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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड बॉर्डर पर फंसे नालंदा के छात्र, संदेश भेजकर लगा रहे सुरक्षा की गुहार

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine War) में भारी संख्या में बिहार के छात्र वहां विभिन्न इलाकों में फंसे हैं. वे भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. युद्ध के दौरान ही पोलैंड बार्डर पर पहुंचे नालंदा के छात्र ने संदेश भेजकर स्वदेश वापसी के लिए मदद की मांग की है. पढ़ें ये रिपोर्ट.

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Published : Feb 27, 2022, 10:31 AM IST

नालंदा: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते हजारों हिंदुस्तानियों की जान खतरे में हैं. जिनमें बिहार के भी कई छात्र (Bihar student in Ukraine) शामिल हैं. वे मेडिकल की की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए थे. छात्र यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं. इसमें नालंदा के कुछ छात्र अभी भी स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं. नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के छात्र निखिल और बिहार शरीफ के सोहसराय मोहल्ले के राहुल भी रूख यूक्रेन युद्ध के चलते वहां फंसे हैं.

इसके चलते उनके परिजन काफी चिंतित हैं. इस बारे में बातचीत करने पर वे सिसकने लगे और केंद्र एवं राज्य सरकार से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए सरकार से मांग की. इस दौरान छात्रों के परिजनों ने साथ ही बताया कि यूक्रेन में स्थिति बहुत ही भयावह है. वे पिछले कई घंटों से पोलैंड के बॉर्डर पर -3℃ के बीच सैकड़ों छात्र भूखे प्यासे खड़े हैं. उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रहा है. इससे छात्रों के परिजन काफी डरे-सहमे और आतंकित भी हैं. छात्र निखिल ने वीडियो संदेश भेजकर सुरक्षा की गुहार लगायी है. आपको बता दें कि निखिल और राहुल मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए सुशील मोदी ने पीएम मोदी का जताया आभार

आपको बता दें कि भारत सरकार की यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकालने की योजना है. वहां फंसे छात्रों को सीमा चौकियों पर पहुंचने के लिए कहा गया है. पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के दूतावास ने नई एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जो पोलैंड के रास्ते निकलना चाहते हैं वो भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर बस से पहुंचे. दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी गई है.

ये भी पढ़ें: यूक्रेन से लौटे छात्र और उनके परिजनों से डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद ने की बात, सकुशल लौटने पर दी शुकमामनाएं

उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी. दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में) अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है. दूतावास ने कहा है कि भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें.

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नालंदा: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते हजारों हिंदुस्तानियों की जान खतरे में हैं. जिनमें बिहार के भी कई छात्र (Bihar student in Ukraine) शामिल हैं. वे मेडिकल की की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए थे. छात्र यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं. इसमें नालंदा के कुछ छात्र अभी भी स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं. नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के छात्र निखिल और बिहार शरीफ के सोहसराय मोहल्ले के राहुल भी रूख यूक्रेन युद्ध के चलते वहां फंसे हैं.

इसके चलते उनके परिजन काफी चिंतित हैं. इस बारे में बातचीत करने पर वे सिसकने लगे और केंद्र एवं राज्य सरकार से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए सरकार से मांग की. इस दौरान छात्रों के परिजनों ने साथ ही बताया कि यूक्रेन में स्थिति बहुत ही भयावह है. वे पिछले कई घंटों से पोलैंड के बॉर्डर पर -3℃ के बीच सैकड़ों छात्र भूखे प्यासे खड़े हैं. उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रहा है. इससे छात्रों के परिजन काफी डरे-सहमे और आतंकित भी हैं. छात्र निखिल ने वीडियो संदेश भेजकर सुरक्षा की गुहार लगायी है. आपको बता दें कि निखिल और राहुल मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे.

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आपको बता दें कि भारत सरकार की यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकालने की योजना है. वहां फंसे छात्रों को सीमा चौकियों पर पहुंचने के लिए कहा गया है. पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के दूतावास ने नई एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जो पोलैंड के रास्ते निकलना चाहते हैं वो भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर बस से पहुंचे. दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी गई है.

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उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी. दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में) अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है. दूतावास ने कहा है कि भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें.

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