नई दिल्ली: रिलायंस जियो इंफोकॉम ने उड़ान के दौरान के कनेक्टिविटी लाइसेंस के लिए दूरसंचार विभाग के समक्ष आवेदन दिया है. लाइसेंस प्राप्त होने के बाद सेवा प्रदाता भारतीय एवं विदेशी एयरलाइनों को कनेक्टिविटी और डेटा सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे.
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने जानकारी दी है कि जियो के अलावा दूरसंचार विभाग को ओर्टस कम्युनिकेशन्स, स्टेशन सैटकॉम और क्लाउड कास्ट डिजिटल सहित अन्य कंपनियों की ओर से भी आवेदन मिले हैं. हालांकि, रिलायंस जियो ने इस बाबत भेजे गए सवालों का जवाब देने से मना कर दिया.
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सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने ओर्टस कम्युनिकेशन सहित कुछ मामलों में आवेदकों से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भारतीय वायु क्षेत्र में उड़ान सेवाओं के साथ-साथ समुद्र में मोबाइल फोन सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित कर दिया था.
इसके बाद भारती एयरटेल हग्स कम्युनिकेशन इंडिया और टाटानेट सर्विसेज ने इससे जुड़े लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. इसके बाद अब तक हग्स कम्युनिकेशन्स इंडिया और टाटानेट सर्विसेज और भारती एयरटेल की अनुषंगी इंडो टेलीपोर्ट्स लिमिटेड को इन सेवाओं का लाइसेंस मिल चुका है.
हवाई यात्रा के दौरान WiFi की सुविधा देने की तैयारी में जियो, लाइसेंस के लिए किया आवेदन
अब तक हग्स कम्युनिकेशन्स इंडिया और टाटानेट सर्विसेज और भारती एयरटेल की सहायक इंडो टेलीपोर्ट्स लिमिटेड को इन सेवाओं का लाइसेंस मिल चुका है.
नई दिल्ली: रिलायंस जियो इंफोकॉम ने उड़ान के दौरान के कनेक्टिविटी लाइसेंस के लिए दूरसंचार विभाग के समक्ष आवेदन दिया है. लाइसेंस प्राप्त होने के बाद सेवा प्रदाता भारतीय एवं विदेशी एयरलाइनों को कनेक्टिविटी और डेटा सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे.
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने जानकारी दी है कि जियो के अलावा दूरसंचार विभाग को ओर्टस कम्युनिकेशन्स, स्टेशन सैटकॉम और क्लाउड कास्ट डिजिटल सहित अन्य कंपनियों की ओर से भी आवेदन मिले हैं. हालांकि, रिलायंस जियो ने इस बाबत भेजे गए सवालों का जवाब देने से मना कर दिया.
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सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने ओर्टस कम्युनिकेशन सहित कुछ मामलों में आवेदकों से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भारतीय वायु क्षेत्र में उड़ान सेवाओं के साथ-साथ समुद्र में मोबाइल फोन सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित कर दिया था.
इसके बाद भारती एयरटेल हग्स कम्युनिकेशन इंडिया और टाटानेट सर्विसेज ने इससे जुड़े लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. इसके बाद अब तक हग्स कम्युनिकेशन्स इंडिया और टाटानेट सर्विसेज और भारती एयरटेल की अनुषंगी इंडो टेलीपोर्ट्स लिमिटेड को इन सेवाओं का लाइसेंस मिल चुका है.
रिलायंस जियो ने उड़ान के दौरान कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लाइसेंस के लिए आवेदन किया
नई दिल्ली: रिलायंस जियो इंफोकॉम ने उड़ान के दौरान के कनेक्टिविटी लाइसेंस के लिए दूरसंचार विभाग के समक्ष आवेदन दिया है. लाइसेंस प्राप्त होने के बाद सेवा प्रदाता भारतीय एवं विदेशी एयरलाइनों को कनेक्टिविटी और डेटा सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे.
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने जानकारी दी है कि जियो के अलावा दूरसंचार विभाग को ओर्टस कम्युनिकेशन्स, स्टेशन सैटकॉम और क्लाउड कास्ट डिजिटल सहित अन्य कंपनियों की ओर से भी आवेदन मिले हैं. हालांकि, रिलायंस जियो ने इस बाबत भेजे गए सवालों का जवाब देने से मना कर दिया.
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सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने ओर्टस कम्युनिकेशन सहित कुछ मामलों में आवेदकों से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भारतीय वायु क्षेत्र में उड़ान सेवाओं के साथ-साथ समुद्र में मोबाइल फोन सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित कर दिया था.
इसके बाद भारती एयरटेल हग्स कम्युनिकेशन इंडिया और टाटानेट सर्विसेज ने इससे जुड़े लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. इसके बाद अब तक हग्स कम्युनिकेशन्स इंडिया और टाटानेट सर्विसेज और भारती एयरटेल की अनुषंगी इंडो टेलीपोर्ट्स लिमिटेड को इन सेवाओं का लाइसेंस मिल चुका है.
Conclusion: