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ठाकुर ने कहा- जीएसटी के मुद्दे पर करेंगे मदद, कंपनियां राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी करें बात

वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वालों के संगठन के सालाना सम्मेलन में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार उद्योग को प्राथमिकता दे रही है. साथ ही सरकार ने वाहन उद्योग की चुनौतियों के समाधान के लिये कई उपाय किये हैं.

ठाकुर ने कहा- जीएसटी के मुद्दे पर करेंगे मदद, कंपनियां राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी करें बात
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Published : Sep 6, 2019, 4:27 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 4:01 PM IST

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को वाहन कंपनियों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का मुद्दा जीएसटी परिषद में शामिल राज्य के वित्त मंत्रियों के समक्ष भी उठाने को कहा. साथ ही उन्होंने केंद्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया.

वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वालों के संगठन (आटोमोटिव कम्पोनेन्ट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन) के सालाना सम्मेलन में ठाकुर ने कहा, "आपको पता है कि जीएसटी दर में किसी भी प्रकार की कटौती के लिये पहले फिटमेंट कमेटी (समायोजन समिति) से और उसके बाद जीएसटी परिषद से मंजूरी लेनी होती है. मैं आप सभी से जीएसटी परिषद में शामिल राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने और उनके समक्ष अपनी बात रखने का आग्रह करता हूं."

ये भी पढ़ें- मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भारत में ही इलेक्ट्रॉनिक्स और मुख्य कल-पूर्जे बनाएगी मारुती

ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने की मांग कर रही
वाहन उद्योग के जीएसटी दर में कटौती की मांग के बीच उन्होंने यह बात कही है.वाहन और कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत पर लाने को कहा है ताकि क्षेत्र को सुस्ती से बाहर निकलने में मदद मिले.

राज्य के वित्तमंत्री के सामने भी रखें अपनी समस्या
ठाकुर ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों को ओईएम या वाहन निर्माताओं की चुनौतियों से अवगत होना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारा आग्रह है कि उन्हें भी इस बारे में अवगत करायें ताकि जब भी जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा हो, हर किसी की इस पर अपनी राय होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को कार विनिर्माताओं, डीलरों और संबंधित पक्षों से जीएसटी दर में कटौती को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं. उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, "कई मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं. मुद्दा यह है कि क्या वे इस मामले को अपने वित्त मंत्रियों के समक्ष उठाते हैं या नहीं?"

उद्योग को प्राथमिकता दे रही मोदी सरकार
ठाकुर ने कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछली बैठक में कह चुकी हैं कि केंद्र मामले पर विचार के लिये उसे जीएसटी परिषद में लेने जाने के लिये तैयार है. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 20 सितंबर को गोवा में होगी. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने वाहन उद्योग की चुनौतियों के समाधान के लिये कई उपाय किये हैं. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार इस उद्योग को प्राथमिकता दे रही है."

ठाकुर के सामने उठा नोटबंदी का सवाल
संबोधन के दौरान सवाल करते हुये कहा कि सरकार के उपायों, आरबीआई के हस्तक्षेप और विनिर्माताओं द्वारा दी जा रही छूट के बावजूद आखिर वाहन बिक्री क्यों नहीं बढ़ रही है, इस पर वहां मौजूद एक प्रतिभागी ने तपाक से कहा, यह नोटबंदी का प्रभाव है. जीएस आटो लुधियाना के जसबीर सिंह ने वित्त राज्यमंत्री को बीच में टोकते हुए कहा, "यह नोटबंदी का देरी से सामने आने वाला प्रभाव है. लोगों के पास पैसा नहीं है." इसलिये मांग नहीं बढ़ रही है.

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को वाहन कंपनियों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का मुद्दा जीएसटी परिषद में शामिल राज्य के वित्त मंत्रियों के समक्ष भी उठाने को कहा. साथ ही उन्होंने केंद्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया.

वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वालों के संगठन (आटोमोटिव कम्पोनेन्ट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन) के सालाना सम्मेलन में ठाकुर ने कहा, "आपको पता है कि जीएसटी दर में किसी भी प्रकार की कटौती के लिये पहले फिटमेंट कमेटी (समायोजन समिति) से और उसके बाद जीएसटी परिषद से मंजूरी लेनी होती है. मैं आप सभी से जीएसटी परिषद में शामिल राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने और उनके समक्ष अपनी बात रखने का आग्रह करता हूं."

ये भी पढ़ें- मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भारत में ही इलेक्ट्रॉनिक्स और मुख्य कल-पूर्जे बनाएगी मारुती

ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने की मांग कर रही
वाहन उद्योग के जीएसटी दर में कटौती की मांग के बीच उन्होंने यह बात कही है.वाहन और कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत पर लाने को कहा है ताकि क्षेत्र को सुस्ती से बाहर निकलने में मदद मिले.

