मुंबई: भारत अपनी तेल की जरूरतों का करीब 10 फीसदी ईरान से आयात कर पूरा करता रहा है, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंध के कारण दो मई के बाद ईरान से तेल का आयात बंद हो जाने पर अगर इसका विकल्प तत्काल नहीं मिला तो देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो जाएगी.
केयर रेटिंग की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को तेल आयात के लिए अपनी निर्भरता सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे ओपेक देशों से बढ़ानी होगी. इसके अलावा, भारत अपनी तेल की ऊंची मांग की पूर्ति के लिए अमेरिकी शेल गैस की तरफ देखना होगा.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने तेल आयात के करीब 10 फीसदी के लिए ईरान पर निर्भर रहा है, जिसके लिए ऐसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं को तत्काल तलाशने की चुनौती है जोकि ईरान जैसी ही प्रतिस्पर्धी शर्तो पर उसे कच्चे तेल की आपूर्ति कर सकें.
भारत को ईरान से तेल आयात का विकल्प तलाशने की चुनौती: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार भारत को तेल आयात के लिए अपनी निर्भरता सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे ओपेक देशों से बढ़ानी होगी.
मुंबई: भारत अपनी तेल की जरूरतों का करीब 10 फीसदी ईरान से आयात कर पूरा करता रहा है, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंध के कारण दो मई के बाद ईरान से तेल का आयात बंद हो जाने पर अगर इसका विकल्प तत्काल नहीं मिला तो देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो जाएगी.
केयर रेटिंग की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को तेल आयात के लिए अपनी निर्भरता सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे ओपेक देशों से बढ़ानी होगी. इसके अलावा, भारत अपनी तेल की ऊंची मांग की पूर्ति के लिए अमेरिकी शेल गैस की तरफ देखना होगा.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने तेल आयात के करीब 10 फीसदी के लिए ईरान पर निर्भर रहा है, जिसके लिए ऐसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं को तत्काल तलाशने की चुनौती है जोकि ईरान जैसी ही प्रतिस्पर्धी शर्तो पर उसे कच्चे तेल की आपूर्ति कर सकें.
भारत को ईरान से तेल आयात का विकल्प तलाशने की चुनौती: रिपोर्ट
मुंबई: भारत अपनी तेल की जरूरतों का करीब 10 फीसदी ईरान से आयात कर पूरा करता रहा है, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंध के कारण दो मई के बाद ईरान से तेल का आयात बंद हो जाने पर अगर इसका विकल्प तत्काल नहीं मिला तो देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो जाएगी.
केयर रेटिंग की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को तेल आयात के लिए अपनी निर्भरता सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे ओपेक देशों से बढ़ानी होगी. इसके अलावा, भारत अपनी तेल की ऊंची मांग की पूर्ति के लिए अमेरिकी शेल गैस की तरफ देखना होगा.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने तेल आयात के करीब 10 फीसदी के लिए ईरान पर निर्भर रहा है, जिसके लिए ऐसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं को तत्काल तलाशने की चुनौती है जोकि ईरान जैसी ही प्रतिस्पर्धी शर्तो पर उसे कच्चे तेल की आपूर्ति कर सकें.
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