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पूर्ण शराबबंदी के लिए कवायद तेज, सीमावर्ती इलाकों पर बनाये गये चेक पोस्ट - तस्करी

सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है. तस्कर कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रहे है. मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों पर चेक पोस्ट बनाया है ताकि शराब तस्करी को रोका जा सके.

जानकारी देते उत्पाद अधीक्षक
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Published : May 30, 2019, 3:18 PM IST

भागलपुर: पूरे सूबे में शराबबंदी को पूर्ण रुप से लागू कराने को लेकर लगातार आला अधिकारियों की ओर से निर्देश दिये जा रहे हैं. इसके लिए सीमावर्ती इलाकों पर एहतियात बरतने और सघन जांच करने को लेकर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं.

सुरक्षा बलों की तैनाती
भागलपुर जिले में जहां पर झारखंड की सीमाएं जुड़ी हैं, इन जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, ताकि झारखंड से भागलपुर जिले और दूसरी जगहों पर शराब तस्करी को रोका जा सके.

12 अभियुक्तों को मिल चुकी सजा
मध निषेध अधिनियम के तहत भागलपुर में कुल 42 मामलों में स्पीडी ट्रायल चल रहा है. इसमें अबतक 12 अभियुक्तों को सजा मिल चुकी है. बता दें कि बिहार में शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू की गई थी, जिसके बाद पूर्ण शराबबंदी के लिए लगातार प्रयास जारी है.

तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी
मामले में उत्पाद अधीक्षक उमा शंकर का कहना है कि कई सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है. हाल के दिनों में तस्करों ने कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाया है, उनसे तस्करी कराई जा रही है. हालांकि उत्पाद विभाग ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि के साथ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

जानकारी देते उत्पाद अधीक्षक

बच्चों पर भी है पैनी नजर
पुलिस की पैनी नजर अब छोटे बच्चों पर भी रहती है और उसके लिए विशेष दल भी बनाया गया है. बच्चों को शराब तस्करी का माध्यम इसलिये बनाया जाता है ताकि पकड़े जाने पर जूविनाइल होने का फायदा उठाते हुए उन्हें बेल मिल सके.

नशीली दवाओं की भी हो रही तस्करी
शराब के साथ-साथ लोग अब नशीली दवाओं की भी तस्करी कर रहे हैं. इसका सेवन युवा वर्ग के लोग ज्यादा कर रहे हैं. हालांकि उत्पाद विभाग की ओर से ड्रग्स डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों के साथ मेडिकल हॉल एवं होम्योपैथी दवाओं की दुकानों पर संयुक्त जांच पड़ताल की जाती है. नशीली दवाओं के मिलने पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन नशे का सेवन करने वाले लोग कोई ना कोई दूसरा रास्ता निकाल ही लेते हैं.

भागलपुर: पूरे सूबे में शराबबंदी को पूर्ण रुप से लागू कराने को लेकर लगातार आला अधिकारियों की ओर से निर्देश दिये जा रहे हैं. इसके लिए सीमावर्ती इलाकों पर एहतियात बरतने और सघन जांच करने को लेकर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं.

सुरक्षा बलों की तैनाती
भागलपुर जिले में जहां पर झारखंड की सीमाएं जुड़ी हैं, इन जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, ताकि झारखंड से भागलपुर जिले और दूसरी जगहों पर शराब तस्करी को रोका जा सके.

12 अभियुक्तों को मिल चुकी सजा
मध निषेध अधिनियम के तहत भागलपुर में कुल 42 मामलों में स्पीडी ट्रायल चल रहा है. इसमें अबतक 12 अभियुक्तों को सजा मिल चुकी है. बता दें कि बिहार में शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू की गई थी, जिसके बाद पूर्ण शराबबंदी के लिए लगातार प्रयास जारी है.

तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी
मामले में उत्पाद अधीक्षक उमा शंकर का कहना है कि कई सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है. हाल के दिनों में तस्करों ने कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाया है, उनसे तस्करी कराई जा रही है. हालांकि उत्पाद विभाग ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि के साथ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

जानकारी देते उत्पाद अधीक्षक

बच्चों पर भी है पैनी नजर
पुलिस की पैनी नजर अब छोटे बच्चों पर भी रहती है और उसके लिए विशेष दल भी बनाया गया है. बच्चों को शराब तस्करी का माध्यम इसलिये बनाया जाता है ताकि पकड़े जाने पर जूविनाइल होने का फायदा उठाते हुए उन्हें बेल मिल सके.

