बेगूसराय: प्याज की बढ़ती कीमतें लोगों के आंसू निकाल रही है. बाजारों में प्याज अब 80-90 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.प्याज की बढ़ी हुई कीमत से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है जिससे बेगूसराय का बाजार भी अछूता नहीं है. किचन से सीधा ताल्लुक रखने वाला प्याज अब लोग नाम मात्र खरीद रहे हैं. प्याज के थोक विक्रेताओं ने प्याज की कालाबाजारी को भी बढ़ी हुई कीमतों के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
ईटीवी भारत ने लिया बाजारों का जायजा
प्याज की बढ़ी हुई कीमत और बाजार की स्थिति जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बाजार से लेकर रसोई तक का जायजा लिया. जिला मुख्यालय स्थित चट्टी रोड में संचालित सब्जी मंडी में प्याज के खुदरा एवं थोक विक्रेताओं की दुकान पर सन्नाटा पसरा है. थोक विक्रेताओं के मुताबिक पहले की तुलना में प्याज की 20 फीसदी भी बिक्री नहीं हो पा रही है,जहां 10 किलो प्याज की बिक्री होती थी उस घर में अब किलो 2 किलो की ही बिक्री हो रही है.
महाराष्ट्र के व्यवसायी और दलाल हैं दोषी
थोक व्यापारी प्याज की बढ़ी हुई कीमतों के लिए महाराष्ट्र के व्यवसायियों और दलालों को दोषी करार दे रहे है. उनके मुताबिक ज्यादातर प्याज महाराष्ट्र और नासिक से आते हैं. वैसे में बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर प्याज की किल्लत खड़ी की जाती है, ताकि ऊंचे दामों पर बेचा जा सके.
तिजोरी में बंद हुआ प्याज
प्याज की बढ़ी हुई कीमत से सबसे ज्यादा परेशान गृहणियां हैं. रोज के खाने में प्याज की आवश्यकता होती है. जब प्याज ना हो तो फिर खाने का जायका ही बिगड़ जाता है. इस बाबत गृहणी रंजना कुमारी बताती हैं कि लोगों को प्याज काटने पर आंख से आंसू निकलते हैं. लेकिन, अभी जो वर्तमान में प्याज की कीमत है, वैसे में खरीदने से पहले ही आंसू निकल रहे हैं. उन्होंने बताया की घर के अन्य लोग या बच्चे प्याज का दुरुपयोग ना करें या सलाद बनाकर ना खा जाए इस डर से उसे ताला-चाभी में बंद रखना पड़ता है.