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कैबिनेट ने सीपीएसई में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने की मंजूरी दी

कैबिनेट ने प्रबंधन नियंत्रण को बनाए रखते हुए चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 51 प्रतिशत से कम करने की मंजूरी दी.

कैबिनेट ने सीपीएसई में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने की मंजूरी दी
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Published : Nov 20, 2019, 10:21 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रबंधन नियंत्रण को बनाए रखते हुए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में सरकारी हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्ताव पर विचार और अनुमोदन किया है.

2018-19 के बजट में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के विलय और बाद में स्टॉक एक्सचेंजों में विलय की गई इकाई की सूची का प्रस्ताव किया गया था.

2019-20 के अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश की नीति का पालन कर रही है, जिससे सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे न जाए.
ये भी पढ़ें: कैबिनेट ने बीपीसीएल समेत 4 अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश की दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रबंधन नियंत्रण को बनाए रखते हुए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में सरकारी हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्ताव पर विचार और अनुमोदन किया है.

2018-19 के बजट में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के विलय और बाद में स्टॉक एक्सचेंजों में विलय की गई इकाई की सूची का प्रस्ताव किया गया था.

2019-20 के अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश की नीति का पालन कर रही है, जिससे सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे न जाए.
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रबंधन नियंत्रण को बनाए रखते हुए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में सरकारी हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्ताव पर विचार और अनुमोदन किया है.



2018-19 के बजट में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के विलय और बाद में स्टॉक एक्सचेंजों में विलय की गई इकाई की सूची का प्रस्ताव किया गया था.



2019-20 के अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश की नीति का पालन कर रही है, जिससे सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे न जाए.

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