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गिरा भूजल स्तर तो याद आया तालाब, अतिक्रमण हटाने के लिए डीएम ने 80 लोगों को भेजा नोटिस

गंगासागर तालाब तथा लाल पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने कते लिए 40-40 लोगों को नोटिस भेजा गया है. 20 से 21 जून तक का समय दिया गया है.

जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन
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Published : Jun 13, 2019, 2:14 PM IST

दरभंगा: दरभंगा में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है. इससे निजात पाने के लिए प्रशासन ने उपाय ढ़ूढ़ना शुरू कर दिया है. जल संचय के अच्छे स्रोत वाले तालाब को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की तरफ प्रशासन ने रूख किया है.

दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने त्वरित एवं अस्थाई समाधान के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. प्रथम चरण में शहर के दो बड़े तालाब लाल पोखर और गंगासागर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर इसे मूल स्वरूप में लाने का निर्देश दिया है. हालांकि इसे खाली कराकर मूल स्वरूप में लाना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.

प्रशासनिक उदासीनता से भू-माफिया का कब्जा
कभी दरभंगा जिला तालाबों का शहर कहा जाता था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भू माफियाओं द्वारा समय-समय पर इन तालाबों के किनारों को मिट्टीकरण कर बेच दिया जाता है. जिले में अनेक तालाब ऐसे हैं जिनका मौजूदा रकबा पुरानी रकबे से कम हो गया है. 1964 में प्रकाशित गजेटियर के मुताबिक दरभंगा में 300 से अधिक तालाब थे. 1989 में प्रो एसएच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था. सर्वे के मुताबिक उस समय शहर में 213 तालाब थे.

darbhanga
तालाब

पहले हो चुकी है खानापूर्ति
पिछले कई सालों से अवैध कब्जे की शिकायत जिला प्रशासन को मिल रही थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल दो तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए 80 लोगों को नोटिस भेजा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए 3 साल पहले भी नोटिस आया था. आज सुबह जिला प्रशासन के अधिकारी आए. 40 लोगों को नोटिस दिया गया है साथ ही 10 दिनों का समय भी दिया है. कितनी कार्रवाई होती है देखने वाली बात होगी. हर बार की तरह खानापूर्ति होता है या फिर इस बार कार्रवाई होगी.

darbhanga
स्थानीय निवासी राहुल मिश्रा

तालाब में गिरता है मेडिकल कचरा
स्थानीय राहुल मिश्रा ने बताया कि इस पोखर से अतिक्रमण हटने से शहर के लोग लाभान्वित होगें. तालाब का पानी पीकर मवेशी भी मर जाते हैं. पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है. इसके आस-पास बने हॉस्पिटल का सारा मेडिकल कचरा इसमें गिरने से पानी दूषित के साथ-साथ जहरीली भी हो चुकी है. इस कारण पानी पीने लायक भी नहीं रही है. कभी लोग इसके पानी से घर का खाना तक बनाते थे. लेकिन अब लोग मुंह भी नही धो पाते हैं.

अवैध कब्जा से तालाब को मुक्त कराने के लिए नोटिस

खुद से नहीं हटाया तो बलपूर्वक हटेगा अतिक्रमण
इस संदर्भ में दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने बताया कि गंगासागर तालाब तथा लाल पोखर के लिए 40-40 लोगों को नोटिस भेजा गया है. अतिक्रमण हटाने के लिए 20 से 21 जून तक का तिथि निर्धारित किया गया है. अभी से ही लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अगर खुद हटा लेते हैं तो ठीक है नहीं तो बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाया जाएगा.

दरभंगा: दरभंगा में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है. इससे निजात पाने के लिए प्रशासन ने उपाय ढ़ूढ़ना शुरू कर दिया है. जल संचय के अच्छे स्रोत वाले तालाब को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की तरफ प्रशासन ने रूख किया है.

दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने त्वरित एवं अस्थाई समाधान के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. प्रथम चरण में शहर के दो बड़े तालाब लाल पोखर और गंगासागर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर इसे मूल स्वरूप में लाने का निर्देश दिया है. हालांकि इसे खाली कराकर मूल स्वरूप में लाना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.

प्रशासनिक उदासीनता से भू-माफिया का कब्जा
कभी दरभंगा जिला तालाबों का शहर कहा जाता था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भू माफियाओं द्वारा समय-समय पर इन तालाबों के किनारों को मिट्टीकरण कर बेच दिया जाता है. जिले में अनेक तालाब ऐसे हैं जिनका मौजूदा रकबा पुरानी रकबे से कम हो गया है. 1964 में प्रकाशित गजेटियर के मुताबिक दरभंगा में 300 से अधिक तालाब थे. 1989 में प्रो एसएच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था. सर्वे के मुताबिक उस समय शहर में 213 तालाब थे.

