मुजफ्फरपुर: बिहार में कोरोना की लहर कम हुई तो चमकी बुखार ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से एक बच्चे की मौत (One Child died due to Chamki Bukhar in Muzaffarpur) हो गई. जिले के मेडिकल कॉलेज एसकेएमसीएच में भर्ती वैशाली जिले का रहने वाला कुंदन कुमार जिसकी उम्र 5 वर्ष थी, बीते 11 अप्रैल को परिजनों ने भर्ती कराया था, जिसकी इलाज के दौरान आज मौत हो गई.
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अब तक 2 बच्चों की मौत: एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर (SKMCH Muzaffarpur) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 12 बच्चे भर्ती हुए हैं, जिसमें से 10 बच्चे ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. वहीं, दो बच्चों की मौत हुई है. जिसमें से एक बच्चा सीतामढ़ी तो दूसरा वैशाली का रहने वाला है. सबसे बड़ी बात ये है कि अभी भी 5 सस्पेक्टेड केस जिसमें चमकी बुखार की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन लक्षण थोड़े बहुत हैं, वैसे बच्चे भर्ती हैं.
रोकथाम के लिए अभियान जारी: लगातार प्रशासन की तरफ से रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन, चमकी बुखार ने बीते वर्षों में जिस तरह से कहर बरपाया है, उस पर लगाम जरूर लगा है, लेकिन रफ्तार अभी भी जारी है. जरूरत है सभी लोगों को जागरूक रहने की और बच्चों पर विशेष ध्यान देने की. अन्यथा जिस तरह गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है, ऐसे में परेशानियां कम होती नहीं दिख रही है.
''एक बच्चा 11 अप्रैल को वैशाली से आया था, जिसकी मौत हो गई है. अब तक मेडिकल कॉलेज में 12 बच्चे इस बीमारी के आए थे, जिसमें से 10 बच्चे ठीक होकर घर जा चुके हैं. वहीं, दो बच्चों की अब तक मौत हुई है. अन्य 5 सस्पेक्टेड बच्चे भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है लेकिन अब तक इन सभी में पुष्टि नहीं है कि आखिर चमकी बुखार है या नहीं.''- डॉक्टर गोपाल सैनी, उपाधीक्षक, एसकेएमसीएच
चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
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