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पहले दिन ही बच्चों के वैक्सीनेशन में गड़बड़ी: नालंदा में दो भाइयों को Covaxin की जगह दे दी Covishield - etv bihar

नालंदा में लापरवाह स्वास्थ विभाग की करतूत दो किशोरों पर भारी पड़ सकती है. जहां दो किशोर भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगाया (Covishield vaccinated instead of Covaxin) गया. अब परिजनों को किसी अनहोनी होने की चिंता सता रही है. पढ़ें पूरी खबर..

नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही
नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही
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Published : Jan 4, 2022, 8:00 AM IST

Updated : Jan 4, 2022, 2:32 PM IST

नालंदा: बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही (Negligence in Vaccination of Children in Nalanda) सामने आई है, जिसका नतीजा दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है. एक ओर जहां पूरे देश में किशोर और किशोरियों को को-वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है. वहीं, नालंदा में दो किशोर भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया. दोनों किशोर का नाम पियूष रंजन और आर्यन किरण है, दोनों बिहार शरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर आज क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक, CM नीतीश लेंगे बड़ा फैसला

किशोर पीयूष रंजन ने बताया कि उन्होंने रविवार को को-वैक्सीन का स्लॉट बुक किया था. सोमवार को सुबह 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल में वैक्सीनेशन के लिए गए थे, जहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्होंने टीका लगवाया. जिसके बाद पता चला कि उसे और उसके भाई को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दे दिया गया है. जिसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर के द्वारा बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी.

नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

किशोर के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है. इस मामले में जब वो सीएस कार्यालय गए, तो उन्हें डेढ़ घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कहकर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी, तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा. अब किशोर के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है. उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए.

ये भी पढ़ें- ..कहीं सुपर स्प्रेडर ना बन जाए NMCH, तीन दिनों में 168 डॉक्टर और छात्र मिले कोरोना पॉजिटिव

उन्होंने कहा कि एक ओर नालंदा में टीकाकरण में लापरवाही (Negligence in vaccination in Nalanda) बरती गई, वहीं दूसरी ओर जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है. उसमें भी कोविशील्ड की जगह को-वैक्सीन ही दर्शाया गया है. स्वास्थ्य विभाग खुद को सुरक्षित और किशोर व किशोरियों को असुरक्षित करने में लगा हुआ है. जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मी को वहां से हटा दिया गया, इस पर क्या कार्रवाई हुई है उन्हें नहीं पता.

''इसकी तो जांच होनी चाहिए, जांच में जो लोग दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लापरवाह और गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, अगर जांच में सत्यता पाई गई तो.''- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार

पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दरअसल, जो पूर्व में टीका दे रही थी, वो कोरोना पॉजिटिव हो गई थी. उसी की जगह पर नए जीएनएम के द्वारा यह गलती हुई है. किशोर के परिजनों को आश्वस्त कर दिया गया है. उन्हें स्वास्थ्य विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध करा दी गई है.

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नालंदा: बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही (Negligence in Vaccination of Children in Nalanda) सामने आई है, जिसका नतीजा दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है. एक ओर जहां पूरे देश में किशोर और किशोरियों को को-वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है. वहीं, नालंदा में दो किशोर भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया. दोनों किशोर का नाम पियूष रंजन और आर्यन किरण है, दोनों बिहार शरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं.

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किशोर पीयूष रंजन ने बताया कि उन्होंने रविवार को को-वैक्सीन का स्लॉट बुक किया था. सोमवार को सुबह 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल में वैक्सीनेशन के लिए गए थे, जहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्होंने टीका लगवाया. जिसके बाद पता चला कि उसे और उसके भाई को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दे दिया गया है. जिसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर के द्वारा बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी.

नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

किशोर के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है. इस मामले में जब वो सीएस कार्यालय गए, तो उन्हें डेढ़ घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कहकर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी, तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा. अब किशोर के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है. उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए.

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उन्होंने कहा कि एक ओर नालंदा में टीकाकरण में लापरवाही (Negligence in vaccination in Nalanda) बरती गई, वहीं दूसरी ओर जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है. उसमें भी कोविशील्ड की जगह को-वैक्सीन ही दर्शाया गया है. स्वास्थ्य विभाग खुद को सुरक्षित और किशोर व किशोरियों को असुरक्षित करने में लगा हुआ है. जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मी को वहां से हटा दिया गया, इस पर क्या कार्रवाई हुई है उन्हें नहीं पता.

''इसकी तो जांच होनी चाहिए, जांच में जो लोग दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लापरवाह और गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, अगर जांच में सत्यता पाई गई तो.''- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार

पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दरअसल, जो पूर्व में टीका दे रही थी, वो कोरोना पॉजिटिव हो गई थी. उसी की जगह पर नए जीएनएम के द्वारा यह गलती हुई है. किशोर के परिजनों को आश्वस्त कर दिया गया है. उन्हें स्वास्थ्य विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध करा दी गई है.

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Last Updated : Jan 4, 2022, 2:32 PM IST
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