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RJD ने उठाया बिहार में खाद की कालाबाजारी का मुद्दा तो बोले कृषि मंत्री- जिसने की गड़बड़ी, उस पर हुई कार्रवाई

आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह (RJD MLC Sunil Kumar Singh) ने सदन में कहा कि बिहार में खाद की कालाबाजारी (Black Marketing of Fertilizers in Bihar) हो रही है लेकिन विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है. इस पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने पलटवार करते हुए कहा कि जहां-जहां गड़बड़ियां हुई हैं, वहां लगातार कार्रवाई भी हो रही है. जो भी अधिकारी गड़बड़ी करेंगे, उसे हम छोड़ने वाले नहीं हैं.

बिहार में खाद की कालाबाजारी
बिहार में खाद की कालाबाजारी
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Published : Mar 9, 2022, 7:23 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में बुधवार को कृषि विभाग का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget of Agriculture Department) पेश हुआ. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने बिहार में खाद की कालाबाजारी (Black Marketing of Fertilizers in Bihar) को लेकर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) को घेरा. आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह (RJD MLC Sunil Kumar Singh) ने कहा कि भारत सरकार यह दावा करती है कि किसानों की आय को दोगुना करेंगे लेकिन बिहार में लगातार खाद की कालाबाजारी हो रही है.

ये भी पढ़ें: सदन में गूंजा खाद की कालाबाजारी और गव्य विकास के ट्रेनिंग सेंटर का मामला, आरजेडी MLC ने उठाए सवाल

खाद की कालाबाजारी पर विपक्ष मुखर: आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री के जिले में लगातार किसान ऊंची कीमत में खाद खरीद रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी करने वाली सरकार है. सच्चाई यही है कि जिलों में अधिकारी जमकर रिश्वत ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सासाराम में फूड कॉरपोरेशन विभाग द्वारा उसना चावल के बदले उसना चावल देने के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत ली गई है. इस पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली. आरजेडी विधान पार्षद ने कहा कि हमारे पास सबूत है कि किस तरह से फूड कॉरपोरेशन विभाग में सबसे पहले उसना चावल खरीदने की बात मिलरों से की और बाद में उसे अरवा चावल में बदल दिया गया. इसमें बड़ी राशि की लेन-देन की गई.

कृषि मंत्री का विपक्ष को जवाब: वहीं कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह विपक्षी सदस्यों की बातों से साफ इनकार करते नजर आए. उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी सिर्फ विपक्ष को सूझ रहा है, जबकि किसानों के लिए कितना काम विभाग ने किया है उसके बारे में वह चर्चा नहीं करते करते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर खाद की किल्लत हुई है, यह बात हम मानते हैं लेकिन जहां-जहां गड़बड़ियां हुई हैं वहां लगातार कार्रवाई भी हो रही है. जो भी अधिकारी इसमें गड़बड़ी करेंगे, उसे हम छोड़ने वाले नहीं हैं.

किसानों के लिए हुए अनेकों काम: कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभाग ने कई तरह के अनुदान भी किसानों को दिए हैं. जैविक खेती किस तरह से सफल हो, इसको लेकर भी विभाग काम कर रहा है. वहीं, उनसे जब पूछा गया कि क्या विभाग में जो गड़बड़ी सामने आ रही है, उस पर कार्रवाई होगी? इस पर उन्होंने कहा कि जो मामला मेरे सामने आएगा, निश्चित तौर से उसमें दोषी अधिकारियों पर हम कार्रवाई करेंगे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के सदस्य कुछ भी कहें, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि किसानों का उत्पादन इस बार बंपर होने वाला है.

ये भी पढ़ें: बक्सर में खाद के लिए हाहाकार, यूरिया के लिए UP का चक्कर लगा रहे किसान

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पटना: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में बुधवार को कृषि विभाग का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget of Agriculture Department) पेश हुआ. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने बिहार में खाद की कालाबाजारी (Black Marketing of Fertilizers in Bihar) को लेकर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) को घेरा. आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह (RJD MLC Sunil Kumar Singh) ने कहा कि भारत सरकार यह दावा करती है कि किसानों की आय को दोगुना करेंगे लेकिन बिहार में लगातार खाद की कालाबाजारी हो रही है.

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खाद की कालाबाजारी पर विपक्ष मुखर: आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री के जिले में लगातार किसान ऊंची कीमत में खाद खरीद रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी करने वाली सरकार है. सच्चाई यही है कि जिलों में अधिकारी जमकर रिश्वत ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सासाराम में फूड कॉरपोरेशन विभाग द्वारा उसना चावल के बदले उसना चावल देने के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत ली गई है. इस पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली. आरजेडी विधान पार्षद ने कहा कि हमारे पास सबूत है कि किस तरह से फूड कॉरपोरेशन विभाग में सबसे पहले उसना चावल खरीदने की बात मिलरों से की और बाद में उसे अरवा चावल में बदल दिया गया. इसमें बड़ी राशि की लेन-देन की गई.

कृषि मंत्री का विपक्ष को जवाब: वहीं कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह विपक्षी सदस्यों की बातों से साफ इनकार करते नजर आए. उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी सिर्फ विपक्ष को सूझ रहा है, जबकि किसानों के लिए कितना काम विभाग ने किया है उसके बारे में वह चर्चा नहीं करते करते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर खाद की किल्लत हुई है, यह बात हम मानते हैं लेकिन जहां-जहां गड़बड़ियां हुई हैं वहां लगातार कार्रवाई भी हो रही है. जो भी अधिकारी इसमें गड़बड़ी करेंगे, उसे हम छोड़ने वाले नहीं हैं.

किसानों के लिए हुए अनेकों काम: कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभाग ने कई तरह के अनुदान भी किसानों को दिए हैं. जैविक खेती किस तरह से सफल हो, इसको लेकर भी विभाग काम कर रहा है. वहीं, उनसे जब पूछा गया कि क्या विभाग में जो गड़बड़ी सामने आ रही है, उस पर कार्रवाई होगी? इस पर उन्होंने कहा कि जो मामला मेरे सामने आएगा, निश्चित तौर से उसमें दोषी अधिकारियों पर हम कार्रवाई करेंगे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के सदस्य कुछ भी कहें, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि किसानों का उत्पादन इस बार बंपर होने वाला है.

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