सिवान: जिले का पशु चिकित्सालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जर्जर भवन में कार्यरत पशु चिकित्सालय को अपना भवन नहीं रहने से चिकित्सालय में कार्य कर रहे कर्मियों को काफी परेशानी होती है. जिला मुख्यालय में मौजूद एकमात्र पशु अस्पताल से हजारों पशुओं को सरकार की ओर से मिलने वाली दवाई का लाभ मिलता है. लेकिन पशु अस्पताल का भवन जर्जर हालात में है.
अस्पताल से डॉक्टर रहते हैं नदारद
अस्पताल में कार्य कर रहे कर्मियों ने बताया कि भवन के अभाव में 24 घंटे ड्यूटी देने में डॉक्टर और कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि जर्जर भवन होने से बारिश के दिनों में छत से रिसाव भी होने लगता है. वहीं, पशु अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे. अस्पताल पहुंची एक महिला के जानवर को सफाई कर्मी के द्वारा इंजेक्शन दिया जा रहा था. पूछने पर उसने बताया कि डॉक्टर नहीं है इसलिए हम इंजेक्शन दे रहे हैं.
अस्पताल में लगा है गंदगी का अंबार
गौरतलब है कि अस्पताल में कई तरह की आधुनिक सुविधाएं नहीं मिलने से लोग अब निजी अस्पताल की ओर जाने लगे हैं. अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. भवन के अभाव में पशुपालन विभाग के एक कमरे में अस्पताल चलाया जा रहा है. वहीं, इस संबंध में पशु चिकित्सक पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. भवन की जर्जर हालात पर उन्होंने कहा कि हमने कई बार इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की है, पर आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका है. इससे हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.