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ग्राउंड रिपोर्ट: सिमरिया घाट का हाल देखिए, न नाव है न NDRF की टीम - सरकारी सुरक्षा व्यवस्था ठप

बेगूसराय के सिमरिया घाट पर गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद सरकारी स्तर पर न तो नाव हीं चलाए जा रहे हैं, और न ही किसी को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम मौजूद है.

नदी
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Published : Sep 19, 2019, 9:32 PM IST

बेगूसराय: गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके अलावा जिले के प्रमुख गंगा घाट पर न तो सरकारी नाव की व्यवस्था है, और न ही एसडीआरएफ या एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है. बता दें कि यहां हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान करने आते हैं. यहां लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.

सिमरिया घाट पर सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं
जिले के मटिहानी शामहो और बछवारा प्रखंड के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. ऐसी स्थिति में जब ईटीवी भारत ने बाढ़ को लेकर सरकार के दावों की जमीनी स्तर पर जांच की, तो परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. मामला बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया घाट का है, जहां आये दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने आते हैं. यहां गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद सरकारी स्तर पर न तो नाव चलाए जा रहे हैं, और न ही किसी को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम मौजूद है.

सिमरिया घाट पर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था ठप

सिर्फ कार्तिक और सावन मास में प्रशासन सक्रिय
इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कि कार्तिक मास और सावन मास में ही यहां पर सरकारी नाव और सुरक्षाकर्मी रहते हैं. बाकि महीने किसी को डूबने से बचाने में काफी परेशानी होती है. यदि मौके पर कोई श्रद्धालु तैराक निकला या वहां कोई नाविक मौजूद रहा, तो उनकी मदद से डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास किया जाता है.

बेगूसराय
बेगूसराय का सिमरिया घाट

गौरतलब है कि ऐसी जगह पर सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कई प्रखंडों में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसी स्थिति में सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं करने से स्थानीय लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने लगे हैं.

बेगूसराय: गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके अलावा जिले के प्रमुख गंगा घाट पर न तो सरकारी नाव की व्यवस्था है, और न ही एसडीआरएफ या एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है. बता दें कि यहां हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान करने आते हैं. यहां लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.

सिमरिया घाट पर सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं
जिले के मटिहानी शामहो और बछवारा प्रखंड के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. ऐसी स्थिति में जब ईटीवी भारत ने बाढ़ को लेकर सरकार के दावों की जमीनी स्तर पर जांच की, तो परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. मामला बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया घाट का है, जहां आये दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने आते हैं. यहां गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद सरकारी स्तर पर न तो नाव चलाए जा रहे हैं, और न ही किसी को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम मौजूद है.

सिमरिया घाट पर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था ठप

सिर्फ कार्तिक और सावन मास में प्रशासन सक्रिय
इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कि कार्तिक मास और सावन मास में ही यहां पर सरकारी नाव और सुरक्षाकर्मी रहते हैं. बाकि महीने किसी को डूबने से बचाने में काफी परेशानी होती है. यदि मौके पर कोई श्रद्धालु तैराक निकला या वहां कोई नाविक मौजूद रहा, तो उनकी मदद से डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास किया जाता है.

बेगूसराय
बेगूसराय का सिमरिया घाट

गौरतलब है कि ऐसी जगह पर सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कई प्रखंडों में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसी स्थिति में सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं करने से स्थानीय लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने लगे हैं.

Intro:एंकर- गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण बेगूसराय जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है बाढ़ प्रभावित इलाकों के साथ-साथ जो जिले के प्रमुख गंगा घाट हैं जहां आम दिनों में भी सैकड़ों हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान को आते हैं वहां आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए ना सरकारी नावो की व्यवस्था है और ना ही एसडीआरएफ या एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है ।ऐसे में लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है।


Body:vo- बेगूसराय जिले में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।बाढ़ की वजह से मटिहानी शामहो और बछवारा प्रखंड के कई गांवों समेत दियारा इलाके इसकी चपेट में आ गए है ।बाढ़ के पानी के फैलने और गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बावजूद भी सरकारी सुरक्षा व्यवस्था सवाल के घेरे में है ।ईटीवी भारत की टीम ने नदियों के बढे जलस्तर की स्थिति से निपटने और आकस्मिक कोई दुर्घटना होने पर सरकार और प्रशासन के द्वारा जमीनी स्तर पर सुरक्षा के दावों का रियलिटी चेक किया। परिणाम काफी चौंकाने वाले निकले बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया घाट पर जहां आम दिन भी सैकड़ों हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और पूजा पाठ के लिए आते हैं जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद भी सरकारी स्तर पर यहां न नाव चलाए जा रहे हैं और ना ही नाव दुर्घटना या किसी को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कार्तिक मास और सावन मास में हीं यहां पर सरकारी नाव और सुरक्षाकर्मी रहते हैं। ऐसे में कोई डूबने लगता है तो बहुत परेशानी होती है ,संयोग से कोई श्रद्धालु अगर तैराक निकला तो वह अपनी जान जोखिम में डालकर डूबने वाले को बचाने का प्रयास करता है या स्थानीय कुछ नावीक होते हैं जो अगर उपलब्ध रहे तो डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास करते हैं लेकिन सरकारी स्तर पर यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
बाइट-शम्भू दादा,स्थानीय
बाइट-मनोज ठाकुर,स्थानीय दुकानदार


Conclusion:fvo बहरहाल जो भी हो इतना तय है ,जिस तरीके से गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण दियारा इलाकों समेत कई प्रखंडों में हाहाकार मचा है ,वैसे में सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर नावों और एनडीआरएफ की टीम की मुकम्मल व्यवस्था नहीं करना स्थानीय प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।
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