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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम तय करेंगे गुजरात चुनाव की दिशा !

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Published : Feb 20, 2022, 2:28 PM IST

क्या उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद गुजरात में जल्द चुनाव होंगे? उत्तर प्रदेश में इस समय विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. अब, गुजरात में यूपी चुनाव के नतीजे आने के बाद विधानसभा चुनाव कराने या न कराने को लेकर बहस चल रही है. यूपी चुनाव परिणामों और गुजरात चुनावों के बीच स्पष्ट संबंधों पर ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट-

Will there be early elections in Gujarat as a result of the outcome of the Uttar Pradesh Assembly elections?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम से प्रभावित होंगे गुजरात चुनाव!

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर 2022 में होने हैं. जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल कुर्सी पर काबिज हुए तो ऐसा माहौल बना कि वह जनता की भलाई और विकास के लिए काम करके लोगों का दिल चुरा लेंगे. लेकिन देखते ही देखते राज्य में चुनाव आ गया. यूपी चुनाव के बाद गुजरात में चुनाव की बयार बहेगी. कहा जा रहा है कि यूपी चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सरकार यह तय करेगी कि गुजरात विधानसभा चुनावों को जल्द निर्धारित किया जाए या नहीं.

महामारी के दौरान बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए पूरी सरकार बदल दी गई

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई सरकार के बाद जनता की सरकार की छवि बनाने के प्रयास किए गए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में, विजय रूपाणी का प्रशासन सही काम नहीं कर पा रहा था, और भाजपा की बदनामी हुई, और लोगों की नज़र में रूपाणी सरकार की एक खराब छवि बन गई थी.

भाजपा आलाकमान ने उस छवि को सुधारने के लिए पूरी रूपाणी सरकार को बदला. मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री नए हैं. और अब भूपेंद्र पटेल सरकार के प्रभारी हैं. ऐसा माना जाता है कि एक पत्थर से दो पक्षियों को मारा गया. एक रूपाणी सरकार की छवि बदलने की कोशिश की गयी तो दूसरी पाटीदार समुदाय से मुख्यमंत्री बनाए गये. पाटीदार वोट हासिल करने के लिए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया.

उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सोशलिस्ट पार्टी के बीच सीधी जंग

आइए अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की, जो 10 फरवरी से 7 मार्च, 2022 के बीच सात चरणों में होंगे. चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. मौजूदा चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है. भारतीय जनता पार्टी अखिलेश यादव की सोशलिस्ट पार्टी के खिलाफ है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस दोनों ही प्रचार कर रही हैं, लेकिन उतनी आक्रामक तरीके से नहीं जितनी हो सकती थीं. दूसरी ओर, मायावती का दावा है कि वह 2022 में सरकार बनाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अमित शाह सभी राज्य में रैलियां कर रहे हैं. बीजेपी हिंदुत्व और सुरक्षा को लेकर बहस में उतर गई है. भाजपा की मौजूदा सफलता के स्तर का खुलासा 10 मार्च को होगा.

क्या होगा अगर बीजेपी उत्तरप्रदेश में बहुमत से जीतती है...

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं, जिसमें स्पष्ट बहुमत के लिए 202 सीटें आवश्यक हैं. बातचीत के मुताबिक, अगर बीजेपी यूपी चुनाव के नतीजों में स्पष्ट बहुमत से ज्यादा सीटें जीतती है, तो वह बीजेपी की लहर को भुनाने के लिए गुजरात में जल्द विधानसभा चुनाव कराएगी. चर्चा का एक और मुद्दा यह है कि गुजरात, यूपी चुनाव के नतीजे सुरक्षित रहेंगे. हिंदुत्व का मुद्दा साबित हो गया है, जैसा कि देखा जाएगा. इस समस्या को आगे गुजरात में भी उजागर किया जाएगा. मोदी को एक हिंदू नेता के रूप में चित्रित किया गया है. हालांकि, यह यूपी चुनाव परिणामों और गुजरात चुनाव से संबंधित है. भाजपा आलाकमान इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगा.

ये भी पढ़ें- मायावती की अपील- लोगों से रोजगार के झूठे वादे करने वाले सत्ताधारी दल को सरकार से बाहर करें

यूपी को बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा...

