बेगूसराय: गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके अलावा जिले के प्रमुख गंगा घाट पर न तो सरकारी नाव की व्यवस्था है, और न ही एसडीआरएफ या एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है. बता दें कि यहां हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान करने आते हैं. यहां लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.
सिमरिया घाट पर सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं
जिले के मटिहानी शामहो और बछवारा प्रखंड के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. ऐसी स्थिति में जब ईटीवी भारत ने बाढ़ को लेकर सरकार के दावों की जमीनी स्तर पर जांच की, तो परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. मामला बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया घाट का है, जहां आये दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने आते हैं. यहां गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद सरकारी स्तर पर न तो नाव चलाए जा रहे हैं, और न ही किसी को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम मौजूद है.
सिर्फ कार्तिक और सावन मास में प्रशासन सक्रिय
इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कि कार्तिक मास और सावन मास में ही यहां पर सरकारी नाव और सुरक्षाकर्मी रहते हैं. बाकि महीने किसी को डूबने से बचाने में काफी परेशानी होती है. यदि मौके पर कोई श्रद्धालु तैराक निकला या वहां कोई नाविक मौजूद रहा, तो उनकी मदद से डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास किया जाता है.
![बेगूसराय](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4491683_begusarai-2.jpg)
गौरतलब है कि ऐसी जगह पर सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कई प्रखंडों में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसी स्थिति में सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं करने से स्थानीय लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने लगे हैं.