भागलपुर: पूरे सूबे में शराबबंदी को पूर्ण रुप से लागू कराने को लेकर लगातार आला अधिकारियों की ओर से निर्देश दिये जा रहे हैं. इसके लिए सीमावर्ती इलाकों पर एहतियात बरतने और सघन जांच करने को लेकर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं.
सुरक्षा बलों की तैनाती
भागलपुर जिले में जहां पर झारखंड की सीमाएं जुड़ी हैं, इन जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, ताकि झारखंड से भागलपुर जिले और दूसरी जगहों पर शराब तस्करी को रोका जा सके.
12 अभियुक्तों को मिल चुकी सजा
मध निषेध अधिनियम के तहत भागलपुर में कुल 42 मामलों में स्पीडी ट्रायल चल रहा है. इसमें अबतक 12 अभियुक्तों को सजा मिल चुकी है. बता दें कि बिहार में शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू की गई थी, जिसके बाद पूर्ण शराबबंदी के लिए लगातार प्रयास जारी है.
तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी
मामले में उत्पाद अधीक्षक उमा शंकर का कहना है कि कई सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है. हाल के दिनों में तस्करों ने कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाया है, उनसे तस्करी कराई जा रही है. हालांकि उत्पाद विभाग ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि के साथ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
बच्चों पर भी है पैनी नजर
पुलिस की पैनी नजर अब छोटे बच्चों पर भी रहती है और उसके लिए विशेष दल भी बनाया गया है. बच्चों को शराब तस्करी का माध्यम इसलिये बनाया जाता है ताकि पकड़े जाने पर जूविनाइल होने का फायदा उठाते हुए उन्हें बेल मिल सके.
नशीली दवाओं की भी हो रही तस्करी
शराब के साथ-साथ लोग अब नशीली दवाओं की भी तस्करी कर रहे हैं. इसका सेवन युवा वर्ग के लोग ज्यादा कर रहे हैं. हालांकि उत्पाद विभाग की ओर से ड्रग्स डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों के साथ मेडिकल हॉल एवं होम्योपैथी दवाओं की दुकानों पर संयुक्त जांच पड़ताल की जाती है. नशीली दवाओं के मिलने पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन नशे का सेवन करने वाले लोग कोई ना कोई दूसरा रास्ता निकाल ही लेते हैं.