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तेजप्रताप ने अपने 'अर्जुन' को भेजी चिट्ठी, पढ़ें क्या-क्या लिखा है

मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों एवं परिवार को तोड़ने वाले के विरुद्ध आवाज उठाई. मैंने शुरू से ही योग्य, ईमानदार, युवा, कर्मठ, स्थानीय, स्वच्छ छवि एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान व समर्पित लोगों को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की.

तेज प्रताप और चिट्ठी.
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Published : May 28, 2019, 6:45 PM IST

Updated : May 28, 2019, 9:29 PM IST

पटना : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे व राजद विधायक तेज प्रताप यादव संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं हुए. हार को लेकर राबड़ी आवास पर बैठक हुई. हालांकि तेज प्रताप यादव ने चिट्ठी लिखकर अपनी बात पहुंचा दी है. आइये आपको बताते हैं कि इस पत्र में तेज प्रताप यादव ने क्या लिखा है.

'पिताजी ने कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता नहीं किए'
तेज प्रताप यादव ने लिखा, प्रिय अर्जुन तेजस्वी, शुभ आशीर्वाद, हमने पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी की अनुपस्थिति में लड़ा. पिताजी ने हमें आत्मसम्मान के साथ जीना सिखाया एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाया. मेरे राजनीतिक गुरू मेरे पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी रहे हैं. वे कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता नहीं किए.

देखें वीडियो.

'मैंने केवल दो सीट शिवहर एवं जहानाबाद की मांग की'
मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों एवं परिवार को तोड़ने वाले के विरुद्ध आवाज उठाई. मैंने शुरू से ही योग्य, ईमानदार, युवा, कर्मठ, स्थानीय, स्वच्छ छवि एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान व समर्पित लोगों को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की. मैंने केवल दो सीट शिवहर एवं जहानाबाद की मांग की थी. क्योंकि वहां की जनता की मांग स्थानीय उम्मीदवार की थी. मैंने बार-बार आपको ईर्द-गीर्द के लोगों से सावधान रहने को बोला.

tej letter
तेज प्रताप द्वारा लिखी गयी चिट्ठी.

'टिकट बांटने वाले और हारने वाले लें जिम्मेदारी'
हार की जिम्मेदारी उन्हें लेनी चाहिए, जिन्होंने टिकट बांटे एवं जो उम्मीदवार लड़े. मैंने जो भी मांग की एवं पार्टी हित में सलाह दी मेरी एक ना सुनी गयी. मैं आज भी आपके नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मजबूती के साथ एकजुट होकर आपसी सामंजस बनाते हुए लड़ने की बात कह रहा हूं.

'2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दें'
आपको ही प्रतिपक्ष का नेता बने रहना है एवं जो आपके इस्तीफे की बात कर रहे हैं मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं. सभी उम्मीदवार एक-दूसरे पर दोषारोपण ना करते हुए ईमानदारी पूर्वक अपनी हार की समीक्षा करें. आपसे आग्रह है कि पार्टी की एकता बनाए रखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दें. आपसे मेरा निवेदन है कि बड़े भाई होने के नाते मेरी बात एवं सलाह सुनी जाए. क्योंकि मैंने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के विरुद्ध एवं आपराधिक प्रवृति के लोगों से सतर्क रहते हुए पार्टी हित में आवाज उठाई.

tej letter
तेज प्रताप द्वारा लिखी गयी चिट्ठी.

'निराश होने की जरूरत नहीं'
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम हमलोगों के अच्छे नहीं रहे लेकिन इसको लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है. सामाजिक न्याय और गरीब-गुरबों के हक की लड़ाई जो हमलोगों के पिताजी ने लड़ने का काम किया था, हमें उस लड़ाई को साथ मिलकर आगे बढ़ाना है. 2020 और आगे की हर लड़ाई में आपका कृष्ण हमेशा साये की तरह आपके साथ खड़ा है. राजद के समर्पित कार्यकर्ताओं के जज्बे और मेहनत को सलाम करता हूं.

  • असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
  • क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो,
  • जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
  • संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम,
  • कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
  • कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.

पटना : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे व राजद विधायक तेज प्रताप यादव संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं हुए. हार को लेकर राबड़ी आवास पर बैठक हुई. हालांकि तेज प्रताप यादव ने चिट्ठी लिखकर अपनी बात पहुंचा दी है. आइये आपको बताते हैं कि इस पत्र में तेज प्रताप यादव ने क्या लिखा है.

'पिताजी ने कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता नहीं किए'
तेज प्रताप यादव ने लिखा, प्रिय अर्जुन तेजस्वी, शुभ आशीर्वाद, हमने पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी की अनुपस्थिति में लड़ा. पिताजी ने हमें आत्मसम्मान के साथ जीना सिखाया एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाया. मेरे राजनीतिक गुरू मेरे पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी रहे हैं. वे कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता नहीं किए.

देखें वीडियो.

'मैंने केवल दो सीट शिवहर एवं जहानाबाद की मांग की'
मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों एवं परिवार को तोड़ने वाले के विरुद्ध आवाज उठाई. मैंने शुरू से ही योग्य, ईमानदार, युवा, कर्मठ, स्थानीय, स्वच्छ छवि एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान व समर्पित लोगों को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की. मैंने केवल दो सीट शिवहर एवं जहानाबाद की मांग की थी. क्योंकि वहां की जनता की मांग स्थानीय उम्मीदवार की थी. मैंने बार-बार आपको ईर्द-गीर्द के लोगों से सावधान रहने को बोला.

