नालंदाः बहादुरपुर गांव में मजदूर को अपनी ही मजदूरी मांगना महंगा पड़ गया. दबंगों ने उसके दोनों कान काट लिए. दोनों आंख भी फोड़ दिया. उसके बाद एक बोरे में बंद कर गड्ढे में फेंक दिया. इस असहनीय पीड़ा को उपेंद्र रविदास सह ना सका और उसकी मौत हो गयी. मामला नालंदा (Nalanda Crime News) के चंडी थाना इलाके के बहादुरपुर गांव (Bahadurpur Village) का है. बता दें कि धान रोपनी की मजदूरी मांगने उपेंद्र अपने साला सिकंदर रविदास के साथ खेत मालिक के घर गया था. जहां लोगों ने उपेंद्र की निर्मम हत्या कर दी.
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मृतक के साले सिकंदर रविदास ने बताया कि उपेंद्र रविदास मेरे जीजा थे. वे रक्षाबंधन के मौके पर अपने ससुराल चंडी थाना इलाके के योगिया गांव आया हुआ था. सिकंदर ने बताया कि हम दोनों ने मिलकर 15 दिन पहले बहादुरपुर गांव निवासी दिनेश महतो के खेत में रोपनी की थी.
सिकंदर ने कहा, हम दोनों मजदूरी के रूप में 10-10 किलो चावल मांगने गए थे. इसी दौरान कहासुनी शुरू हो गई. जिसके बाद दिनेश महतो ने दबंगई करते हुए अपने गुर्गों को बुलाकर मारपीट शुरू कर दी. गुर्गों को उग्र होता देख मैं किसी तरह बचकर भाग निकला. लेकिन जीजा की उन लोगों ने मारपीट कर हत्या कर दी.
आरोप है कि उपेंद्र रविदास को लाठी-डंडों से इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई. सोमवार की सुबह इलाके के लोगों को बोरे में बंद उपेंद्र की लाश मिली. इधर, पुलिस को मामले की सूचना दी गई. पुलिस के पहुंचने से पहले सारे आरोपी फरार हो गए हैं. सभी की तलाश की जा रही है. छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेजा गया.
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