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बिहार में दुष्कर्मियों की खैर नहीं.. पुलिस को मिला 98 सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट - etv bharat bihar

बिहार के 98 पुलिस सब डिवीजन में सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट उपलब्ध कराया जा रहा है. दुष्कर्म जैसी घटना में इस किट के जरिये जरूरी सबूत ढूंढने में मदद मिलेगी. ब्लड सैंपल और सीमेन से कई प्रकार की जांच हो सकेगी. पढ़ें रिपोर्ट..

सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट
सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट
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Published : Jan 14, 2022, 3:25 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 3:52 PM IST

पटना: महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराधों के मामले में वृद्धि हो रही है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को महिलाओं के विरुद्ध होने वाले गंभीर अपराध जैसे यौन हिंसा से जुड़े मामले को वैज्ञानिक अनुसंधान तथा साक्ष्य जमा करने के लिए एक विशेष तरह की किट उपलब्ध कराया है. इस किट को सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट (Sexual Assault Evidence Collection Kit) कहा जाता है. बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा 98 पुलिस अनुमंडल में किट उपलब्ध कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बिहार के सभी जिलों में होगा बालमित्र थाना का निर्माण, महिला अपराध की जांच के लिए स्‍पेशल टीम का गठन

इस किट को कैसे यूज करना है, इसके बारे में भी महिला पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. वहीं महिलाओं के विरुद्ध गंभीर घटनाओं के त्वरित एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सभी जिले में विशेष अन्वेषण इकाई का गठन किया गया है.

पुलिस को मिला 98 सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट

दरअसल, यौन हिंसा और दुष्कर्म जैसे अपराधों में मेडिकल जांच में देरी होने से कई बार सबूत नष्ट हो जाते थे, इसकी वजह से ऐसे मामले में अपराधी सजा से बच जाते थे. इस किट से दुष्कर्म व सैक्सुअल हैरेसमेंट जैसी घटनाओं में सबूत नष्ट होने से पहले वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करने में मदद मिलेगी. दरअसल, यह किट केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने देशभर के पुलिस को सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट उपलब्ध कराई है. बिहार को 98 किट उपलब्ध हुआ है.

इस किट को लाने से राज्य में अपराधियों को दिलाई गई सजा का रेट बढ़ेगा. बिहार पुलिस को दी जाने वाली या सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट में कुल 18 उपकरण हैं. इनके जरिए ब्लड सैंपल, सिमेन जैसे सबूत वैज्ञानिक ढंग से इकट्ठा किया जा सकेगा. इससे छेड़छाड़ करना असंभव होगा. माना जा रहा है कि इससे केस को मजबूत बनाने में पुलिस को मदद मिलेगी. ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलाई जा सकेगी. दरअसल कई बार दुष्कर्म जैसी घटनाओं मैं सैंपल कलेक्शन के दौरान कुछ जरूरी चीजें छूट जाती हैं, लेकिन इस किट के चलते ऐसा ना के बराबर होगा.

इस किट के माध्यम से सैंपल कलेक्शन में काफी मदद मिलती है. इसमें सैंपल इकट्ठा करने के लिए एक बॉक्स, माइक्रोस्कोप स्लाइड और प्लास्टिक बैग होता है, जिसमें अलग-अलग कलेक्शन को इकट्ठा कर रखा जा सकेगा. सबूत नष्ट नहीं किया जा सकेगा. अमूमन ऐसा होता है कि घटना घटित होने के कुछ दिनों बाद साक्ष्य मिट जाता है और बाद में उस आधार पर आरोपी बरी हो जाता है. इसके माध्यम से तुरंत साक्ष्य इकट्ठा किया जाएगा और जल्द से जल्द दोषी को सजा दिलवाई जा सकेगी.

ये भी पढ़ें: पटना: साल दर साल बढ़ रहा बच्चों के गायब होने का आंकड़ा, NCRB की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

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पटना: महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराधों के मामले में वृद्धि हो रही है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को महिलाओं के विरुद्ध होने वाले गंभीर अपराध जैसे यौन हिंसा से जुड़े मामले को वैज्ञानिक अनुसंधान तथा साक्ष्य जमा करने के लिए एक विशेष तरह की किट उपलब्ध कराया है. इस किट को सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट (Sexual Assault Evidence Collection Kit) कहा जाता है. बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा 98 पुलिस अनुमंडल में किट उपलब्ध कराया जा रहा है.

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इस किट को कैसे यूज करना है, इसके बारे में भी महिला पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. वहीं महिलाओं के विरुद्ध गंभीर घटनाओं के त्वरित एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सभी जिले में विशेष अन्वेषण इकाई का गठन किया गया है.

पुलिस को मिला 98 सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट

दरअसल, यौन हिंसा और दुष्कर्म जैसे अपराधों में मेडिकल जांच में देरी होने से कई बार सबूत नष्ट हो जाते थे, इसकी वजह से ऐसे मामले में अपराधी सजा से बच जाते थे. इस किट से दुष्कर्म व सैक्सुअल हैरेसमेंट जैसी घटनाओं में सबूत नष्ट होने से पहले वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करने में मदद मिलेगी. दरअसल, यह किट केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने देशभर के पुलिस को सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट उपलब्ध कराई है. बिहार को 98 किट उपलब्ध हुआ है.

इस किट को लाने से राज्य में अपराधियों को दिलाई गई सजा का रेट बढ़ेगा. बिहार पुलिस को दी जाने वाली या सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट में कुल 18 उपकरण हैं. इनके जरिए ब्लड सैंपल, सिमेन जैसे सबूत वैज्ञानिक ढंग से इकट्ठा किया जा सकेगा. इससे छेड़छाड़ करना असंभव होगा. माना जा रहा है कि इससे केस को मजबूत बनाने में पुलिस को मदद मिलेगी. ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलाई जा सकेगी. दरअसल कई बार दुष्कर्म जैसी घटनाओं मैं सैंपल कलेक्शन के दौरान कुछ जरूरी चीजें छूट जाती हैं, लेकिन इस किट के चलते ऐसा ना के बराबर होगा.

इस किट के माध्यम से सैंपल कलेक्शन में काफी मदद मिलती है. इसमें सैंपल इकट्ठा करने के लिए एक बॉक्स, माइक्रोस्कोप स्लाइड और प्लास्टिक बैग होता है, जिसमें अलग-अलग कलेक्शन को इकट्ठा कर रखा जा सकेगा. सबूत नष्ट नहीं किया जा सकेगा. अमूमन ऐसा होता है कि घटना घटित होने के कुछ दिनों बाद साक्ष्य मिट जाता है और बाद में उस आधार पर आरोपी बरी हो जाता है. इसके माध्यम से तुरंत साक्ष्य इकट्ठा किया जाएगा और जल्द से जल्द दोषी को सजा दिलवाई जा सकेगी.

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Last Updated : Jan 14, 2022, 3:52 PM IST
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