ETV Bharat / business

गूगल-पे से करते हैं लेनदेन, तो ये खबर आपके लिए है - तो ये खबर आपके लिए है

आरबीआई ने अदालत को बताया कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है.

गूगल-पे से करते हैं लेनदेन, तो ये खबर आपके लिए है
गूगल-पे से करते हैं लेनदेन, तो ये खबर आपके लिए है
author img

By

Published : Jun 21, 2020, 3:45 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष एप प्रदाता (टीपीएपी) है और यह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है.

आरबीआई ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसलिए इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है.

आरबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है.

ये भी पढ़ें- रिकॉर्ड तोड़ महंगा हो रहा है पेट्रोल और डीजल, जानिए प्रमुख महानगरों में रेट

क्या है मामला?

वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान एप गूगल पे या संक्षेप में जीपे, आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है. इस याचिका के जवाब में आरबीआई ने यह बात कही.

मिश्रा ने दावा किया है कि जीपे भुगतान और निपटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है.

पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है क्योंकि यह अन्य तीसरे पक्ष के एप को प्रभावित करता है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष एप प्रदाता (टीपीएपी) है और यह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है.

आरबीआई ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसलिए इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है.

आरबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है.

ये भी पढ़ें- रिकॉर्ड तोड़ महंगा हो रहा है पेट्रोल और डीजल, जानिए प्रमुख महानगरों में रेट

क्या है मामला?

वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान एप गूगल पे या संक्षेप में जीपे, आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है. इस याचिका के जवाब में आरबीआई ने यह बात कही.

मिश्रा ने दावा किया है कि जीपे भुगतान और निपटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है.

पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है क्योंकि यह अन्य तीसरे पक्ष के एप को प्रभावित करता है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.