कटिहार: एक ओर जहां सदर अस्पताल का एसएनसीयू नवजात बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर बाहर बह रहे गंदे नाले का पानी उनके स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है और अस्पताल प्रबंधन इससे बेपरवाह है.
नवजातों के लिये वरदान साबित हो रहा SNCU
कटिहार सदर अस्पताल में बनाए गए एसएनसीयू बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां 100 में से 90 फ़ीसदी बच्चों का सफल इलाज किया जाता है. नवजातों की बेहतर देखभाल एवं उनके इलाज के लिए वार्ड में समुचित व्यवस्था की गई है. एसएनसीयू के अंदर वैसे नवजात इलाज कराते हैं जो जन्म के बाद घातक बीमारी से जूझ रहे होते हैं.
अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
इस अस्पताल में आईसीयू, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन आदि की अत्याधुनिक सुविधा है. 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टर और नर्स तैनात रहते हैं. हालांकि यहां पर कुछ डॉक्टरों की कमी है. अगर जल्द ही कुछ डॉक्टरों की बहाली हो जाती है तो इस एसएनसीयू की स्थिति राज्य में और बेहतर हो जाएगी.
अस्पताल के बाहर लगा गंदगी का अंबार
यहां नवजातों का बेहतर इलाज तो हो रहा है लेकिन एसएनसीयू वार्ड के मुख्य द्वार पर ही गंदगी का अंबार लगा हुआ है. शौचालय का गंदा पानी यहां पर जमा रहता है. ऐसे में यह गंदगी इलाजरत बच्चों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है.
गंदगी के नाम पर महज खानापूर्ति
अस्पताल प्रबंधन की ओर से अस्पताल परिसर की सफाई के लिए हर महीने 2-3 लाख रुपए खर्च किये जाते हैं. लेकिन सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. ऐसे में ये लापरवाही इलाजरत नवजातों के स्वास्थ्य के लिये घातक साबित हो सकती है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
कटिहार सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली अस्पताल परिसर की साफ-सफाई को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त दिख रहे हैं. इनकी मानें तो एसएनसीयू के बाहर गड्ढे होने के कारण बारिश का पानी जमा हो जाता है. सफाई कर्मियों के द्वारा लगातार सफाई की जाती है. हालांकि एसएनसीयू के बाहर बह रहा ये गंदा पानी बारिश का पानी नहीं बल्कि शौचालय का गंदा पानी है.