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भारत को स्विस बैंकों से मुख्य रूप से बंद खातों के बारे में जानकारी मिली

स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध करायी हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.

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Published : Sep 9, 2019, 12:50 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:38 PM IST

भारत को स्विस बैंकों से मुख्य रूप से बंद खातों के बारे में जानकारी मिली

नई दिल्ली/बर्न: स्विस बैंकों में भारतीयों के खाताधारकों के बारे में स्वचालित व्यवस्था के तहत भारत को प्राप्त पहले दौर की सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्यापत सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है.

स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध करायी हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.

ये भी पढ़ें- मंदी की मार झेल रहा है आगरा का फुटवीयर उद्योग, जा सकती हैं हजारों नौकरियों

बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा किया और भारत को सौंपा. इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों.

उन्होंने कहा कि यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है. इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गयी है.

कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं.

बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन खातों से भारी स्तर पर पैसे निकाले गये और कई खाते बंद हो गये.

हालांकि साझा की गयी जानकारियों में उन खातों की भी सूनाएं शामिल हैं जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया. इसके अलावा भारतीय लोगों के कम से कम 100 ऐसे पुराने खाते भी हैं जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया. स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारियों को भी यथाशीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है.

ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं.

नियामकीय अधिकारियों ने कहा कि स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं.

नई दिल्ली/बर्न: स्विस बैंकों में भारतीयों के खाताधारकों के बारे में स्वचालित व्यवस्था के तहत भारत को प्राप्त पहले दौर की सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्यापत सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है.

स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध करायी हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.

ये भी पढ़ें- मंदी की मार झेल रहा है आगरा का फुटवीयर उद्योग, जा सकती हैं हजारों नौकरियों

बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा किया और भारत को सौंपा. इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों.

उन्होंने कहा कि यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है. इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गयी है.

कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं.

बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन खातों से भारी स्तर पर पैसे निकाले गये और कई खाते बंद हो गये.

हालांकि साझा की गयी जानकारियों में उन खातों की भी सूनाएं शामिल हैं जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया. इसके अलावा भारतीय लोगों के कम से कम 100 ऐसे पुराने खाते भी हैं जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया. स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारियों को भी यथाशीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है.

ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं.

नियामकीय अधिकारियों ने कहा कि स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं.

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भारत को स्विस बैंकों से मुख्य रूप से बंद खातों के बारे में जानकारी मिली

नई दिल्ली/बर्न: स्विस बैंकों में भारतीयों के खाताधारकों के बारे में स्वचालित व्यवस्था के तहत भारत को प्राप्त पहले दौर की सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्यापत सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है.



स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध करायी हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.



बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा किया और भारत को सौंपा. इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों.



उन्होंने कहा कि यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है. इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गयी है.



कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं.



बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन खातों से भारी स्तर पर पैसे निकाले गये और कई खाते बंद हो गये.



हालांकि साझा की गयी जानकारियों में उन खातों की भी सूनाएं शामिल हैं जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया. इसके अलावा भारतीय लोगों के कम से कम 100 ऐसे पुराने खाते भी हैं जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया. स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारियों को भी यथाशीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है.



ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं.



नियामकीय अधिकारियों ने कहा कि स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं.


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Last Updated : Sep 29, 2019, 11:38 PM IST

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