कटिहार: आज के आसमान छूते महंगाई के दौर में कोई 5 आदमी का परिवार महज 46 रुपये प्रतिदिन के वेतन पर अपनी जिन्दगी कैसे गुजार सकता है? दरअसल, यह मामला शहर के कोलासी स्थित मनरेगा पार्क का है, जहां कार्यरत वन पोषकों को 14 सौ रुपये प्रति माह में अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ती है. वहीं, 9 महीने से उनका वेतन लंबित है. ऐसे हालात में इन वन पोषकों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है.
न्यूनतम मजदूरी से कम में काम कर रहे वन पोषक
बता दें कि प्रदेश में लागू लेबर एक्ट के अनुसार किसी भी लेबर को न्यूनतम मजदूरी 284 रुपये से कम नहीं दी जा सकती है. वहीं, इस मनरेगा पार्क में काम कर रहे वन पोषकों की मजदूरी मात्र 46 रुपये प्रतिदिन है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कोई भी व्यक्ति मात्र 46 रुपये प्रतिदिन के वेतन में अपनी जिंदगी कैसे गुजार सकता है.
बाहर काम कर काट रहे जिंदगी
मनरेगा पार्क में काम कर रहे वन पोषक त्रिलोकी ने बताया कि उनके परिवार में 5 लोग हैं. इतने कम वेतन में किसी तरह से उनकी जिंदगी कट रही है. ऐसे में उन्हें सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक इस पार्क में काम करने के बाद भी बाहर मजदूरी करना पड़ता है, ताकि उनके परिवार को दो वक्त की रोटी मिल पाए.
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