर रहे थे. एयरपोर्ट पर हमलोग लालू जी को रिसीव करने गए थे तब हमारी बात हुई थी. हमने आने का न्योता दिया था. छात्र उनका इंतजार कर रहे थे. कई बार मेरी बात हुई है, लेकिन किसी तरह की पहल नहीं हुई है. हमने तो उनके स्वागत का बोर्ड लगाया था. मुझे दुख हुआ है. सभी लोगों को दुख हुआ है. यहां हम बैठे हुए हैं. अभी भी दुख हो रहा है. जगदानंद सिंह आरएसएस के एजेंट हैं. हम तो गरीब और मजदूर की बात करते हैं. गरीब का पैर धोना चाहिए. मजदूर मेहनत करते हैं. उनको हमें माला पहनाना चाहिए. उन्हें टोपी पहनाना चाहिए और सलाम करना चाहिए."- तेजप्रताप यादव, राजद नेता

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Last Updated : Oct 24, 2021, 10:13 PM IST
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