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निर्माणाधीन दरभंगा AIIMS के कारण DMCH में मरीजों का इलाज हो सकता है ठप, जानें वजह..

निर्माणाधीन दरभंगा एम्स की वजह से बारिश में इस बार डीएमसीएच में मरीजों का इलाज ठप (Treatment of patients in DMCH may be stopped) हो सकता है. डीएमसीएच अस्पताल में पानी निकासी का इंतजाम किए बिना प्रस्तावित एम्स का कैंपस मिट्टी से भरा जा रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

निर्माणाधीन दरभंगा एम्स
निर्माणाधीन दरभंगा एम्स
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Published : May 11, 2022, 3:49 PM IST

दरभंगा: 2015 में स्वीकृत हुआ दरभंगा एम्स (Darbhanga AIIMS) अब तक शिलान्यास तक भी नहीं पहुंचा है, लेकिन इसकी मिट्टी भराई की वजह से उत्तर बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच में इस बार की बारिश में इलाज ठप हो सकता है. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन लाचार बना हुआ है और उसके पास इसका कोई उपाय नहीं है.

ये भी पढ़ें- DMCH के मेडिसिन वार्ड से हुई पानी की निकासी, DM ने 6 घंटे में पानी निकालने का दिया था आदेश

डीएमसीएच में हो जाता है जलजमाव: दरअसल, डीएमसीएच परिसर निचली जमीन पर होने और यहां के नाले दशकों से जाम होने की वजह से बारिश के दिनों में यह कैंपस पानी से भर जाता है. स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि यह पानी सामान्य वार्डों से लेकर आईसीयू तक में घुस जाता है. इससे यहां आने वाले मरीजों, उनके तीमारदारों और यहां काम करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

''हम परिसर का पानी निकाल कर एक तालाब में गिराते हैं, जिसके माध्यम से यह पानी रेलवे लाइन के पार चला जाता है. अब जब यह पूरा कैंपस और रेलवे लाइन के पार की जमीन भी मिट्टी से भर कर ऊंची की जा रही है तो फिर पानी के निकलने का कोई रास्ता नहीं है. इससे बरसात में काफी परेशानी होगी.''- प्रमोद कुमार, पंप कर्मी

''अस्पताल के परिसर से लेकर वार्ड तक में बरसात का पानी घुसता है. इस बार पानी निकलने के सारे रास्ते बंद किये जा रहे हैं. इसकी वजह से इस बार की बरसात में अस्पताल में इलाज की व्यवस्था ठप पड़ सकती है. इससे गरीब मरीजों और यहां काम करने वाले चिकित्सकों-कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.''- डॉ. सुशील कुमार, अध्यक्ष, दरभंगा आइएमए

''डीएमसीएच में हर साल बारिश के समय में पानी जमा हो जाता है. उसे निकालने के लिए हर साल काफी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन इस बार तो उसे निकालने के सारे रास्ते बंद किये जा रहे हैं. एम्स के लिए मिट्टी भराई का काम शुरू है और अब इसके बाद उसकी चहारदीवारी भी कर दी जाएगी. इससे डीएमसीएच का पानी बाहर नहीं निकल पाएगा जिससे इलाज के प्रभावित होने की पूरी आशंका है. डीएमसीएच की जल निकासी योजना बनाएं बिना एम्स के परिसर में मिट्टी भराई का काम चल रहा है. ऐसा करने से बरसात के समय में काफी परेशानी होगी.''- डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा, डीएमसीएच अधीक्षक

''हमने प्रस्तावित एम्स की जमीन पर मिट्टी भराई के काम का निरीक्षण किया है. साथ ही डीएमसीएच में जलजमाव को लेकर भी बैठक की है. नगर निगम से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है और कहा गया है कि वे डीएमसीएच के जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था करें.''- राजीव रौशन, डीएम, दरभंगा


डीएमसीएच में हो सकता है इलाज ठप: बता दें कि पिछले साल की बारिश तक पंपसेट से पानी कैंपस और वार्डों से निकाला जाता था. उसके बाद इसे रेलवे लाइन के पार बहा दिया जाता था. लेकिन, इस बार डीएमसीएच की 150 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित एम्स के कैंपस में मिट्टी भरकर उसे ऊंचा किया जा रहा है. इसकी वजह से इस बार पानी निकलने के सारे रास्ते बंद होते जा रहे हैं. ऐसे में बारिश के दिनों में यहां इलाज ठप होने की आशंका जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो उत्तर बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के गरीब मरीजों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ेगी. डीएमसीएच में अगर इलाज ठप होता है तो लाचार और बेबस मरीज कहां जाएंगे. इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.

