मधुबनी: झंझारपुर कोर्ट के चर्चित एडीजे अविनाश कुमार (ADJ Avinash Kumar) से मारपीट के मामले में दोनों पुलिस अधिकारियों की जमानत की याचिका खारिज हो गयी है. मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम कोर्ट में जमानत को लेकर बहस हुई. करीब 20 मिनट तक हुई बहस में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एसीजेएम अजय शंकर प्रसाद ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.
ये भी पढ़ें: मधुबनी की रहने वाली अर्चना की आवाज में है जादू, मधुर संगीत से बिखेर रहीं परंपरा की खुशबू
जमानत अर्जी प्रस्तुत करने वाले वकील अभिषेक रंजन ने एसीजेएम के समक्ष बेलेबल केस होने की वजह से बेल देने के लिए जिरह किया. इधर, दूसरे पक्ष लक्ष्मेश्वर सिंह, हरेराम राय, बलराम सह आदि अधिवक्ताओं ने जमानत नहीं दिए जाने के लिए अपने अपने तर्क दिए. साथ ही अधिवक्ताओं ने थनाध्यक्ष गोपाल कृष्ण पर कोर्ट में तीन-तीन सीआर लंबित रहने को लेकर आवेदन देकर जमानत अर्जी खारिज करने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा की पुलिस अधिकारियों का आपराधिक इतिहास है. विभिन्न कोर्ट में पुलिस पदाधिकारी पर सीआर भी दर्ज है. जिसमें 152/21, 160/21 एवं 362 21 दर्ज है. इस वजह से इनकी जमानत नहीं हो सकती.
इधर, लोक अभियोजक डीएन पासवान ने भी जिरह के दौरान जमानत खारिज करने की मांग की. उन्होंने कहा कि पद का दुरुपयोग किया गया है. आम लोग क्या करेंगे. ऐसे लोगों को बेल नहीं मिलना चाहिए. एसीजेएम अजय शंकर प्रसाद ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों की जमानत अर्जी खारिज दी. अधिवक्ता अभिषेक रंजन ने कहा कि जमानत अर्जी पर सही से सुनवाई नहीं की गई. उनके मुवक्किल को यहां से जमानत मिल जानी चाहिए. उन पर बहुत सारी ऐसी धाराएं लगी हैं जो जमानत लायक हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी सात साल की सजा वाले मामले में जमानत देने की बात कही है.
बता दें कि झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे से मारपीट के आरोपित और झंझारपुर उपकारा में बंद तत्कालीन घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा की जमानत के लिए 14 दिसंबर को जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. 15 दिसंबर को सुनवाई हुई थी. इसमें न्यायालय ने डायरी की मांग की थी. एडीजे से मारपीट प्रकरण में आरोपी दोनों पुलिस अधिकारियों काे 10 दिसंबर को जेल भेजा गया था.
ये भी पढ़ें: राम मंदिर की तरह सीतामढ़ी में बने माता सीता का मंदिर : राम माधव
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP