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साथ आयेंगे UPI और PayNow, जानें सिंगापुर से मनी ट्रांसफर होगा कितना आसान - सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त

सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त पी कुमारन ने कहा कि PayNow आसियान समूह के अन्य देशों के साथ भी इसी तरह की योजना पर काम कर रहा है. इसलिए जब PayNow के साथ भारत जुड़ेगा तो स्वाभाविक रूप से आसियान के देशों के साथ भी पैसों के ट्रांसफर में आसानी होगी.

साथ आयेंगे UPI और PayNow, जानें सिंगापुर से पैसा भेजना होगा कितना आसान
साथ आयेंगे UPI और PayNow, जानें सिंगापुर से पैसा भेजना होगा कितना आसान
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Published : Nov 11, 2022, 7:13 AM IST

Updated : Nov 11, 2022, 7:18 AM IST

सिंगापुर : भारत और सिंगापुर ने अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम UPI और PayNow को जोड़ने के लिए तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है. अब दोनों देशों के बीच तत्काल और कम लागत पर फंड ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे प्रवासी श्रमिकों को सर्वाधिक लाभ होगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सिंगापुर का केंद्रीय बैंक, सिंगापुर की मौद्रिक प्राधिकरण (MAS), यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) और PayNow को जोड़ने पर काम कर रहे हैं. इस योजना की शुरुआत बहुत जल्दी होने की उम्मीद है.

सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त पी कुमारन ने कहा कि सिंगापुर अपने PayNow को UPI से जोड़ना चाहता है और यह प्रोजेक्ट अगले कुछ महीनों में पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के पूरा होने पर सिंगापुर में बैठा कोई भी व्यक्ति भारत में अपने परिवार के सदस्यों को पैसे भेज सकेगा. राजदूत ने कि संभावना है कि इस परियोजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. शहर-राज्य में भारत के राजदूत की टिप्पणी आसियान और संबंधित शिखर सम्मेलन से पहले आई जो कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में चल रही है. इसमें 10 सदस्यीय क्षेत्रीय ब्लॉक के नेताओं की भागीदारी देखी जा रही है.

पढ़ें: गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने 46 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की

सिंगापुर में भारतीय दूत ने कहा कि इस परियोजना से सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों और परिवारों को होगा जो छोटी राशि भेजना चाहते हैं. वह मानक मनी ट्रांसफर कंपनियों द्वारा लिया जा रहा चार्ज उन्हें महंगा पड़ता है. अब वे एक बार में पैसा भेजने के बजाय छोटे टुकड़ों में पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे और इसकी इसकी लागत भी कम होगी. भारतीय राजदूत ने कहा PayNow भारत के घरेलू कार्ड भुगतान नेटवर्क RuPay के समान है. इसके अलावा, PayNow के आसियान के अन्य देशों के साथ संबंध हैं, जिससे लोगों के लिए इस क्षेत्र के भीतर खरीदना और बेचना आसान हो जाता है.

सिंगापुर में भारतीय दूत ने बताया कि PayNow आसियान समूह के अन्य देशों के साथ भी इसी तरह की योजना पर काम कर रहा है. इसलिए जब PayNow के साथ भारत जुड़ेगा तो स्वाभाविक रूप से आसियान के देशों के साथ भी पैसों के ट्रांसफर में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह फिलीपींस के साथ भी इसी योजना पर काम कर रहे हैं. मलेशिया और थाईलैंड के साथ पहले ही यह परियोजना शुरू हो चुकी है. भारतीय दूत ने कहा कि हमारे पास भुगतान का एक अतिरिक्त अवसर होगा और यह लेनदेन लागत को कम करेगा.

पढ़ें: पीएम मोदी कल से दक्षिण भारत के चार राज्यों के दौरे पर, करोड़ों की परियोजनाएं करेंगे समर्पित

प्रस्तावित योजना के तहत, मोबाइल फोन नंबरों का उपयोग करके भारत से सिंगापुर और यूपीआई वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके सिंगापुर से भारत में पैसा ट्रांसफर किया जा सकेगा. लगभग 2 लाख कामगार सिंगापुर में थोड़े समय के लिए काम करने के लिए आते हैं और वे अक्सर पैसे वापस घर भेज देते हैं. UPI-PayNow विशेष रूप से उन प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करेगा जिन्हें आमतौर पर धन हस्तांतरण के लिए बैंकों को शुल्क के रूप में लगभग 10 प्रतिशत राशि देनी पड़ती है.

