नई दिल्ली: तेल/गैस उत्खनन की नयी संशोधित नयी लाइसेंस नीति के तहत नीलामी के लिए प्रस्तुत सात प्रखंडों के लिए महज आठ बोलियां प्राप्त हुईं और वह भी सरकारी कंपनियों की ओर से आयीं. नीलामी के इस दौर को निजी व विदेशी कंपनियों ने नजरअंदाज कर दिया.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने एक बयान में कहा कि ओएनजीसी ने सभी सात प्रखंडों के लिये तथा ऑयल इंडिया ने एक खंड के लिये बोली लगायी है. बोली जमा करने की समयसीमा बृहस्पतिवार को पूरी हो गयी.
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बयान में कहा गया है कि राजस्थान में एक तेल प्रखंड के लिये इन दोनों कंपनियों ने बोलियां प्रस्तुत की हैं. मध्यप्रदेश के पांच प्रखंडों तथा पश्चिम बंगाल के एक खंड के लिये सिर्फ ओएनजीसी ने बोली लगायी है.
महानिदेशालय ने कहा, "खुला क्षेत्र लाइसेंस नीति के चौथे दौर में करीब 18,500 वर्गकिलोमीटर के सात प्रखंड नीलामी के लिये रखे गये थे. प्राप्त बोलियों से पता चलता है कि भारत में कच्चा तेल की खोज एवं उत्पादन में स्थापित कंपनियों की दिलचस्पी बनी हुई है. तय समय के तहत बोलियों का मूल्याकंन किया जायेगा."
नयी नीति के तहत नीलामी के पहले दौर में 55 प्रखंडों के लिये 110 बोलियां, दूसरे दौर में 14 खंडों के लिये 33 बोलियां और तीसरे दौर में 23 खंडों के लिये 42 बोलियां प्राप्त हुई थीं. इन तीनों दौर में 87 प्रखंडों का आवंटन किया गया.
महानिदेशालय ने कहा कि पांचवें दौर की नरलामी के लिये 30 नवंबर तक बोलियां लगायी जा सकती हैं.