भागलपुर: केंद्र सरकार की शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी. हर किसी की निगाह बजट पर टिकी है. आम आदमी से लेकर वरिष्ठ, किसान, छात्र, शिक्षक सभी बजट को लेकर आशान्वित है. भागलपुर के छात्र और शिक्षकों की बजट पर क्या राय है ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की.
'शिक्षा के व्यापारीकरण को रोके सरकार'
एलएलबी छात्र रवि कुशवाहा ने कहा कि आम बजट में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की समस्याओं को सरकार से प्राथमिकता देने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यापारीकरण को रोका जाना चाहिए. B.Ed के फीस में बेतहाशा वृद्धि रोकने पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किस क्षेत्र में कितना बजट खर्च कर रही इसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि सिल्क सिटी भागलपुर को विशेष सौगात जरूर मिलेगी.
'एमबीबीएस में सीट कम, ध्यान दे सरकार'
वहीं पटना के बीडीएस कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र ने कहा कि एमबीबीएस में सीटें कम है उसे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 20 साल पहले पावापुरी कॉलेज का बिहार में शुभारंभ हुआ था तब से आज तक किसी कॉलेज का दोबारा ना तो शिलान्यास हुआ ना ही कोई योजना दिख रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पटना एम्स में सीट बढ़ाई गयी फिर भी अबतक निश्चित फैसला नहीं हो पा रहा है.
रेलवे के निजीकरण का विरोध
अर्थशास्त्र के छात्र अजय राम ने रोजगार की कमी पर निराशा जाहिर की और कहा कि सर्वजनिक कंपनी को निजी हाथों में दिया जा रहा है. सरकार एजेंडा बनाकर इसे खत्म करना चाह रही है. रेलवे के निजीकरण का भी उन्होंने विरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे के रोजगार में कमी आएगी.
'शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार जरुरी'
मारवाड़ी कॉलेज के राजनीतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रमेश चंद्र राय को आगामी बजट से बहुत उम्मीदे हैं.उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी एजुकेशन में शिक्षकों की कमी है इसे दूर करना चाहिए. उन्होंने स्कूली शिक्षा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि अभी जो स्टूडेंट्स एडमिशन कॉलेज में ले रहे हैं वे कुछ जानते नहीं हैं, क्योंकि स्कूल एजुकेशन चौपट हो गई है. उन्होंने सरकार से शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार की जरूरत बताई.