darbhanga
तालाब

पहले हो चुकी है खानापूर्ति
पिछले कई सालों से अवैध कब्जे की शिकायत जिला प्रशासन को मिल रही थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल दो तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए 80 लोगों को नोटिस भेजा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए 3 साल पहले भी नोटिस आया था. आज सुबह जिला प्रशासन के अधिकारी आए. 40 लोगों को नोटिस दिया गया है साथ ही 10 दिनों का समय भी दिया है. कितनी कार्रवाई होती है देखने वाली बात होगी. हर बार की तरह खानापूर्ति होता है या फिर इस बार कार्रवाई होगी.

darbhanga
स्थानीय निवासी राहुल मिश्रा

तालाब में गिरता है मेडिकल कचरा
स्थानीय राहुल मिश्रा ने बताया कि इस पोखर से अतिक्रमण हटने से शहर के लोग लाभान्वित होगें. तालाब का पानी पीकर मवेशी भी मर जाते हैं. पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है. इसके आस-पास बने हॉस्पिटल का सारा मेडिकल कचरा इसमें गिरने से पानी दूषित के साथ-साथ जहरीली भी हो चुकी है. इस कारण पानी पीने लायक भी नहीं रही है. कभी लोग इसके पानी से घर का खाना तक बनाते थे. लेकिन अब लोग मुंह भी नही धो पाते हैं.

अवैध कब्जा से तालाब को मुक्त कराने के लिए नोटिस

खुद से नहीं हटाया तो बलपूर्वक हटेगा अतिक्रमण
इस संदर्भ में दरभंगा जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने बताया कि गंगासागर तालाब तथा लाल पोखर के लिए 40-40 लोगों को नोटिस भेजा गया है. अतिक्रमण हटाने के लिए 20 से 21 जून तक का तिथि निर्धारित किया गया है. अभी से ही लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अगर खुद हटा लेते हैं तो ठीक है नहीं तो बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाया जाएगा.

Intro:जिले में गिरता भूजल स्तर जहां चिंता का विषय बना हुआ है, वहीं जल संचय के अच्छे स्रोत के रूप में पहचान रखने वाले तालाब अवैध कब्जा की वजह से अपना अस्तित्व होते जा रहे हैं। जिसको लेकर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने त्वरित एवं अस्थाई समाधान के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। प्रथम चरण में शहर के दो तालाब लाल पोखर और गंगासागर तालाबों पर हुए अतिक्रमण मुक्त कराने व मूल स्वरूप में लाने के निर्देश दिया है। जिसे खाली कराकर अपने मूल स्वरूप में लाना जिला प्रशासन के लिए चुनौती का विषय है।

दरअसल दरभंगा जिला को तालाबों का शहर कहा जाता है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भू माफियाओं के द्वारा समय-समय पर इन तालाबों के किनारों को मिट्टी करण कर बेच दिया जाता है। जिसके चलते जिला में अनेक तालाब ऐसे हैं, जिनका मौजूदा रकबा पुरानी रकबे से कम हो गया है। 1964 में प्रकाशित गजेटियर के मुताबिक दरभंगा में 300 से अधिक तलाब थे। 1989 में प्रो एस एच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था। उस सर्वे के मुताबिक तब शहर में 213 तालाब थे। तालाबों पर अवैध कब्जे की शिकायत जिला प्रशासन से लेकर शासन को पिछले कई सालों से मिल रही थी। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल दो तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए 80 लोगों को नोटिस भेजा है।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए 3 साल पहले भी नोटिस आया था और आज सुबह फिर से जिला प्रशासन के अधिकारी आए थे और 40 लोगों को नोटिस देकर 10 दिनों का समय देकर चले गए। आगे क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी। हर बार की तरह खानापूर्ति या फिर इस बार कार्रवाई होती है यह तो जिलाधिकारी को चैलेंज के रूप में लेना पड़ेगा।

वहीं उन्होंने कहा कि अगर इस पोखर से अतिक्रमण हट जाता है, तो इससे शहर के लोगों को भी लाभ होगा। एक तरह से कहे तो यहां का पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है, क्योंकि इसका पानी मवेशी भी पीते हैं तो हुए मर जाते हैं। क्योंकि इसके किनारे बने जितने भी हॉस्पिटल है उनका सारा मेडिकल कचरा इसमें आ कर गिरता है, जिससे इसका पानी दूषित के साथ-साथ जहरीला हो गया है, पानी पीने लायक नहीं है। पहले लोग इस तालाब के पानी से घर का खाना तक बनाते थे, अब हाल यह है कि इस पानी से लोग मुंह भी नही धो हो पाते हैं।

वही दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि 40 लोगों को गंगासागर तालाब के लिए तथा 40 लोगों को लाल पोखर के लिए नोटिस दिया गया है। इनलोगो के लिए 20 से 21 जून तक का हम लोगों ने तिथि निर्धारित किया हुआ है। लेकिन अभी से ही लोगो को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अगर अपने स्तर से वे लोग हटा लेते हैं तो वह बेहतर रहेगा, नहीं तो बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाया जाएगा।


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राहुल मिश्रा, स्थानीय लोग
डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी दरभंगा


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