अगर बीजेपी यूपी में उतनी ही सीटें जीतती है जितनी गुजरात में जीती थी, तो गुजरात में जल्द चुनाव नहीं होगा. बीजेपी गुजरात में ज्वार-भाटा लाएगी. हालांकि अभी गुजरात कांग्रेस में बहुत असंतोष है, और इसलिए आम आदमी पार्टी टूट गई है. AAP के कई फ्रंट-लाइन नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसलिए गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कड़ी मेहनत करनी होगी. इसके बाद ही टकराव हो सकता है.

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर 2022 में होने हैं. जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल कुर्सी पर काबिज हुए तो ऐसा माहौल बना कि वह जनता की भलाई और विकास के लिए काम करके लोगों का दिल चुरा लेंगे. लेकिन देखते ही देखते राज्य में चुनाव आ गया. यूपी चुनाव के बाद गुजरात में चुनाव की बयार बहेगी. कहा जा रहा है कि यूपी चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सरकार यह तय करेगी कि गुजरात विधानसभा चुनावों को जल्द निर्धारित किया जाए या नहीं.

महामारी के दौरान बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए पूरी सरकार बदल दी गई

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई सरकार के बाद जनता की सरकार की छवि बनाने के प्रयास किए गए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में, विजय रूपाणी का प्रशासन सही काम नहीं कर पा रहा था, और भाजपा की बदनामी हुई, और लोगों की नज़र में रूपाणी सरकार की एक खराब छवि बन गई थी.

भाजपा आलाकमान ने उस छवि को सुधारने के लिए पूरी रूपाणी सरकार को बदला. मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री नए हैं. और अब भूपेंद्र पटेल सरकार के प्रभारी हैं. ऐसा माना जाता है कि एक पत्थर से दो पक्षियों को मारा गया. एक रूपाणी सरकार की छवि बदलने की कोशिश की गयी तो दूसरी पाटीदार समुदाय से मुख्यमंत्री बनाए गये. पाटीदार वोट हासिल करने के लिए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया.

उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सोशलिस्ट पार्टी के बीच सीधी जंग

आइए अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की, जो 10 फरवरी से 7 मार्च, 2022 के बीच सात चरणों में होंगे. चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. मौजूदा चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है. भारतीय जनता पार्टी अखिलेश यादव की सोशलिस्ट पार्टी के खिलाफ है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस दोनों ही प्रचार कर रही हैं, लेकिन उतनी आक्रामक तरीके से नहीं जितनी हो सकती थीं. दूसरी ओर, मायावती का दावा है कि वह 2022 में सरकार बनाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अमित शाह सभी राज्य में रैलियां कर रहे हैं. बीजेपी हिंदुत्व और सुरक्षा को लेकर बहस में उतर गई है. भाजपा की मौजूदा सफलता के स्तर का खुलासा 10 मार्च को होगा.

क्या होगा अगर बीजेपी उत्तरप्रदेश में बहुमत से जीतती है...

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं, जिसमें स्पष्ट बहुमत के लिए 202 सीटें आवश्यक हैं. बातचीत के मुताबिक, अगर बीजेपी यूपी चुनाव के नतीजों में स्पष्ट बहुमत से ज्यादा सीटें जीतती है, तो वह बीजेपी की लहर को भुनाने के लिए गुजरात में जल्द विधानसभा चुनाव कराएगी. चर्चा का एक और मुद्दा यह है कि गुजरात, यूपी चुनाव के नतीजे सुरक्षित रहेंगे. हिंदुत्व का मुद्दा साबित हो गया है, जैसा कि देखा जाएगा. इस समस्या को आगे गुजरात में भी उजागर किया जाएगा. मोदी को एक हिंदू नेता के रूप में चित्रित किया गया है. हालांकि, यह यूपी चुनाव परिणामों और गुजरात चुनाव से संबंधित है. भाजपा आलाकमान इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगा.

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यूपी को बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा...

अगर बीजेपी यूपी में उतनी ही सीटें जीतती है जितनी गुजरात में जीती थी, तो गुजरात में जल्द चुनाव नहीं होगा. बीजेपी गुजरात में ज्वार-भाटा लाएगी. हालांकि अभी गुजरात कांग्रेस में बहुत असंतोष है, और इसलिए आम आदमी पार्टी टूट गई है. AAP के कई फ्रंट-लाइन नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसलिए गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कड़ी मेहनत करनी होगी. इसके बाद ही टकराव हो सकता है.

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