गयाः बिहार की धार्मिक नगरी गया (Gaya In Bihar) को केंद्र सरकार ने नगर वन के रुप में बड़ी सौगात दी है. शहर के ब्रह्मयोनि पहाड़ी (Brahmayoni Hill) इलाके में 127 एकड़ भूमि पर साढ़े चार करोड़ रूपये की लागत से नगर वन (City Forest) बनाया गया है. यह काफी खूबसूरत और सुहावना है. नगर वन को बनाने के लिए किसी तरह का नुकसान प्राकृतिक संपदा को क्षति नहीं पहुंचाई गई है.
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वन विभाग ने नगर वन ब्रह्न वन नाम दिया है. इस वन का मुख्य आकर्षण का केंद्र रॉक गार्डन है. बता दे कि नगर वन की 85 फीसदी कार्य पूरी हो गई है. दशहरा में यह नगर वन लोगों के भ्रमण के लिए खोल दिया जाएगा. आपको बताते चलें कि ब्रह्मयोनि पर्वत क्षेत्र के तलहटी में 127 एकड़ की अर्बन फॉरेस्ट वन विभाग बनाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था.
इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार पिछले साल में मुहर लगा दी थी. अब बिहार में पहली बार अर्बन फॉरेस्ट का आनंद उठाया जा सकता है. जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से इस वन का निर्माण किया गया है.
अभिषेक कुमार ने बताया कि देशभर में 19 जगहों पर नगर वन बनाए गए हैं, वहीं बिहार में केवल गया के लिए ही इसे स्वीकृति दी गई थी. बताते चलें कि नगर वन के बनने से आसपास के सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इस वन के निर्माण में कंक्रीट का उपयोग बहुत कम किया गया है. पर्यकटों को इस वन में घुसते ही प्राकृतिक अहसास हो, ये देखते हुए इसका निर्माण किया गया है.
शहर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के मकसद से भी इसका निर्माण किया गया है. इसके निर्माण से ऐतिहासिक नगरी गया की खूबसूरती में चार चांद लग जाएगा. इस पार्क में रॉक गार्डन के साथ तीन और पार्कों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण रॉक गार्डन है, जिसमें पत्थर पर जंगली पशु पक्षी और भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध के चित्र बनाए गए हैं. रॉक गार्डन के अलावा बटरफ्लाई, नक्षत्र वन और ओपन जिम भी यहां बनाया जा रहा है.
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इस पार्क में सुबह जॉगिंग करने की व्यवस्था होगी और साइकिलिंग के लिए साइकिल ट्रैक भी होगा. इस अर्बन फारेस्ट को नेचुरल रखा जा रहा है. लोगों की सुविधा के लिए कैफेटेरिया, खाना स्टॉल, पेयजल और शौचलय की भी व्यवस्था यहां है.
बटरफ्लाई पार्क में ऐसे पौधे लगाए गए, जहां तितली आकर बैठ सके. इसी वन में एक ऐसा जगह बनाया जाएगा जहां चिड़ियों के लिए खाने की व्यवस्था होगी. उनके खाने वाले पौधे लगाए गए हैं. गौरैया सहित अन्य पक्षियों के संरक्षण को लेकर पहल किया गया है.
नगर वन में 1.5 किलोमीटर का जॉगिंग ट्रैक, 6 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक, शौचालय, पेयजल, डस्टबिन, सिटिंग बेंच, सोलर बेस्ड हाईमास्ट लाइट, पहाड़ी क्षेत्रों में रॉक गार्डन, चेस बोर्ड गॉर्डन, बटरफ्लाई गार्डेन और स्मृति गार्डन का निर्माण किया गया है.
नगर वन में बेहतरीन कलाकारी भी देखने को मिल रही है. मुंबई के कलाकार ने एक से बढ़कर एक दिल को छू लेने वाली नक्काशी की है. चट्टानों को तराशकर मेज से लेकर बैठने के लिए कुर्सियां तक बनाई जा रही है.