काठमांडू : भारत ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है. इसके बाद नेपाल को प्याज की कमी का सामना (Nepal Faces Onion Shortage) करना पड़ रहा है. निर्यातकों द्वारा भारत से प्याज का आयात बंद करने के बाद मंगलवार से काठमांडू के कालीमाटी फल और सब्जी बाजार ने अपनी मूल्य सूची से प्याज को हटा दिया है. बता दें, कालीमाटी फल और सब्जी बाजार काठमांडू का सबसे बड़ा बाजार है.
कालीमाटी फल और सब्जी बाजार के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ ने कहा कि हमारे पास 80 विक्रेता हैं, जो प्याज बेचते हैं. लेकिन पिछले दो दिनों में, उनके पास प्याज का स्टॉक खत्म हो रहा है, इसलिए हमने प्याज की मूल्य सूची हटा दी है क्योंकि यह अब उपलब्ध नहीं है. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद नेपाल में प्याज की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. नेपाली बाजार में प्याज की कीमत 50 रुपये से बढ़कर 90-100 रुपये प्रति किलो के आसपास पहुंच गई है.
चूंकि नेपाल अपनी लगभग सभी प्याज जरूरतों को भारत से आयात करता है, भारी निर्यात शुल्क ने घरेलू बाजार में कमी पैदा कर दी है. व्यापारियों का कहना है कि यह कमी नेपाल के त्योहारी सीजन के साथ मेल खाती है क्योंकि इन दिनों प्याज की खपत बढ़ जाती है. 21 दिसंबर तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क ऐसे समय लगाया गया है जब अधिकांश नेपाली त्योहार बीच में आते हैं.
आमतौर पर काठमांडू के कालीमाटी फल और सब्जी बाजार में औसतन 100 टन प्याज का आयात होता था, लेकिन निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद रविवार और सोमवार को यह संख्या घटकर 40 टन रह गई है. श्रेष्ठ ने कहा कि मंगलवार से निर्यातकों ने प्याज का आयात बंद कर दिया है. न्यूनतम घरेलू उत्पादन के कारण नेपाल भारत से आयातित प्याज पर बहुत अधिक निर्भर है. पिछले वित्त वर्ष में देश ने 6.75 अरब रुपये मूल्य के 180,190 टन प्याज का आयात किया गया था.
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(आईएएनएस)