पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) के बावजूद रोजाना शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है. हाल के दिनों में बेतिया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर समेत अन्य जगहों पर जहरीली शराब पीने से 40 से 45 लोगों की मौत (Death By Drinking Spurious Liquor) हो गई. राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव में भी शराब तस्कर काफी सक्रिय होते हैं. जिसका नतीजा यह है कि हालिया दिनों में पटना जंक्शन (Patna Junction) पर 20 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर के बीच 800 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की गई है.
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शराब माफिया शराब तस्करी के लिए ट्रेन का भी सहारा लेते हैं. ट्रेन के माध्यम से अलग-अलग शहर में शराब पहुंचाई जा रही है. जिसका नतीजा है कि प्रतिदिन पटना जंक्शन पर शराब पकड़ी जा रही है. 20 तारीख को 150 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की गई थी. 24 तारीख को 58 लीटर, 25 तारीख को 56 लीटर, 26 तारीख को 25 लीटर, 27 तारीख को 20 लीटर और 7 नवंबर को 88 लीटर शराब पकड़ी गई. इस तरह 20 दिनों में लगभग 800 लीटर अंग्रेजी शराब जीआरपी ने बरामद की है.
जीआरपी थाना प्रभारी रंजीत कुमार का कहना है कि शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए जीआरपी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है. सक्रियता का ही नतीजा है कि प्रतिदिन शराब तस्कर के मंसूबे पर पानी फिर रहा है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी हो रही है. उन्होंने बताया कि शराब माफिया भीड़भाड़ का फायदा उठाते हैं, लेकिन जीआरपी की तरफ से लगातार अभियान चलाया जा रहा है. जिसके कारण भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब और महुआ भी बरामद की जा रही है.
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कुल मिलाकर देखा जाए तो शराब तस्कर तरह-तरह की तरकीब आजमाकर शहर में शराब की खेप ला रहे हैं. ट्रेन के शौचालय से लेकर अलग-अलग जगहों पर लावारिस हालत में रख देते हैं. अगर रेल पुलिस छापेमारी करती है तो तस्कर वहां से हट जाते हैं और छापेमारी नहीं होने पर तस्कर शराब की खेप लेकर शहर में प्रवेश कर जाते हैं.
पटना जंक्शन पर जो ट्रेन यूपी-झारखंड और दिल्ली से आती है, उसी ट्रेन में अक्सर शराब बरामद होती है. हर दिन किसी न किसी ट्रेन से शराब की बरामदगी हो रही है. बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी ट्रेनों से शराब की तस्करी की जा रही है.