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गया: विदेशी बौद्ध भन्ते भी कर रहे हिन्दी का प्रयोग, स्कूल में प्राप्त किया हिंदी का ज्ञान

बोधगया के तिब्बत मंदिर के सदस्य लामा तेन्जिंग दोरजे ने बताया कि उन्हें भी थोड़ी-थोड़ी हिंदी आती है. उन्होंने स्कूल में हिंदी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया है. तिब्बती होने के बावजूद उन्हें हिंदी बोलना बहुत अच्छा लगता है.

बौद्ध धर्म गुरु
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Published : Sep 14, 2019, 10:02 PM IST

गया: महात्मा गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाने से देश की उन्नति होगी. गांधीजी के इस बात का अब पूरी दुनिया लोहा मान रही है. गौरतलब है कि हिंदी इंटरनेट पर सबसे तेज गति से बढ़ने वाली भाषा बन गई है. विश्व प्रसिद्ध बोधगया में भी बौद्ध धर्म गुरु हिंदी भाषा बोलते हैं.

गया
बोधगया स्थित तिब्बत मंदिर

स्कूल में हिंदी का ज्ञान प्राप्त किया
बोधगया के तिब्बत मंदिर के सदस्य लामा तेन्जिंग दोरजे ने बताया कि उन्हें भी थोड़ी-थोड़ी हिंदी आती है. उन्होंने स्कूल में हिंदी भाषा का ज्ञान हासिल किया है. तिब्बती होने के बावजूद उन्हें हिंदी बोलना बहुत अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि उनकी पहली भाषा तिब्बती, दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा अंग्रेजी है. हिंदी के साथ उनके बहुत सारे बौद्ध भिक्षु और टुरिस्ट जुड़े हुए हैं.

हिन्दी का प्रयोग करते विदेशी बौद्ध सदस्य

14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस
आपको बता दें कि हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था. उसी दिन से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है. इस अवसर पर देश भर में हिंदी से संबंधित कई तरह के कार्यक्रम होते हैं.

गया: महात्मा गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाने से देश की उन्नति होगी. गांधीजी के इस बात का अब पूरी दुनिया लोहा मान रही है. गौरतलब है कि हिंदी इंटरनेट पर सबसे तेज गति से बढ़ने वाली भाषा बन गई है. विश्व प्रसिद्ध बोधगया में भी बौद्ध धर्म गुरु हिंदी भाषा बोलते हैं.

गया
बोधगया स्थित तिब्बत मंदिर

स्कूल में हिंदी का ज्ञान प्राप्त किया
बोधगया के तिब्बत मंदिर के सदस्य लामा तेन्जिंग दोरजे ने बताया कि उन्हें भी थोड़ी-थोड़ी हिंदी आती है. उन्होंने स्कूल में हिंदी भाषा का ज्ञान हासिल किया है. तिब्बती होने के बावजूद उन्हें हिंदी बोलना बहुत अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि उनकी पहली भाषा तिब्बती, दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा अंग्रेजी है. हिंदी के साथ उनके बहुत सारे बौद्ध भिक्षु और टुरिस्ट जुड़े हुए हैं.

हिन्दी का प्रयोग करते विदेशी बौद्ध सदस्य

14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस
आपको बता दें कि हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था. उसी दिन से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है. इस अवसर पर देश भर में हिंदी से संबंधित कई तरह के कार्यक्रम होते हैं.

Intro:Body:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है ,लेकिन अब दुनिया इसका लोहा मान रही है।
बापू की आत्मा जहां भी होगी आज हिंदी को लेकर आ रहे वैश्विक परिणामों से चैन की नींद सो रही होगी। गौरतलब है हिंदी दुनिया में इंटरनेट पर सबसे तेज गति से बढ़ने वाली भाषा बन गई है
वही विश्व प्रसिद्ध बोधगया मे भी बौद्ध धर्म गुरु थोड़ा थोड़ा हिन्दी भाषा बोलने लगे हैं
बोधगया तिब्बत मन्दिर के सदस्य लामा तेन्जिंग दोरजे ने बतया की हमे थोड़ा थोड़ा हिन्दी।भाषा बोल लेता हू
ओ भी हम यहा स्कूल मे हिन्दी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया हू
हमे हिन्दी बोलने मे काफी आच्छा लागत मै तो तिब्बतीयन हू फिर भी हमे बहुत अच्छा लगता है
मेरी पहली भाषा तिब्बतीयन है
उसके बाद दुसरा हिन्दी ही हैं
हिन्दी भाषा के साथ हमार बहुत से बौद्ध भिक्षु व टुरिजम जुटा हुआ है Conclusion:
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