सारण: बिहार के छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन (Chapra Kacheri Station) पर बरसात के दिनों में अक्सर रेलवे ट्रैक के ऊपर पानी भर जाने के कारण ट्रैक सर्किट फेल हो जाता था, जिसके कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होता था. सिग्नल फेल होने के कारण ट्रेन अनावश्यक रूप से लेट होती थी. उसके बाद ट्रेन को मैनुअल रूप से चलाया जाता था. छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन पर बरसात के दिनों में होने वाली परेशानी से बचने के लिए रेलवे ने दो ट्रैकों के बीच में नाला बनाने के लिए टेंडर निकाला और ठेकेदारों द्वारा काम शुरू कराया गया. लेकिन, ठेकेदारों ने जो काम कराया, वह काफी घटिया किस्म का है. उसमें काफी घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है.
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वाराणसी DRM ने दिया जांच का आश्वासन: घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग होने की खबर सबसे पहले ईटीवी भारत पर दिखाई गई. इस बाबत वाराणसी मंडल के रेल प्रबंधक वाराणसी रामाश्रय पांडे (Varanasi DRM Ramashray Pandey) से भी प्रश्न पूछा गया. इस पर मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि घटिया निर्माण की जांच कराई जाएगी और ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. जिन्होंने घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया है और घटिया कार्य किया है.
निर्माण कार्य किया गया बंद: मंडल रेल प्रबंधक के इस आश्वासन के बाद कार्य को बंद कर दिया गया, लेकिन पिछले हफ्ते से ठेकेदारों के द्वारा फिर से उन जगहों की रिपेयरिंग करने का काम शुरू कर दिया गया है, जो स्थान ज्यादा डैमेज हुए हैं. इसको लेकर एक बार फिर मंडल रेल प्रबंधक से संपर्क किया गया और उन्हें फिर से इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है. इस मामले में कोई भी रेल कर्मचारी कुछ भी बोलने से बच रहा है. जो नाला बनाया गया है, उसकी स्थिति यह है कि पानी निकालने के बजाय वह खुद क्षतिग्रस्त हो रहा है. इस नाले का स्लैब इतना कमजोर है कि कई लोग इसमें गिरकर घायल हो चुके हैं.
लीपापोती करने में जुटा ठेकेदार: अभी इस नाले की स्थिति यह है कि एक तरफ से बन रहा है और ठेकेदार लगातार इसको लीपापोती करने में जुटा हुआ है और जहां-जहां कमजोर जगह है उस जगह को लगातार चोरी चुपके मरम्मत कर रहा है स्थिति यह है कि एक तरफ नाला बन रहा है और दूसरी तरफ ढहता जा रहा है. अब स्थिति यह है कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाने के लिए सभी रेल अधिकारी तैयार हैं, जिनके द्वारा इस कार्य का पेमेंट किया जाना है.
अब देखना है कि यह घटिया निर्माण का रेल अधिकारी पेमेंट करते हैं या इस ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाता है. इस मामले में मंडल रेल प्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के महाप्रबंधक और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ पीएमओ तक को लिखित आवेदन वीडियो के साथ भेजा गया है. इस मामले में ठेकेदार के द्वारा ईटीवी भारत के संवाददाता के ऊपर दबाव बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है.
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