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सात समंदर पार होगा रागिनी का घर, शिकागो के दंपती ने लिया गोद

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Published : Dec 18, 2021, 11:00 PM IST

दानापुर की रागिनी को माता-पिता का साथ मिल गया है. अब उसका भरण-पोषण ममता की आंचल में होगा. दानापुर के नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था पहुंचे शिकागो के दंपती ने उसे गोद लिया है. पढ़ें रिपोर्ट...

शिकागो के दंपती ने रागिनी को लिया गोद
शिकागो के दंपती ने रागिनी को लिया गोद

पटना: दानापुर की सात साल की दिव्यांग रागिनी (Seven Year Old Divyaang Ragini) को परिवार मिल गया है. अमेरिका के शिकागो के दंपती ने रागिनी को गोद लिया (American Couple Adopted Ragini) है. दानापुर के लेखानगर स्थित नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था से सात साल की दिव्यांग बालिका को यूएसए शिकागो के बिजनसमैन दंपती ने गोद लिया है. माता-पिता से बिछड़ी रागिनी अब यूएसए के रॉबर्ट और मेगन के साथ रहेगी. पिछले पांच साल से अनाथ बालिका रागिनी का जीवन महज खाने, खेलने और अपने माता-पिता से मिलने की चाह में बीत रहा था.

यह भी पढ़ें- 2 साल की नंदनी को मिला माता-पिता का प्यार, NRI दंपत्ति ने ली गोद

सिवान के गांधी मैदान में लावारिश हालत में मिली रागिनी को सिवान स्थित विशिष्ट दत्तक गृह में रखा गया था. लावारिस बच्चे में से बहुत कम का भविष्य ऐसा होता है, जो रातों-रात बदल जाता है. ऐसा ही कुछ रागिनी के साथ हुआ. यूएसए के रॉबर्ट और मेगन ने जब उसका फोटो देखा तो जिला प्रशासन से संपर्क कर रागिनी को गोद लेने की इच्छा जताई. दिव्यांग बालिका रागिनी को गोद लेने की सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कराने के बाद शनिवार को नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था पहुंचे. संस्था ने बच्ची रागिनी को उन्हें सौंप दिया.

शिकागो के दंपती ने रागिनी को लिया गोद

पालक माता-पिता ने इस दिव्यांग बालिका के भविष्य बदलने की जिम्मेदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूएसए दंपती ने रागिनी के जीवन में खुशियां भर दी है. लाखों लावारिस में से एक बच्चा ऐसा होता है, जिसके जीवन में ऐसे पल आते हैं.

'यूएसए के शिकागो निवासी रॉबर्ट और मेगन ने दो साल पूर्व नालंदा से लावारिस बच्ची निध्या को गोद लिया था. उन्होंने बताया कि रागिनी पांच साल पूर्व सिवान के गांधी मैदान में लावारिस हालत में मिली थी. उसका सिवान के विशिष्ट दत्तक गृह में पालन किया गया. वहां से मोकामा बालिका दत्तक गृह में रखा गया था. रागिनी को मोकामा बालिका गृह से नारी गुंजन दत्तक सृजन संस्था लाया गया. यहां से यूएसएस के शिकागो दंपत्ति को सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सौंपा गया है. रागिनी को उसका नया परिवार मिल गया है. उसे न केवल पालक माता-पिता का सहारा मिला है, बल्कि प्रेम और एक आंचल भी मिल गया है.' -पद्मश्री सुधा वर्गीज, सचिव, नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था

यह भी पढ़ें- सात समंदर पार मिला बिहार की बेटी श्रेया को नया घर, लक्जमबर्ग दंपति ने कहा- 'इंडिया इज ग्रेट'

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सिवान के गांधी मैदान में लावारिश हालत में मिली रागिनी को सिवान स्थित विशिष्ट दत्तक गृह में रखा गया था. लावारिस बच्चे में से बहुत कम का भविष्य ऐसा होता है, जो रातों-रात बदल जाता है. ऐसा ही कुछ रागिनी के साथ हुआ. यूएसए के रॉबर्ट और मेगन ने जब उसका फोटो देखा तो जिला प्रशासन से संपर्क कर रागिनी को गोद लेने की इच्छा जताई. दिव्यांग बालिका रागिनी को गोद लेने की सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कराने के बाद शनिवार को नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था पहुंचे. संस्था ने बच्ची रागिनी को उन्हें सौंप दिया.

शिकागो के दंपती ने रागिनी को लिया गोद

पालक माता-पिता ने इस दिव्यांग बालिका के भविष्य बदलने की जिम्मेदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूएसए दंपती ने रागिनी के जीवन में खुशियां भर दी है. लाखों लावारिस में से एक बच्चा ऐसा होता है, जिसके जीवन में ऐसे पल आते हैं.

'यूएसए के शिकागो निवासी रॉबर्ट और मेगन ने दो साल पूर्व नालंदा से लावारिस बच्ची निध्या को गोद लिया था. उन्होंने बताया कि रागिनी पांच साल पूर्व सिवान के गांधी मैदान में लावारिस हालत में मिली थी. उसका सिवान के विशिष्ट दत्तक गृह में पालन किया गया. वहां से मोकामा बालिका दत्तक गृह में रखा गया था. रागिनी को मोकामा बालिका गृह से नारी गुंजन दत्तक सृजन संस्था लाया गया. यहां से यूएसएस के शिकागो दंपत्ति को सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सौंपा गया है. रागिनी को उसका नया परिवार मिल गया है. उसे न केवल पालक माता-पिता का सहारा मिला है, बल्कि प्रेम और एक आंचल भी मिल गया है.' -पद्मश्री सुधा वर्गीज, सचिव, नारी गुंजन सृजन दत्तक संस्था

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