पटनाः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार विधानसभा में सुबह से हलचल बना रहा है. 10:00 बजे से वोटिंग शुरू हुई लेकिन उससे पहले ही कई दलों के विधायक विधानसभा पहुंच चुके थे और लाइन में लग चुके थे. पहला वोट विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Assembly Speaker Vijay Sinha) ने दिया. बिहार सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने लाइन में लगकर वोट डाला. कांग्रेस और आरजेडी नेताओं का दावा अभी भी है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर अंतरात्मा की आवाज सुनकर विधायकों ने वोट किया है. उन्हें यशवंत सिन्हा के जीत की उम्मीद है. वहीं एनडीए के घटक दलों ने साफ कहा कि कहीं कोई मुकाबला नहीं है. भारी अंतर से द्रौपदी मुर्मू जीतेंगी और विपक्ष तो 21 जुलाई तक इसी तरह कहता रहेगा.
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिहार के विधायकों की वोटिंग की व्यवस्था विधानसभा के वाचनालय में किया गया था. बिहार सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों ने भी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया. दोपहर तक अधिकांश वोट मत पेटी में डाले जा चुके थे. बिहार विधानसभा में ऐसे तो 243 विधायक हैं लेकिन अनंत सिंह की सदस्यता समाप्त हो चुकी है और एक विधायक अनुपस्थित रहे तो कुल 241 विधायकों ने अपना वोट डाला. कांग्रेस और आरजेडी नेताओं को अभी भी उम्मीद है कि यशवंत सिन्हा की जीत होगी.
विपक्ष को यशवंत सिन्हा के जीत का भरोसाः कांग्रेस के पोलिंग एजेंट राजेश राम का कहना है. हम लोग ना उम्मीद नहीं हैं. संयुक्त विपक्ष का साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जीत होगी. वहीं आरजेडी विधायक ललित यादव का कहना है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति के लिए योग्य उम्मीदवार हैं और इसलिए अंतरात्मा की आवाज पर बिहार के विधायकों ने वोट की होगी.
एनडीए का दावा द्रौपदी मुर्मू भारी मतों के अंतर से जीतेंगीः एनडीए घटक दल के नेताओं का तो साफ कहना है 21 जुलाई तक विपक्ष इसी तरह से उम्मीद की बात करेगा. लेकिन द्रौपदी मुर्मू भारी अंतर से जीतेंगी. बीजेपी के कुमार शैलेंद्र का कहना है कि आरजेडी और कांग्रेस में तो तालमेल है ही नहीं. तेजस्वी यादव ने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है. बड़ी संख्या में महिलाएं द्रौपदी मुर्मू को वोट की होंगी. वहीं मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि विपक्ष के लोग 21 जुलाई तक इसी तरह से दावे और उम्मीद की बात करेंगे. लेकिन द्रौपदी मुर्मू भारी अंतर से जीत रही हैं.
कोरोना संक्रमित विधायक ने किया मतदानः बीजेपी के एक मंत्री दिल्ली में इलाज कराने के कारण वोट डालने नहीं आए तो वहीं सीतामढ़ी के बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार एंबुलेंस से वोट डालने पहुंचे और स्ट्रेचर के माध्यम से वोट डाला. जदयू के एक विधायक दामोदर रावत कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सबसे अंत में आए. पहला वोट विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने दिया और सुबह में विधायकों की लंबी लाइन लग गई.
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के 56 सांसदों ने लिया हिस्सा : राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के कुल 56 सांसदों ने हिस्सा लिया और विधायकों की संख्या 243 है. वोट के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन जदयू की भूमिका भी अहम है. बिहार के एक विधायक का वोट वैल्यू 173 है. इस हिसाब से देखें तो विधायकों का वोट वैल्यू 42,039 है. वहीं, राज्यसभा और लोकसभा के सांसद का वोट वैल्यू 700 है. बिहार में 56 सांसद हैं, इसलिए सांसदों का वोट वैल्यू 39,200 है. बिहार में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 81,230 वोट हैं. वोट के लिहाज से एनडीए की स्थिति मजबूत दिख रही है. जदयू, बीजेपी, हम और रालोजपा का वोट मिला दें, तो कुल मिलाकर 55,398 वोट होते हैं. दूसरी तरफ महागठबंधन की बात करें तो, महागठबंधन के पास कुल मिलाकर 24,130 वोट है और इसमें अगर एआईएमआईएम के 5 विधायकों का वोट जोड़ दिया जाए तो विपक्ष के पास वोटों की संख्या 24,968 हो जाती है. अब एआईएमआईएम के 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो चुके हैं.
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