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इंद्रपुरी बराज से छोड़ा गया पानी, किसानों ने ली राहत की सांस

मध्य प्रदेश स्थित बाणसागर बांध से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण बिहार में सोन नदी के प्रमुख नहरों में पानी की समस्या बन रही थी. इस कारण धान की खेती भी प्रभावित हो रही थी. लेकिन अब पानी सभी नहरों में पहुंच गया है. किसान राहत की सांस ले रहे हैं.

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Published : Jun 14, 2019, 10:54 AM IST

इंद्रपुरी बराज से छोड़ा गया पानी

औरंगाबाद: पानी की समस्या से जूझ रहे औरंगाबाद जिले के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. इंद्रपुरी बराज से पूर्वी नहरों के लिए पानी छोड़ दिया गया है. पानी छोड़ने के बाद इंद्रपुरी बराज के सभी नहरों में 48 घंटे के अंदर पानी अंतिम छोर तक पहुंच जाएगा.

सोन नदी के पानी से कई जिलों में होती है सिंचाई
दक्षिण बिहार की सबसे बड़ी नहर परियोजना इंद्रपुरी बांध है, जो सोन नदी पर स्थित है. सोन नदी के पानी से ही दक्षिण बिहार के 5 जिलों में सिंचाई होती है. औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, गया जिले का कुछ हिस्सा और पटना जिले के हिस्सों में पानी सोन नदी के पूर्वी हिस्से से ही जाता है. पश्चिमी नहरों से रोहतास, कैमूर, आरा और बक्सर जिले में सिंचाई होती है.

जानकारी देते सिंचाई विभाग के अधिकारी

किसानों ने ली राहत की सांस
दो दिन पहले इंद्रपुरी बांध से सोन नदी के पश्चिमी नहरों में पानी छोड़ दिया गया था जो कि रोहतास जिला से होकर जाती है. लेकिन औरंगाबाद जिले में पानी नहीं छोड़ने के कारण नहरे सुख रही थीं. नहर सूखने के कारण खेत भी सूखे थे. किसान खेतों में बिचड़ा नहीं डाल पा रहे थे जिससे धान की खेती प्रभावित हो रही थी. गुरुवार को सोन नहर के पूर्वी भाग में पानी छोड़ दिया गया है जिससे अब किसानों को सुविधा होगी.

बाणसागर से नहीं मिल रहा था पानी
सिंचाई विभाग के अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बारिश नहीं होने और मध्य प्रदेश स्थित बाणसागर परियोजना से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण औरंगाबाद जिले की नहरे सूख रही थीं. फिलहाल पानी आ गया है. सभी नहरों में पानी सप्लाई कर दिया गया है.

सूखे हैंडपम्पों में आएगा पानी
उन्होनें बताया कि इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से 1023 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस पानी से तत्काल में सबसे ज्यादा फायदा सूखे पड़े हैंडपम्पों और मोटरों को होगा. पानी आने से भूजलस्तर में बढ़ोतरी होती है. उन्होंने कहा कि 48 घंटे में सभी जगह पानी पहुंच जायेगा.

औरंगाबाद: पानी की समस्या से जूझ रहे औरंगाबाद जिले के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. इंद्रपुरी बराज से पूर्वी नहरों के लिए पानी छोड़ दिया गया है. पानी छोड़ने के बाद इंद्रपुरी बराज के सभी नहरों में 48 घंटे के अंदर पानी अंतिम छोर तक पहुंच जाएगा.

सोन नदी के पानी से कई जिलों में होती है सिंचाई
दक्षिण बिहार की सबसे बड़ी नहर परियोजना इंद्रपुरी बांध है, जो सोन नदी पर स्थित है. सोन नदी के पानी से ही दक्षिण बिहार के 5 जिलों में सिंचाई होती है. औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, गया जिले का कुछ हिस्सा और पटना जिले के हिस्सों में पानी सोन नदी के पूर्वी हिस्से से ही जाता है. पश्चिमी नहरों से रोहतास, कैमूर, आरा और बक्सर जिले में सिंचाई होती है.

जानकारी देते सिंचाई विभाग के अधिकारी

किसानों ने ली राहत की सांस
दो दिन पहले इंद्रपुरी बांध से सोन नदी के पश्चिमी नहरों में पानी छोड़ दिया गया था जो कि रोहतास जिला से होकर जाती है. लेकिन औरंगाबाद जिले में पानी नहीं छोड़ने के कारण नहरे सुख रही थीं. नहर सूखने के कारण खेत भी सूखे थे. किसान खेतों में बिचड़ा नहीं डाल पा रहे थे जिससे धान की खेती प्रभावित हो रही थी. गुरुवार को सोन नहर के पूर्वी भाग में पानी छोड़ दिया गया है जिससे अब किसानों को सुविधा होगी.

