दरभंगा: दरभंगा में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है. इससे निजात पाने के लिए प्रशासन ने उपाय ढ़ूढ़ना शुरू कर दिया है. जल संचय के अच्छे स्रोत वाले तालाब को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की तरफ प्रशासन ने रूख किया है.
दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने त्वरित एवं अस्थाई समाधान के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. प्रथम चरण में शहर के दो बड़े तालाब लाल पोखर और गंगासागर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर इसे मूल स्वरूप में लाने का निर्देश दिया है. हालांकि इसे खाली कराकर मूल स्वरूप में लाना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.
प्रशासनिक उदासीनता से भू-माफिया का कब्जा
कभी दरभंगा जिला तालाबों का शहर कहा जाता था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भू माफियाओं द्वारा समय-समय पर इन तालाबों के किनारों को मिट्टीकरण कर बेच दिया जाता है. जिले में अनेक तालाब ऐसे हैं जिनका मौजूदा रकबा पुरानी रकबे से कम हो गया है. 1964 में प्रकाशित गजेटियर के मुताबिक दरभंगा में 300 से अधिक तालाब थे. 1989 में प्रो एसएच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था. सर्वे के मुताबिक उस समय शहर में 213 तालाब थे.
पहले हो चुकी है खानापूर्ति
पिछले कई सालों से अवैध कब्जे की शिकायत जिला प्रशासन को मिल रही थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल दो तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए 80 लोगों को नोटिस भेजा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए 3 साल पहले भी नोटिस आया था. आज सुबह जिला प्रशासन के अधिकारी आए. 40 लोगों को नोटिस दिया गया है साथ ही 10 दिनों का समय भी दिया है. कितनी कार्रवाई होती है देखने वाली बात होगी. हर बार की तरह खानापूर्ति होता है या फिर इस बार कार्रवाई होगी.
तालाब में गिरता है मेडिकल कचरा
स्थानीय राहुल मिश्रा ने बताया कि इस पोखर से अतिक्रमण हटने से शहर के लोग लाभान्वित होगें. तालाब का पानी पीकर मवेशी भी मर जाते हैं. पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है. इसके आस-पास बने हॉस्पिटल का सारा मेडिकल कचरा इसमें गिरने से पानी दूषित के साथ-साथ जहरीली भी हो चुकी है. इस कारण पानी पीने लायक भी नहीं रही है. कभी लोग इसके पानी से घर का खाना तक बनाते थे. लेकिन अब लोग मुंह भी नही धो पाते हैं.
खुद से नहीं हटाया तो बलपूर्वक हटेगा अतिक्रमण
इस संदर्भ में दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने बताया कि गंगासागर तालाब तथा लाल पोखर के लिए 40-40 लोगों को नोटिस भेजा गया है. अतिक्रमण हटाने के लिए 20 से 21 जून तक का तिथि निर्धारित किया गया है. अभी से ही लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अगर खुद हटा लेते हैं तो ठीक है नहीं तो बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाया जाएगा.