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आइसा के राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद का दिखा असर, LMNU में छात्रों ने कामकाज कराया ठप - effect of state level university shutdown

आइसा का राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद का असर रहा. LNMU के क्षेत्राधिकार के चार जिलों से आए छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह और रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे.

राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद का असर
राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद का असर
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Published : Dec 22, 2021, 6:32 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 7:39 PM IST

दरभंगा: बिहार के विश्वविद्यालयों (Universities of Bihar) में भ्रष्टाचार के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं. भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) का राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद असरदार रहा. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) में पूरे दिन काम-काज ठप रहा. विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के चार जिलों दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय से आए छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और कक्षाओं में तालाबंदी कर दी.

ये भी पढ़ें- पटना में चौकीदारों का धरना, कहा- पुलिस शराब माफियाओं को लीक करती है जानकारी

छात्र स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट घोषित करने और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह और रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे. आइसा की जिला संयुक्त सचिव ओणम ने बताया कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए हैं.

छात्रों ने कामकाज कराया ठप

इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को लगातार परेशान कर रहा है. स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट काफी समय से लंबित पड़ा है. जिसकी वजह से छात्र बाहर के शैक्षणिक संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं. इसकी वजह से छात्रों में आक्रोश है.

ये भी पढ़ें- गजेंद्र झा पर कार्रवाई.. तो जीतन राम मांझी पर क्यों नहीं- मदन मोहन झा

'भ्रष्टाचार के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार जिम्मेदार हैं. इन दोनों को राज्य सरकार और राजभवन की ओर से बर्खास्त किया जाना चाहिए. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी. राज्य में यह आंदोलन चलता रहेगा.' - ओणम, जिला संयुक्त सचिव, आइसा

गौरतलब है कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह पर पटना के मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहते हुए लाखों के कॉपी खरीद और टेंडर में लाखों की अनियमितता का आरोप लगा है. इसके अलावा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद पर गबन की कई प्राथमिकी दर्ज है. छात्र संगठन लगातार इनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं.

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दरभंगा: बिहार के विश्वविद्यालयों (Universities of Bihar) में भ्रष्टाचार के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं. भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) का राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बंद असरदार रहा. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) में पूरे दिन काम-काज ठप रहा. विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के चार जिलों दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय से आए छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और कक्षाओं में तालाबंदी कर दी.

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छात्र स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट घोषित करने और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह और रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे. आइसा की जिला संयुक्त सचिव ओणम ने बताया कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए हैं.

छात्रों ने कामकाज कराया ठप

इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को लगातार परेशान कर रहा है. स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट काफी समय से लंबित पड़ा है. जिसकी वजह से छात्र बाहर के शैक्षणिक संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं. इसकी वजह से छात्रों में आक्रोश है.

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'भ्रष्टाचार के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार जिम्मेदार हैं. इन दोनों को राज्य सरकार और राजभवन की ओर से बर्खास्त किया जाना चाहिए. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी. राज्य में यह आंदोलन चलता रहेगा.' - ओणम, जिला संयुक्त सचिव, आइसा

गौरतलब है कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह पर पटना के मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहते हुए लाखों के कॉपी खरीद और टेंडर में लाखों की अनियमितता का आरोप लगा है. इसके अलावा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद पर गबन की कई प्राथमिकी दर्ज है. छात्र संगठन लगातार इनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं.

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Last Updated : Dec 22, 2021, 7:39 PM IST
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