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तेज प्रताप द्वारा लिखी गयी चिट्ठी.

'टिकट बांटने वाले और हारने वाले लें जिम्मेदारी'
हार की जिम्मेदारी उन्हें लेनी चाहिए, जिन्होंने टिकट बांटे एवं जो उम्मीदवार लड़े. मैंने जो भी मांग की एवं पार्टी हित में सलाह दी मेरी एक ना सुनी गयी. मैं आज भी आपके नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मजबूती के साथ एकजुट होकर आपसी सामंजस बनाते हुए लड़ने की बात कह रहा हूं.

'2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दें'
आपको ही प्रतिपक्ष का नेता बने रहना है एवं जो आपके इस्तीफे की बात कर रहे हैं मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं. सभी उम्मीदवार एक-दूसरे पर दोषारोपण ना करते हुए ईमानदारी पूर्वक अपनी हार की समीक्षा करें. आपसे आग्रह है कि पार्टी की एकता बनाए रखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दें. आपसे मेरा निवेदन है कि बड़े भाई होने के नाते मेरी बात एवं सलाह सुनी जाए. क्योंकि मैंने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के विरुद्ध एवं आपराधिक प्रवृति के लोगों से सतर्क रहते हुए पार्टी हित में आवाज उठाई.

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तेज प्रताप द्वारा लिखी गयी चिट्ठी.

'निराश होने की जरूरत नहीं'
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम हमलोगों के अच्छे नहीं रहे लेकिन इसको लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है. सामाजिक न्याय और गरीब-गुरबों के हक की लड़ाई जो हमलोगों के पिताजी ने लड़ने का काम किया था, हमें उस लड़ाई को साथ मिलकर आगे बढ़ाना है. 2020 और आगे की हर लड़ाई में आपका कृष्ण हमेशा साये की तरह आपके साथ खड़ा है. राजद के समर्पित कार्यकर्ताओं के जज्बे और मेहनत को सलाम करता हूं.

  • असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
  • क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो,
  • जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
  • संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम,
  • कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
  • कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.
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पटना : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे व राजद विधायक तेज प्रताप यादव संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं हुए. हार को लेकर राबड़ी आवास पर बैठक हुई. हालांकि तेज प्रताप यादव ने चिट्ठी लिखकर अपनी बात पहुंचा दी है. आइये आपको बताते हैं कि इस पत्र में तेज प्रताप यादव ने क्या लिखा है.

तेज प्रताप यादव ने लिखा, प्रिय अर्जुन तेजस्वी, शुभ आशीर्वाद, हमने पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी की अनुपस्थिति में लड़ा. पिताजी ने हमें आत्मसम्मान के साथ जीना सिखाया एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाया. मेरे राजनीतिक गुरू मेरे पिताजी आदरणीय श्री लालू प्रसाद यादव जी रहे हैं. वे कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता नहीं किए.

मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों एवं परिवार को तोड़ने वाले के विरुद्ध आवाज उठाई. मैंने शुरू से ही योग्य, ईमानदार, युवा, कर्मठ, स्थानीय, स्वच्छ छवि एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान व समर्पित लोगों को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की.

मैंने केवल दो सीट शिवहर एवं जहानाबाद की मांग की थी. क्योंकि वहां की जनता की मांग स्थानीय उम्मीदवार की थी. मैंने बार-बार आपको ईर्द-गीर्द के लोगों से सावधान रहने को बोला.

हार की जिम्मेदारी उन्हें लेनी चाहिए, जिन्होंने टिकट बांटे एवं जो उम्मीदवार लड़े. मैंने जो भी मांग की एवं पार्टी हित में सलाह दी मेरी एक ना सुनी गयी. मैं आज भी आपके नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मजबूती के साथ एकजुट होकर आपसी सामंजस बनाते हुए लड़ने की बात कह रहा हूं.

आपको ही प्रतिपक्ष का नेता बने रहना है एवं जो आपके इस्तीफे की बात कर रहे हैं मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं. सभी उम्मीदवार एक-दूसरे पर दोषारोपण ना करते हुए ईमानदारी पूर्वक अपनी हार की समीक्षा करें. आपसे आग्रह है कि पार्टी की एकता बनाए रखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दें.

आपसे मेरा निवेदन है कि बड़े भाई होने के नाते मेरी बात एवं सलाह सुनी जाए. क्योंकि मैंने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के विरुद्ध एवं आपराधिक प्रवृति के लोगों से सतर्क रहते हुए पार्टी हित में आवाज उठाई.

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम हमलोगों के अच्छे नहीं रहे लेकिन इसको लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है. सामाजिक न्याय और गरीब-गुरबों के हक की लड़ाई जो हमलोगों के पिताजी ने लड़ने का काम किया था, हमें उस लड़ाई को साथ मिलकर आगे बढ़ाना है. 2020 और आगे की हर लड़ाई में आपका कृष्ण हमेशा साये की तरह आपके साथ खड़ा है. राजद के समर्पित कार्यकर्ताओं के जज्बे और मेहनत को सलाम करता हूं.

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो,

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,

संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम,

कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.


Conclusion:
Last Updated : May 28, 2019, 9:29 PM IST
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