नई दिल्ली : केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा महंगाई भत्ता दिया जाता है. जैसे- जैसे महंगाई बढ़ती है कर्मचारियों का डीए भी बढ़या जाता है. इसका मतलब है कि डीए का कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है. गौरतलब है कि कर्मचारियों का Dearness Allowance (DA) कितना बढ़ेगा यह उनके मूल वेतन पर निर्भर करता है. महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
क्यों दिया जाता है महंगाई भत्ता : महंगाई भत्ता कर्मचारियों के रहन- सहन को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. महंगाई बढ़ने पर कर्मचारी के जीवन स्तर में कोई कमी न आए इसलिए यह अलावेंस दिया जाता है जो सैलरी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. यह DA सरकारी कर्मचारियों और सरकारी पेंशनहॉल्डर को दिया जाता है.
महंगाई भत्ता देने की शुरुआत कैसे हुई : महंगाई भत्ते की शुरुआत 2nd world War के दौरान हुई थी. पहले सिपाहियों को खाने- पीने या अन्य सुविधाओं के लिए सैलरी से अलग से पैसे दिए जाते थे, जिसे खाद्य महंगाई भत्ता या 'डियर फूड अलाउंस' कहा जाता था. भारत में इसकी शुरुआत 1972 में मुबंई में की गई थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना शुरू कर दिया था.
जुलाई में डीए बढ़ने की उम्मीद : सरकार एक बार फिर जुलाई में केंद्रीय कर्मचरियों को 'डीए बढ़ोत्तरी' की खुशखबरी दे सकती है. क्योंकि सरकार पिछले दो बार से महंगाई भत्ता 4 फीसदी से बढ़ा रही है. इसी साल जनवरी में महंगाई भत्ता 4 फीसदी से बढ़ा था. वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार इस बार डीए कैलकुलेशन का नया फार्मूला ला सकती है. ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइंस इंडेक्स (AICPI) की रिपोर्ट के अनुसार इस साल जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एक बार फिर 3-4 फीसदी तक बढ़ सकता है.