नशीली दवाओं की भी हो रही तस्करी
शराब के साथ-साथ लोग अब नशीली दवाओं की भी तस्करी कर रहे हैं. इसका सेवन युवा वर्ग के लोग ज्यादा कर रहे हैं. हालांकि उत्पाद विभाग की ओर से ड्रग्स डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों के साथ मेडिकल हॉल एवं होम्योपैथी दवाओं की दुकानों पर संयुक्त जांच पड़ताल की जाती है. नशीली दवाओं के मिलने पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन नशे का सेवन करने वाले लोग कोई ना कोई दूसरा रास्ता निकाल ही लेते हैं.

Intro:SHARABBANDI KO PURN ROOP SE LAGOO KARANE KO LEKAR EXCISE DEPARTMENT NE JHARKHAND RAJYA KE SEEMAWARTI KHSETRON SAMET PURE JILA ME TEJ KI KAWAYAD

पूरे सूबे में शराबबंदी को पूर्ण रुप से लागू कराने को लेकर लगातार संबंधित अधिकारियों को सरकार के आला पदाधिकारियों के द्वारा निर्देशित किया जा रहा है खास करके उन क्षेत्र में जहां पर दूसरे राज्य के सीमावर्ती इलाके हैं वहां पर खासतौर पर एहतियात बरतने और सघन जांच करने को लेकर जांच नाका का बनाया गया है इसी संदर्भ में भागलपुर जिला में भी जहां पर झारखंड की सीमाएं जुड़ी हुई है वैसे जगह पर चेक नाका बनाकर सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है और झारखंड से भागलपुर जिले एवं अन्य जगहों पर शराब तस्करी को रोका जाए इसके लिए विशेष तौर पर लगातार स्थानीय पुलिस बल की मदद से सघन जांच की जाती है ।


Body:मध निषेध अधिनियम के तहत भागलपुर में कुल 42 मामलों में स्पीडी ट्रायल चल रहा है और 12 अभियुक्तों को अभी तक सजा मिल चुकी है जिनमें की पांच उत्पाद विभाग के द्वारा दायर किए गए वाद में आरोपित किए गए थे और 7 अभियुक्त पुलिस के द्वारा मध निषेध अधिनियम के तहत दायर वाद में आरोपित किए गए थे बिहार में शराबबंदी अप्रैल 2016 से लागू की गई थी जिसके बाद लगातार सरकार की कवायद जारी है कि पूर्ण रूप से पूरे राज्य में शराबबंदी की जा सके लेकिन कई सीमावर्ती राज्यों की सीमा जुड़ने की वजह से शराब की तस्करी भी बदस्तूर जारी है हाल के दिनों में तस्करों ने कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाया है और छोटे बच्चों से तस्करी करवाई जा रही है हालांकि उत्पाद विभाग ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि के साथ साथ किस बड़े तस्कर से ऐसे छोटे बच्चों का संबंध है उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन तस्करी और तस्कर करने वाले शातिर लोग दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और नए-नए तरीके इजाद कर तस्करी कर रहे हैं हालांकि पुलिस की पैनी नजर अब छोटे बच्चों पर भी रहती है और उसके लिए विशेष दल भी बनाया गया है ताकि बच्चों को जो शराब की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल करते हैं और पकड़े जाने पर जूविनाइल होने का फायदा उठाते हुए बच्चों को बेल भी मिल जाता है इसलिए शराब तस्कर इन दिनों टीनएजर्स को शराब तस्करी का माध्यम बना रहे हैं ।


Conclusion:भागलपुर में लगातार शराब तस्करी की बड़ी खेप तो पकड़ाई जा रही है लेकिन तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही फिलहाल शराब के साथ साथ अब लोग नशीली दवाओं का भी तस्करी भागलपुर में कर रहे हैं जिसके सेवन युवा वर्ग के लोग ज्यादा कर रहे हैं हालांकि उत्पाद विभाग के द्वारा ड्रग्स डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों के साथ कई मेडिकल हॉल एवं होम्योपैथी दवाओं की दुकानों पर पर संयुक्त जांच पड़ताल की जाती है और नशीली दवाओं के मिलने पर कार्यवाही भी की जा रही है लेकिन नशे का सेवन करने वाले लोग कोई ना कोई रास्ता निकाल लेते हैं जोकि उत्पाद विभाग के साथ साथ स्थानीय पुलिस एवं ड्रग्स डिपार्टमेंट के लिए सर दर्द साबित हो रहे हैं फिर भी पूरा सरकारी महकमा शराबबंदी को पूर्ण रुप से लागू कराने को लेकर सजग है और लगातार छापेमारी के साथ साथ जांच पड़ताल भी कर रही है अब देखना दिलचस्प होगा इतने सारे विभागों के एक साथ होने के बावजूद कब तक पूर्ण रूप से शराब बंदी पूरे सूबे में लागू हो पाती हैं।

बाइट: उमाशंकर ,अधीक्षक ,उत्पाद विभाग ,भागलपुर
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