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गया में खत्म हो रहा 'लाल खौफ'.. पंचायत चुनाव में 65% मतदान, बढ़ा लोकतंत्र पर भरोसा

गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांकेबाजार प्रखण्ड में नामांकन प्रक्रिया चल रही है. बांकेबाजार प्रखण्ड कार्यालय के रास्ते में एक उत्सव जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. सुरक्षा के नाम पर चार, पांच होमगार्ड के जवान हैं. उन्हीं के भरोसे प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से नामांकन कर रहे हैं.

लाल आंतक के गढ़ में लोगों ने लोततंत्र में जता रहे हैं विश्वास
लाल आंतक के गढ़ में लोगों ने लोततंत्र में जता रहे हैं विश्वास
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Published : Oct 9, 2021, 6:30 PM IST

गया: बिहार के गया जिले में बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के तीसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया. जिले में 8 अक्टूबर को तीन प्रखण्डों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ. नक्सल प्रभावित तीनों प्रखण्ड (Naxal Effected Three Blocks in Gaya) में 65 फीसदी मतदान हुआ. अन्य चरणों के लिए अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया जारी है. लाल आतंक के गढ़ में भी लोग बढ़ चढ़कर पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में हिस्सा ले रहे हैं. कल तक जो लोग शहर से गांव नहीं जाते थे वो आज नक्सली क्षेत्र में जाकर चुनाव लड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी में देर शाम तक हुई वोटिंग, बिजली जलाकर हुआ मतदान

दरअसल, गया जिले के 13 प्रखण्ड आज भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में चुनाव का दिन काला दिवस होता था. आम आदमी से लेकर प्रशासन तक को चुनौती का सामान करना पड़ता था. एक दशक से इन नक्सल क्षेत्रों में बयार बदली है. आम चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक में सभी वर्गों की भागीदारी हो रही है. इन दिनों पंचायत चुनाव इसका जीत जागता उदाहरण है.

देखें वीडियो

गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांकेबाजार प्रखण्ड में नामांकन प्रक्रिया चल रही है. बांकेबाजार प्रखण्ड कार्यालय के रास्ते में एक उत्सव जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. सुरक्षा के नाम पर चार, पांच होमगार्ड के जवान हैं. उन्हीं के भरोसे प्रत्याशी अपने समर्थकों के सथा उत्सवी माहौल में नामांकन कर रहे हैं. जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांकेबाजार प्रखण्ड के बिहार गाईंन पंचायत से मुखिया पद के लिए पेशे से पत्रकार किशोर कुमार ने नामांकन किया.

ये भी पढ़ें- थाना वापस लौटेंगे पंचायत चुनाव में लगे पुलिसकर्मी, दुर्गा पूजा को लेकर पुलिस मुख्यालय का निर्देश

'इस क्षेत्र में विकास का काम शून्य है. मुखिया के पास जितनी योजनाएं आएगी उससे इस क्षेत्र का विकास करेंगे. आज हजारों की संख्या में पंचायत के मतदाता मेरे समर्थन में आये. मैं सभी का मान सम्मान रखूंगा.' : किशोर कुमार, मुखिया प्रत्याशी

बता दें कि पंचायत चुनाव में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को नहीं बुलाया गया है. पंचायत चुनाव को बिहार पुलिस के जवान, बीएमपी, सीआरपीएफ और एसएसबी के जवान संपन्न करवा रहे हैं. संवेदनशील बूथों और नक्सल प्रभावित बूथों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.

ये भी पढ़ें- लोकतंत्र पर विश्वास: गया में लाल आंतक के गढ़ में हुई जमकर वोटिंग

बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) के तीसरे चरण में 35 जिलों के 50 प्रखंडों में मतदान हुआ. मतदाताओं ने तीसरे चरण के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में कैद कर दिया है. तीसरे चरण में 81,616 प्रत्याशी मैदान में थे. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के निर्देश पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराए गए. 10 और 11 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.

ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में हुई 58.19% वोटिंग, 10-11 अक्टूबर को आएंगे नतीजे

ये भी पढ़ें- नक्सल प्रभावित गोनपुरा गांव में चुनावी चर्चा तेज, विकास और पंचायत सरकार भवन बना चुनावी मुद्दा

गया: बिहार के गया जिले में बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के तीसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया. जिले में 8 अक्टूबर को तीन प्रखण्डों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ. नक्सल प्रभावित तीनों प्रखण्ड (Naxal Effected Three Blocks in Gaya) में 65 फीसदी मतदान हुआ. अन्य चरणों के लिए अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया जारी है. लाल आतंक के गढ़ में भी लोग बढ़ चढ़कर पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में हिस्सा ले रहे हैं. कल तक जो लोग शहर से गांव नहीं जाते थे वो आज नक्सली क्षेत्र में जाकर चुनाव लड़ रहे हैं.

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दरअसल, गया जिले के 13 प्रखण्ड आज भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में चुनाव का दिन काला दिवस होता था. आम आदमी से लेकर प्रशासन तक को चुनौती का सामान करना पड़ता था. एक दशक से इन नक्सल क्षेत्रों में बयार बदली है. आम चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक में सभी वर्गों की भागीदारी हो रही है. इन दिनों पंचायत चुनाव इसका जीत जागता उदाहरण है.

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गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांकेबाजार प्रखण्ड में नामांकन प्रक्रिया चल रही है. बांकेबाजार प्रखण्ड कार्यालय के रास्ते में एक उत्सव जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. सुरक्षा के नाम पर चार, पांच होमगार्ड के जवान हैं. उन्हीं के भरोसे प्रत्याशी अपने समर्थकों के सथा उत्सवी माहौल में नामांकन कर रहे हैं. जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांकेबाजार प्रखण्ड के बिहार गाईंन पंचायत से मुखिया पद के लिए पेशे से पत्रकार किशोर कुमार ने नामांकन किया.

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'इस क्षेत्र में विकास का काम शून्य है. मुखिया के पास जितनी योजनाएं आएगी उससे इस क्षेत्र का विकास करेंगे. आज हजारों की संख्या में पंचायत के मतदाता मेरे समर्थन में आये. मैं सभी का मान सम्मान रखूंगा.' : किशोर कुमार, मुखिया प्रत्याशी

बता दें कि पंचायत चुनाव में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को नहीं बुलाया गया है. पंचायत चुनाव को बिहार पुलिस के जवान, बीएमपी, सीआरपीएफ और एसएसबी के जवान संपन्न करवा रहे हैं. संवेदनशील बूथों और नक्सल प्रभावित बूथों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.

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बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) के तीसरे चरण में 35 जिलों के 50 प्रखंडों में मतदान हुआ. मतदाताओं ने तीसरे चरण के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में कैद कर दिया है. तीसरे चरण में 81,616 प्रत्याशी मैदान में थे. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के निर्देश पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराए गए. 10 और 11 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.

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