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बजट 2019: स्वामीनाथन ने कहा- खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत

स्वामीनाथन ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिये अन्य बातों के अलावा किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ विपणन व्यवस्था में सुधार के लिये ठोस कदम उठाए जाने की अपेक्षा है.

बजट 2019: स्वामीनाथन ने कहा- खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत
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Published : Jul 2, 2019, 5:03 PM IST

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने तथा इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नयी पहल कर सकती है.

स्वामीनाथन ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिये अन्य बातों के अलावा किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ विपणन व्यवस्था में सुधार के लिये ठोस कदम उठाए जाने की अपेक्षा है.

ये भी पढ़ें- बजट 2019: कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए स्थायी समाधान की जरूरत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का 2019-20 का पहला बजट पेश करेंगी. स्वामीनाथन ने कहा, "किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से का मूल्यवर्द्धन किया जाए और इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाएं."

खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत
हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन ने सतत कृषि के लिये बजट में जैविक खेती, जैव-विविधता संरक्षण और जल के बेहतर उपयोग के साथ उपभोक्ता और उत्पाद उन्मुख कृषि व्यापार को प्रोत्साहित करने 'खेत से खाने की प्लेट तक' के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने पर ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद जतायी है ताकि किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ हो सके.

किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलना जरूरी
उन्होंने कहा, "किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना जरूरी है और बजट में इस दिशा में ठोस उपाय किये जाने की मैं उम्मीद करता हूं. इसके अलावा कृषि उपज के बेहतर विपणन के साथ भंडारण, परिवहन समेत फसल कटाई के बाद की बेहतर प्रौद्योगिकी के लिये भी उपाय किये जाने की अपेक्षा है."

एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को लेकर उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित किये जाने पर प्रसन्नता जतायी. हालांकि उन्होने उम्मीद जतायी कि समिति की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों को लागू करने की होगी. सरकार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति सोमवार को गठित की.

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने तथा इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नयी पहल कर सकती है.

स्वामीनाथन ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिये अन्य बातों के अलावा किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ विपणन व्यवस्था में सुधार के लिये ठोस कदम उठाए जाने की अपेक्षा है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का 2019-20 का पहला बजट पेश करेंगी. स्वामीनाथन ने कहा, "किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से का मूल्यवर्द्धन किया जाए और इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाएं."

खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत
हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन ने सतत कृषि के लिये बजट में जैविक खेती, जैव-विविधता संरक्षण और जल के बेहतर उपयोग के साथ उपभोक्ता और उत्पाद उन्मुख कृषि व्यापार को प्रोत्साहित करने 'खेत से खाने की प्लेट तक' के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने पर ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद जतायी है ताकि किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ हो सके.

किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलना जरूरी
उन्होंने कहा, "किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना जरूरी है और बजट में इस दिशा में ठोस उपाय किये जाने की मैं उम्मीद करता हूं. इसके अलावा कृषि उपज के बेहतर विपणन के साथ भंडारण, परिवहन समेत फसल कटाई के बाद की बेहतर प्रौद्योगिकी के लिये भी उपाय किये जाने की अपेक्षा है."

एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को लेकर उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित किये जाने पर प्रसन्नता जतायी. हालांकि उन्होने उम्मीद जतायी कि समिति की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों को लागू करने की होगी. सरकार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति सोमवार को गठित की.

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बजट 2019: स्वामीनाथन ने कहा- खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत



नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने तथा इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नयी पहल कर सकती है. 

स्वामीनाथन ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिये अन्य बातों के अलावा किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ विपणन व्यवस्था में सुधार के लिये ठोस कदम उठाए जाने की अपेक्षा है.    

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का 2019-20 का पहला बजट पेश करेंगी. स्वामीनाथन ने कहा, "किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से का मूल्यवर्द्धन किया जाए और इसके लिये जैव-पार्क स्थापित किए जाएं."    



खेत से खाने की प्लेट तक के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने की जरुरत

हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन ने सतत कृषि के लिये बजट में जैविक खेती, जैव-विविधता संरक्षण और जल के बेहतर उपयोग के साथ उपभोक्ता और उत्पाद उन्मुख कृषि व्यापार को प्रोत्साहित करने 'खेत से खाने की प्लेट तक' के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने पर ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद जतायी है ताकि किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ हो सके.    



किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलना जरूरी 

उन्होंने कहा, "किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना जरूरी है और बजट में इस दिशा में ठोस उपाय किये जाने की मैं उम्मीद करता हूं. इसके अलावा कृषि उपज के बेहतर विपणन के साथ भंडारण, परिवहन समेत फसल कटाई के बाद की बेहतर प्रौद्योगिकी के लिये भी उपाय किये जाने की अपेक्षा है."    





उन्होंने किसानों की राष्ट्रीय नीति को भी क्रियान्वित करने की सिफारिश की जो उनकी अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. इन सुझावों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य उनकी औसत उपज लागत का कम-से-कम 50 प्रतिशत मिलना सुनिश्चित करना, सिंचाई क्षेत्र में निवेश, कृषि संबंधी ढांचागत सुविधा में निवेश में बढ़ोतरी, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का पता लगाने वाली सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार करना, किसानों मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, जैव विविधता को बनाये रखने में मदद के लिये संरक्षित खेती को बढ़ावा देना, सस्ता और समय पर कर्ज की उपलब्धता, समन्वित रूप से फसल, पशुधन और मानव स्वास्थ्य बीमा पैकेज का विकास आदि शामिल हैं.



    

एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को लेकर उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित किये जाने पर प्रसन्नता जतायी. हालांकि उन्होने उम्मीद जतायी कि समिति की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों को लागू करने की होगी. सरकार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति सोमवार को गठित की.


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