आसियान में 10 सदस्य देश शामिल हैं- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम. आसियान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक समुदाय बन गया है. UPI-PayNow का गठजोड़ भारत और आसियान देशों के बीच सीमा पार से भुगतान के लिए एक बुनियादी ढांचा स्थापित करने का एक मॉडल बन सकता है. यह अनुमान है कि एक बार PayNow - UPI लिंक योजना सफल हो जाने के बाद यह और अधिक व्यापक हो जायेगा.

पढ़ें: महाराष्ट्र में नदी में तैरता मिला 'डमी बम', किया गया निष्क्रिय

(एएनआई)

सिंगापुर : भारत और सिंगापुर ने अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम UPI और PayNow को जोड़ने के लिए तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है. अब दोनों देशों के बीच तत्काल और कम लागत पर फंड ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे प्रवासी श्रमिकों को सर्वाधिक लाभ होगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सिंगापुर का केंद्रीय बैंक, सिंगापुर की मौद्रिक प्राधिकरण (MAS), यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) और PayNow को जोड़ने पर काम कर रहे हैं. इस योजना की शुरुआत बहुत जल्दी होने की उम्मीद है.

सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त पी कुमारन ने कहा कि सिंगापुर अपने PayNow को UPI से जोड़ना चाहता है और यह प्रोजेक्ट अगले कुछ महीनों में पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के पूरा होने पर सिंगापुर में बैठा कोई भी व्यक्ति भारत में अपने परिवार के सदस्यों को पैसे भेज सकेगा. राजदूत ने कि संभावना है कि इस परियोजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. शहर-राज्य में भारत के राजदूत की टिप्पणी आसियान और संबंधित शिखर सम्मेलन से पहले आई जो कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में चल रही है. इसमें 10 सदस्यीय क्षेत्रीय ब्लॉक के नेताओं की भागीदारी देखी जा रही है.

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सिंगापुर में भारतीय दूत ने कहा कि इस परियोजना से सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों और परिवारों को होगा जो छोटी राशि भेजना चाहते हैं. वह मानक मनी ट्रांसफर कंपनियों द्वारा लिया जा रहा चार्ज उन्हें महंगा पड़ता है. अब वे एक बार में पैसा भेजने के बजाय छोटे टुकड़ों में पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे और इसकी इसकी लागत भी कम होगी. भारतीय राजदूत ने कहा PayNow भारत के घरेलू कार्ड भुगतान नेटवर्क RuPay के समान है. इसके अलावा, PayNow के आसियान के अन्य देशों के साथ संबंध हैं, जिससे लोगों के लिए इस क्षेत्र के भीतर खरीदना और बेचना आसान हो जाता है.

सिंगापुर में भारतीय दूत ने बताया कि PayNow आसियान समूह के अन्य देशों के साथ भी इसी तरह की योजना पर काम कर रहा है. इसलिए जब PayNow के साथ भारत जुड़ेगा तो स्वाभाविक रूप से आसियान के देशों के साथ भी पैसों के ट्रांसफर में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह फिलीपींस के साथ भी इसी योजना पर काम कर रहे हैं. मलेशिया और थाईलैंड के साथ पहले ही यह परियोजना शुरू हो चुकी है. भारतीय दूत ने कहा कि हमारे पास भुगतान का एक अतिरिक्त अवसर होगा और यह लेनदेन लागत को कम करेगा.

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प्रस्तावित योजना के तहत, मोबाइल फोन नंबरों का उपयोग करके भारत से सिंगापुर और यूपीआई वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके सिंगापुर से भारत में पैसा ट्रांसफर किया जा सकेगा. लगभग 2 लाख कामगार सिंगापुर में थोड़े समय के लिए काम करने के लिए आते हैं और वे अक्सर पैसे वापस घर भेज देते हैं. UPI-PayNow विशेष रूप से उन प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करेगा जिन्हें आमतौर पर धन हस्तांतरण के लिए बैंकों को शुल्क के रूप में लगभग 10 प्रतिशत राशि देनी पड़ती है.

आसियान में 10 सदस्य देश शामिल हैं- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम. आसियान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक समुदाय बन गया है. UPI-PayNow का गठजोड़ भारत और आसियान देशों के बीच सीमा पार से भुगतान के लिए एक बुनियादी ढांचा स्थापित करने का एक मॉडल बन सकता है. यह अनुमान है कि एक बार PayNow - UPI लिंक योजना सफल हो जाने के बाद यह और अधिक व्यापक हो जायेगा.

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(एएनआई)

Last Updated : Nov 11, 2022, 7:18 AM IST
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