मुजफ्फरपुर: जिले की पुलिस पर दिव्यांगों के विशेषाधिकार के हनन का आरोप लग रहा है. दरअसल यहां दिव्यांगों के केस की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन तो हो गया, लेकिन अब पुलिस विशेष दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धाराओं में केस नहीं दर्ज कर रही है.
सोमवार को ऐसा ही एक पीड़ित न्याय की आस में एसएसपी से मिला. लेकिन मिलने से पहले उसे चार घंटे सीढ़ियों के पास बैठकर एसएसपी का इंतजार करना पड़ा. वहीं, दिव्यांग की शिकायत पर एसएसपी ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
6 साल से काट रहे अधिकारियों के चक्कर
मनियारी थाना क्षेत्र के माधोपुर निवासी दिव्यांग रवींद्र यादव ने बताया कि 6 साल पहले अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी. स्पाइनल कॉर्ड में गोली फंसे होने के कारण वह दिव्यांग हो गए थे. उन्होंने स्थानीय थाने में केस दर्ज करवाया था. लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट में खेल करते हुए पुलिस विशेष दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा नहीं लगाई. उन्होंने बताया कि जिले में विकलांगो के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया है. लेकिन पुलिस विकलांग के मामले में विशेष दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा नहीं लगा रही है. रवींद्र ने बताया कि वह कई सालों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनके मामले का निस्तारण नहीं किया जा रहा है.
4 घंटे किया एसएसपी का इंतजार
रवींद्र आज एसएसपी जयंत कांत से मुलाकात करने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे थे. लेकिन उनके ऑफिस में नहीं रहने के चलते उनको 4 घंटे सीढ़ियो के पास बैठकर उनका इंतजार करना पड़ा. उन्होंने बताया कि एसएसपी को लिखित शिकायती पत्र दिया है. साथ ही उन्होंने एसएसपी से उनके कार्यालय में दिव्यांगों के लिए सीढ़ी का निर्माण कराने की मांग की है. उन्होंने बताया कि एसएसपी ने आवेदन लेने के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. बता दें कि रविन्द्र यादव इससे पूर्व 1 बजे भी व्हीलचेयर पर एसएसपी मिलने पहुंचे. लेकिन नाकामयाब होने पर, वह एक पोस्टर बनाकर व्हीलचेयर पर एसएसपी ऑफिस के सामने बैठे रहे. पोस्टर में उन्होंने अपनी मांग भी लिखी थी.