नयी दिल्ली/पटना : बिहार के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. अदालत ने बिहार सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने समान काम के बदले समान वेतन देने के फैसले से इनकार कर दिया है.
शिक्षकों में है मायूसी - तारिक अनवर
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट के निर्णय से नियोजित शिक्षकों में मायूसी है. दूसरी तरफ बिहार सरकार को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जो चाहती थी वही हुआ है. सरकार को नियोजित शिक्षकों के लिए कुछ करना चाहिए जिससे शिक्षकों को फायदा हो. शिक्षकों के पक्ष में फैसला आता तो शिक्षकों की सैलरी बढ़ती. कम सैलरी में इस महंगाई के जमाने में परिवार और खुद का ख्याल रखने में परेशानी आती है.
तारिक अनवर ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने तो शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी और पटना हाइकोर्ट का फैसला पलट गया. बता दें कि, अभी नियोजित शिक्षकों को 22 से 25 हजार सैलरी मिलती है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आता तो 34 से 40 हजार उनकी सैलरी हो जाती.
बिहार सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
2009 में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन की मांग पर एक याचिका पटना हाइकोर्ट में दाखिल की थी, 2017 को पटना हाइकोर्ट ने आन्दोलनरत शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन पटना हाइकोर्ट के फैसले के विरोध में बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी थी.