दरभंगाः बिहार के दरभंगा में जदयू से ताल्लुक रखनेवाले एक प्रोफेसर की दादागीरी देखकर लोग दंग (Professor Threats Student In Darbhanga) रह गए. दरअसल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के 50वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने बिहार के शिक्षा मंत्री आए थे. विश्वविद्यालय के जुबली हॉल के भीतर कार्यक्रम चल रहा था. इस दौरान गेट पर एनएसयूआई, आइसा और सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन (Protest In Darbhanga) कर रहे थे. प्रदर्शनकारी छात्रों ने संस्कृत विवि के प्रोफेसर अनिल बिहारी को गेट पर रोक दिया. इस दौरान छात्रों की ओर से सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी का विरोध करने पर प्रोफेसर अनिल बिहारी बिफर गये और वे कार की रूफ गेट खोलकर खड़े होकर छात्रों को सीएम और शिक्षामंत्री का विरोध नहीं करने की धमकी दीने लगे.
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जदयू के पूर्व नगर उपाध्यक्ष हैं प्रोफेसर अनिल बिहारीः बता दें कि संस्कृत विवि के प्रोफेसर अनिल बिहारी, जदयू के पूर्व नगर उपाध्यक्ष भी रहे हैं. प्रो अनिल बिहारी इतने आग बबूला हो गए कि बांह चढ़ाकर प्रदर्शनकारी छात्रों को धमकी देने लगे. पहले तो उन्होंने छात्रों से कहा कि तुम किसको रोक रहे हो.. तुमको मालूम नहीं है. प्रोफेसर यहीं नहीं रुके और उन्होंने छात्रों के लिए कई बार स्तरहीन भाषा का भी प्रयोग किया. इस दौरान छात्र बार-बार शिक्षा मंत्री और नीतीश कुमार के खिलाफ नारे बुलंद कर रहे थे. वे बार-बार सातवां चरण के शिक्षक नियोजन (Demand For 7th Phase Teacher Niyojan ) करने, विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को सुधारने की मांग करने लगे.
"हम लोग शिक्षा मंत्री के सामने अपनी मांगों को लकर प्रदर्शन कर रहे थे. सातवें चरण की शिक्षक बहाली और ललित नारायण मिथिला विवि में शिक्षा विभाग की स्थापना की मांग कर रहे थे. लोकतंत्र में विरोध करना स्वाभाविक रूप है. जब हम लोग शांतिपूर्व विरोध कर रहे थे तो जदयू नेता और प्रोफेसर अनिल बिहारी इस तरह धमकी देने लगे कि लगते ही नहीं थे कि वे शिक्षक हैं."- प्रह्ललाद कुमार सिन्हा, विवि अध्यक्ष, एनएसयूआई
छात्रों ने प्रोफेसर अनिल बिहारी पर विरोध करने से रोकने का लगया आरोपः प्रह्ललाद कुमार ने कहा कि प्रोफेसर अनिल बिहारी अपने-आप को आदर्श शिक्षक कहते हैं लेकिन वे सड़क छाप गुंडा की तरह अपनी बातों को रख रहे हैं. वे हमलोगों को हाथ तना-तनी करके धमकी दे रहे थे. हमलोग शिक्षा मंत्री के सामने शांतिपूर्ण तरीके से सातवें चरण की नियुक्ति को लेकर जो विरोध कर रहे थे. हमलोगों ने सवाल भी उठाया कि भाई आप कौन होते हैं हमें विरोध करने से रोकने वाले. इस दौरान हमलोगों ने पूछा कि क्या आम जनता, आम अभ्यर्थी, सातवें चरण वाले अभ्यर्थी से बड़े हैं कि हम डर जाएंगे. हम तो आपको पहचानते भी नहीं कि कौन हैं. इस दौरान तरफ से तीखी बहस भी हुई.
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