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आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये मांग बढ़ाने पर दे रही ध्यान सरकार: मुख्य आर्थिक सलाहकार

उन्होंने अर्थव्यवस्था को छह साल की निम्न आर्थिक वृद्धि से ऊपर लाने के लिये उठाये जा रहे कदमों का ब्योरा दिया जिसमें कंपनियों के रिटर्न को बेहतर करने के लिये कंपनी करों में कटौती शामिल हैं.

आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये मांग बढ़ाने पर दे रही ध्यान सरकार: मुख्य आर्थिक सलाहकार
आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये मांग बढ़ाने पर दे रही ध्यान सरकार: मुख्य आर्थिक सलाहकार
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Published : Dec 13, 2019, 3:45 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 5:04 PM IST

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये खपत बढ़ाने के उपायों पर गौर कर रही है.

उन्होंने अर्थव्यवस्था को छह साल की निम्न आर्थिक वृद्धि से ऊपर लाने के लिये उठाये जा रहे कदमों का ब्योरा दिया जिसमें कंपनियों के रिटर्न को बेहतर करने के लिये कंपनी करों में कटौती शामिल हैं.

सुब्रमणियम ने कहा कि इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के साथ रीयल्टी क्षेत्र में अखिरी चरण का वित्त पोषण उपलब्ध कराया गया है.

उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिये 4.47 लाख करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं. आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 7,657 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गयी है.

ये भी पढ़ें: मूडीज ने भी 2019 के लिये भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.6 प्रतिशत किया

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से 66 प्रतिशत का उपयोग किया जा चुका है. रेल और सड़क मंत्रालयों ने 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया है.

सुब्रमणियम ने कहा कि 27 नवंबर तक रेपो दर से जुड़े ब्याज पर 70,000 करोड़ रुपये का 8 लाख से अधिक कर्ज दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी है. बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों तथा 72,985 करोड़ रुपये एमएसएमई को वितरित किये हैं.

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये खपत बढ़ाने के उपायों पर गौर कर रही है.

उन्होंने अर्थव्यवस्था को छह साल की निम्न आर्थिक वृद्धि से ऊपर लाने के लिये उठाये जा रहे कदमों का ब्योरा दिया जिसमें कंपनियों के रिटर्न को बेहतर करने के लिये कंपनी करों में कटौती शामिल हैं.

सुब्रमणियम ने कहा कि इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के साथ रीयल्टी क्षेत्र में अखिरी चरण का वित्त पोषण उपलब्ध कराया गया है.

उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिये 4.47 लाख करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं. आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 7,657 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गयी है.

ये भी पढ़ें: मूडीज ने भी 2019 के लिये भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.6 प्रतिशत किया

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से 66 प्रतिशत का उपयोग किया जा चुका है. रेल और सड़क मंत्रालयों ने 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया है.

सुब्रमणियम ने कहा कि 27 नवंबर तक रेपो दर से जुड़े ब्याज पर 70,000 करोड़ रुपये का 8 लाख से अधिक कर्ज दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी है. बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों तथा 72,985 करोड़ रुपये एमएसएमई को वितरित किये हैं.

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Last Updated : Dec 13, 2019, 5:04 PM IST
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