बाणसागर से नहीं मिल रहा था पानी
सिंचाई विभाग के अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बारिश नहीं होने और मध्य प्रदेश स्थित बाणसागर परियोजना से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण औरंगाबाद जिले की नहरे सूख रही थीं. फिलहाल पानी आ गया है. सभी नहरों में पानी सप्लाई कर दिया गया है.

सूखे हैंडपम्पों में आएगा पानी
उन्होनें बताया कि इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से 1023 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस पानी से तत्काल में सबसे ज्यादा फायदा सूखे पड़े हैंडपम्पों और मोटरों को होगा. पानी आने से भूजलस्तर में बढ़ोतरी होती है. उन्होंने कहा कि 48 घंटे में सभी जगह पानी पहुंच जायेगा.

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औरंगाबाद-
पानी की समस्या से जूझ रहे औरंगाबाद के किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है । इंद्रपुरी बराज से पूर्वी नहरों के लिए पानी छोड़ दी गई है । पानी छोड़ने के बाद इंद्रपुरी बराज के सभी नहरों में 48 घंटे के अंदर पानी अंतिम छोर तक पहुंच जाएगा। मध्य प्रदेश स्थित बाणसागर बांध से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण बिहार में सोन नदी के प्रमुख नहरों में पानी की समस्या बन रही थी और इस कारण धान की खेती भी पिछड़ रही थी। लेकिन पानी सभी नहरों में पहुंच गया है और किसान राहत की सांस ले रहे हैं।


Body:दक्षिण बिहार की सबसे बड़ी नहर परियोजना इंद्रपुरी बांध है, जो सोन नदी पर स्थित है। सोन नदी के पानी से ही दक्षिण बिहार के 5 जिलों में सिंचाई होती है। औरंगाबाद, अरवल,जहानाबाद,गया जिले का कुछ हिस्सा और पटना जिले के हिस्सों में पानी सोन नदी के पूर्वी हिस्से से ही जाता है। पश्चिमी नहरों से रोहतास, कैमूर,आरा और बक्सर जिले में सिंचाई होती है।
दो दिन पहले इंद्रपुरी बांध से सोन नदी के पश्चिमी नहरों में जो रोहतास जिले से होकर जाती है उसमें तो पानी छोड़ दिया गया था। लेकिन औरंगाबाद जिले में पानी नहीं छोड़ने के कारण नहरे सुखी थी। नहरों सूखने के कारण खेत भी सूखे थे । खेत में पानी नहीं होने के कारण किसान बिचड़ा नहीं डाल पा रहे थे जिससे धान की खेती पिछड़ने का खतरा मंडरा रहा था । लेकिन गुरुवार को सोन नहर के पूर्वी भाग में पानी छोड़ दिया गया, जिससे अब किसानों को सिंचाई को लेकर समस्या बिचड़े लगाने को लेकर समस्या नहीं बनेगी।
बिछड़े लगाने के 20 दिनों के बाद धान की रोपनी शुरू हो जाती है । पानी नहीं आने के कारण धान की खेती पिछड़ रही थी।


बाणसागर से नहीं मिल रहा था पानी

सिंचाई विभाग के अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बारिश नहीं होने और मध्य प्रदेश स्थित बाणसागर परियोजना से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण औरंगाबाद जिले के नहरों में पानी नहीं दिया जा रहा था । लेकिन फिलहाल पानी आया है और बिना देर किए नहरों को पानी सप्लाई कर दिया गया है।

सूखे हैंडपम्पों में आएगा पानी

सिंचाई विभाग के अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इंद्रपुरी स्थित सोन बराज से 1023 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस पानी से सबसे तात्कालिक फायदा सूखे पड़े हैंडपम्प और मोटरों को होगा। पानी आने से धरती रिचार्ज होगी। धरती के रिचार्ज होने से भूजलस्तर में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि 48 घन्टे में सभी जगह पानी पहुंच जायेगा।

कचरे का अम्बार

नहर सूखने के बाद नहर किनारे रहने वाले लोग और नगर परिषद द्वारा नहर में ही कचरा फेंके जाने के कारण पानी की सप्लाई प्रभावित होती है। पानी की सप्लाई में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि बहाव में कचरे बाधा उत्पन्न करते हैं । सारे कचरे इकट्ठे होकर पानी के धारा को कमजोर करते हैं। ईटीवी भारत आम लोगों से अपील करता है कि नदियों और नहरों में कचरा ना फेंके।


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