राज्य के वित्तमंत्री के सामने भी रखें अपनी समस्या
ठाकुर ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों को ओईएम या वाहन निर्माताओं की चुनौतियों से अवगत होना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारा आग्रह है कि उन्हें भी इस बारे में अवगत करायें ताकि जब भी जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा हो, हर किसी की इस पर अपनी राय होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को कार विनिर्माताओं, डीलरों और संबंधित पक्षों से जीएसटी दर में कटौती को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं. उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, "कई मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं. मुद्दा यह है कि क्या वे इस मामले को अपने वित्त मंत्रियों के समक्ष उठाते हैं या नहीं?"

उद्योग को प्राथमिकता दे रही मोदी सरकार
ठाकुर ने कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछली बैठक में कह चुकी हैं कि केंद्र मामले पर विचार के लिये उसे जीएसटी परिषद में लेने जाने के लिये तैयार है. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 20 सितंबर को गोवा में होगी. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने वाहन उद्योग की चुनौतियों के समाधान के लिये कई उपाय किये हैं. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार इस उद्योग को प्राथमिकता दे रही है."

ठाकुर के सामने उठा नोटबंदी का सवाल
संबोधन के दौरान सवाल करते हुये कहा कि सरकार के उपायों, आरबीआई के हस्तक्षेप और विनिर्माताओं द्वारा दी जा रही छूट के बावजूद आखिर वाहन बिक्री क्यों नहीं बढ़ रही है, इस पर वहां मौजूद एक प्रतिभागी ने तपाक से कहा, यह नोटबंदी का प्रभाव है. जीएस आटो लुधियाना के जसबीर सिंह ने वित्त राज्यमंत्री को बीच में टोकते हुए कहा, "यह नोटबंदी का देरी से सामने आने वाला प्रभाव है. लोगों के पास पैसा नहीं है." इसलिये मांग नहीं बढ़ रही है.

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ठाकुर ने कहा- जीएसटी के मुद्दे पर करेंगे मदद, कंपनियां राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी करें बात 

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को वाहन कंपनियों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का मुद्दा जीएसटी परिषद में शामिल राज्य के वित्त मंत्रियों के समक्ष भी उठाने को कहा. साथ ही उन्होंने केंद्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया. 

वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वालों के संगठन (आटोमोटिव कम्पोनेन्ट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन) के सालाना सम्मेलन में ठाकुर ने कहा, "आपको पता है कि जीएसटी दर में किसी भी प्रकार की कटौती के लिये पहले फिटमेंट कमेटी (समायोजन समिति) से और उसके बाद जीएसटी परिषद से मंजूरी लेनी होती है. मैं आप सभी से जीएसटी परिषद में शामिल राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने और उनके समक्ष अपनी बात रखने का आग्रह करता हूं." 

ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने की मांग कर रही

वाहन उद्योग के जीएसटी दर में कटौती की मांग के बीच उन्होंने यह बात कही है.वाहन और कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत पर लाने को कहा है ताकि क्षेत्र को सुस्ती से बाहर निकलने में मदद मिले. 





राज्य के वित्तमंत्री के सामने भी रखें अपनी समस्या

ठाकुर ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों को ओईएम या वाहन निर्माताओं की चुनौतियों से अवगत होना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारा आग्रह है कि उन्हें भी इस बारे में अवगत करायें ताकि जब भी जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा हो, हर किसी की इस पर अपनी राय होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को कार विनिर्माताओं, डीलरों और संबंधित पक्षों से जीएसटी दर में कटौती को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं. उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, "कई मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं. मुद्दा यह है कि क्या वे इस मामले को अपने वित्त मंत्रियों के समक्ष उठाते हैं या नहीं?" 





उद्योग को प्राथमिकता दे रही मोदी सरकार

ठाकुर ने कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछली बैठक में कह चुकी हैं कि केंद्र मामले पर विचार के लिये उसे जीएसटी परिषद में लेने जाने के लिये तैयार है. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 20 सितंबर को गोवा में होगी. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने वाहन उद्योग की चुनौतियों के समाधान के लिये कई उपाय किये हैं. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार इस उद्योग को प्राथमिकता दे रही है."



ठाकुर के सामने उठा नोटबंदी का सवाल

संबोधन के दौरान सवाल करते हुये कहा कि सरकार के उपायों, आरबीआई के हस्तक्षेप और विनिर्माताओं द्वारा दी जा रही छूट के बावजूद आखिर वाहन बिक्री क्यों नहीं बढ़ रही है, इस पर वहां मौजूद एक प्रतिभागी ने तपाक से कहा, यह नोटबंदी का प्रभाव है. जीएस आटो लुधियाना के जसबीर सिंह ने वित्त राज्यमंत्री को बीच में टोकते हुए कहा, "यह नोटबंदी का देरी से सामने आने वाला प्रभाव है. लोगों के पास पैसा नहीं है." इसलिये मांग नहीं बढ़ रही है.


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Last Updated : Sep 29, 2019, 4:01 PM IST
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