वाराणसी: 'यूपी एक खोज' में आज हम वाराणसी के एक ऐसे युवा से आपको मिलाएंगे, जिसके बारे में आप सुनकर बिल्कुल आश्चर्यचकित हो जाएंगे. आज 'विश्व रक्तदान दिवस' के अवसर पर सौरभ मौर्या से आपको रूबरू कराएंगे, जो एक दो नहीं बल्कि 137 बार ब्लड और प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. इसके चलते इनका नाम 'इंडिया बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका है और इन्हें बनारस में लोग चलता फिरता 'ब्लड बैंक' कहते हैं.
गौरतलब है कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैश्विक महामारी के दौर में सौरभ के कार्य से प्रसन्न होकर उन्हें प्रशस्ति पत्र भेजा था. इसके साथ ही मरणो उपरांत सौरभ ने अपने शरीर का भी दान कर चुके हैं.
सौरभ मौर्या ने बताया कि वे पिछले 15 सालों से रक्तदान कर रहे हैं. उन्होंने अब तक 137 बार रक्तदान किया है. 52 प्लेटलेट्स डोनेट किया है. सौरभ मौर्या ने बताया कि उन्होंने स्टडी किया है कि रक्तदाताओं की बहुत कमी है. कैंसर के साथ अन्य गंभीर बीमारियों में लोगों को हर 3 दिन बाद ब्लड की जरूरत पड़ती है. इसके लिए हमने एक मुहिम शुरू किया और ऐक्षिक रक्तदान शिविर शुरूआत किया. रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है. साधना फाउंडेशन के साथ हमने मिलकर अब तक 20 हजार यूनिट ब्लड डोनेट कर चुके हैं.
सौरभ ने बताया कि कोरोना काल में जब लोग घरों में कैद से बाहर निकलने से डरते थे. उस समय भी हम लोगों ने ब्लड डोनेट किया. वैश्विक महामारी के दौर में सबसे ज्यादा ब्लड टोनेट वाला भारतीय बना. इंडियन वर्ल्ड रिकॉर्ड के द्वारा मेरा नाम 28 अक्टूबर 2020 को दर्ज किया गया. इसके साथ सबसे कम उम्र में 100 बार रक्तदान देने वाला मैं पहला व्यक्ति रहा.
पीएम मोदी आदर्श
सौरभ ने बताया कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री को मैं अपना आदर्श मानता हूं. मेरे द्वारा किए गए कार्यों के लिए उन्होंने भी मुझे प्रशस्ति पत्र 16 जनवरी 2018 को दिया. गौरतलब है कि सौरभ मौर्या 32 वर्ष की आयु में पूरे देश को आईना दिखाने का कार्य कर रहे हैं. अपने साधना फाउंडेशन द्वारा लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उसके साथी अपने पारंपरिक व्यापार को भी आगे बढ़ा रहे हैं.
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