गया: बिहार पंचायत चुनाव ( Bihar Panchayat Election ) के आठवें चरण का आज मतदान हुआ. गया जिले के अति उग्रवाद प्रभावित डुमरिया व इमामगंज प्रखंड में वोटिंग हुई. नक्सलियों (Naxalites) के तीन दिवसीय बंद के आह्वान के बावजूद नक्सल प्रभावित संवेदनशील बूथों पर वोटिंग हुई. पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी लंबी कतारों में लगी हुई दिखी और अपने मतों का प्रयोग किया. नक्सल क्षेत्र में मतदान होने के कारण सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. गया पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति भी की गई थी.
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पूरे इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. विशेष परिस्थिति से निपटने को लेकर सेना ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी की भी व्यवस्था की गई थी. दोनों प्रखंडों के कुल 3116 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है. इसके लिए कुल 377 मतदान केन्द्र बनाए गए थे. सुरक्षा को देखते हुए डुमरिया प्रखंड के 25 एवं इमामगंज प्रखंड के 15 मतदान केंद्र को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया था. दोनों प्रखंडों के 28 पंचायतों में कुल 2 लाख 10 हजार मतदाता हैं. उन्होंने अपने मतों का प्रयोग किया.
वहीं उग्रवाद प्रभावित डुमरिया प्रखंड के छकरबंधा पंचायत के मध्य विद्यालय बरहा पर मतदान करने आए युवक संतोष कुमार ने बताया कि नक्सलियों द्वारा आए दिन बंद की घोषणा की जाती है. बंद को देखते हुए वाहनों का आवागमन ठप है. बावजूद इसके वोट करने आए हैं. बंद कोई मायने नहीं रखता है. क्षेत्र का विकास हो, इसी सोच के साथ वोट करने आए हैं. जो प्रतिनिधि क्षेत्र में नली, गली, सड़क एवं जनता के हित का कार्य करेंगे, हम उन्हें ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुनेंगे.
वहीं बरहा गांव निवासी मीना देवी ने बताया कि नक्सलियों के बंद का असर क्षेत्र में है. लेकिन फिर भी हम वोट देने आए हैं. क्षेत्र का विकास हो, इसी सोच के साथ मतदान कर रहे हैं. जो हमारे क्षेत्र का विकास करेंगे और जनता के लिए अच्छा कार्य करेंगे, हम उन्हें ही अपना नेता चुनेंगे.
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