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दरभंगा: 2015 में स्वीकृत हुआ दरभंगा एम्स (Darbhanga AIIMS) अब तक शिलान्यास तक भी नहीं पहुंचा है, लेकिन इसकी मिट्टी भराई की वजह से उत्तर बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच में इस बार की बारिश में इलाज ठप हो सकता है. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन लाचार बना हुआ है और उसके पास इसका कोई उपाय नहीं है.

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डीएमसीएच में हो जाता है जलजमाव: दरअसल, डीएमसीएच परिसर निचली जमीन पर होने और यहां के नाले दशकों से जाम होने की वजह से बारिश के दिनों में यह कैंपस पानी से भर जाता है. स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि यह पानी सामान्य वार्डों से लेकर आईसीयू तक में घुस जाता है. इससे यहां आने वाले मरीजों, उनके तीमारदारों और यहां काम करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

''हम परिसर का पानी निकाल कर एक तालाब में गिराते हैं, जिसके माध्यम से यह पानी रेलवे लाइन के पार चला जाता है. अब जब यह पूरा कैंपस और रेलवे लाइन के पार की जमीन भी मिट्टी से भर कर ऊंची की जा रही है तो फिर पानी के निकलने का कोई रास्ता नहीं है. इससे बरसात में काफी परेशानी होगी.''- प्रमोद कुमार, पंप कर्मी

''अस्पताल के परिसर से लेकर वार्ड तक में बरसात का पानी घुसता है. इस बार पानी निकलने के सारे रास्ते बंद किये जा रहे हैं. इसकी वजह से इस बार की बरसात में अस्पताल में इलाज की व्यवस्था ठप पड़ सकती है. इससे गरीब मरीजों और यहां काम करने वाले चिकित्सकों-कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.''- डॉ. सुशील कुमार, अध्यक्ष, दरभंगा आइएमए

''डीएमसीएच में हर साल बारिश के समय में पानी जमा हो जाता है. उसे निकालने के लिए हर साल काफी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन इस बार तो उसे निकालने के सारे रास्ते बंद किये जा रहे हैं. एम्स के लिए मिट्टी भराई का काम शुरू है और अब इसके बाद उसकी चहारदीवारी भी कर दी जाएगी. इससे डीएमसीएच का पानी बाहर नहीं निकल पाएगा जिससे इलाज के प्रभावित होने की पूरी आशंका है. डीएमसीएच की जल निकासी योजना बनाएं बिना एम्स के परिसर में मिट्टी भराई का काम चल रहा है. ऐसा करने से बरसात के समय में काफी परेशानी होगी.''- डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा, डीएमसीएच अधीक्षक

''हमने प्रस्तावित एम्स की जमीन पर मिट्टी भराई के काम का निरीक्षण किया है. साथ ही डीएमसीएच में जलजमाव को लेकर भी बैठक की है. नगर निगम से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है और कहा गया है कि वे डीएमसीएच के जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था करें.''- राजीव रौशन, डीएम, दरभंगा


डीएमसीएच में हो सकता है इलाज ठप: बता दें कि पिछले साल की बारिश तक पंपसेट से पानी कैंपस और वार्डों से निकाला जाता था. उसके बाद इसे रेलवे लाइन के पार बहा दिया जाता था. लेकिन, इस बार डीएमसीएच की 150 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित एम्स के कैंपस में मिट्टी भरकर उसे ऊंचा किया जा रहा है. इसकी वजह से इस बार पानी निकलने के सारे रास्ते बंद होते जा रहे हैं. ऐसे में बारिश के दिनों में यहां इलाज ठप होने की आशंका जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो उत्तर बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के गरीब मरीजों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ेगी. डीएमसीएच में अगर इलाज ठप होता है तो लाचार और बेबस मरीज कहां जाएंगे. इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.

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