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Land for Job Scam : क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला, जिसमें लालू यादव की बेटियों के घर पहुंची ED

ED Raid on Lalu Daughters जमीन के बदले नौकरी घोटाला में ईडी ने शुक्रवार सुबह लालू यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली में लालू यादव की तीन बेटियां, गाजियाबाद में लालू के समधी, पटना में आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के की ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापा मारा (Land for Job Scam case ed raid) साथ ही दिल्ली में तेजस्वी यादव के आवास पर भी रेड की खबर है. लैंड फॉर जॉब घोटाला क्या है आइये जानते हैं. पढ़ें

लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव
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Published : Mar 10, 2023, 1:38 PM IST

पटना: लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव के कई करीबियों के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की. बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार सुबह पटना, दिल्ली, मुंबई और रांची समेत कई ठिकानों पर कार्रवाई (ED conducts search at Delhi Bihar) की. जिसमें दिल्ली में लालू यादव की बेटियां हेमा, रागिनी, चंदा, बेटे तेजस्वी यादव शामिल हैं. पटना में आरजेडी नेता अबू दोजाना के कई ठीकानों पर ईडी ने शिकंजा कसा है.

ये भी पढ़ें: लालू के ठिकानों पर CBI की रेड, क्या है राबड़ी आवास में बंद दो कमरों का राज!

लालू परिवार से जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी : इससे पहले, सीबीआई की टीम ने कुछ दिनों पहले ही पटना में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी. इसके अगले दिन सीबीआई की टीम ने दिल्ली में लालू यादव से भी पूछताछ की थी. सीबीआई की पूछताछ के बाद ईडी ने आज सुबह लालू यादव के जुड़े कई ठीकानों पर छापा मारा है. बता दें कि लैंड फॉर जॉब स्कैम में दिल्ली की कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट पर लालू, राबड़ी और उनकी बेटी मीसा को समन जारी किया है, जिसमें उन्हें 15 मार्च को पेश होना हैं.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ? : साल 2004 से साल 2009 तक लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री के पद पर थे. लालू यादव पर आरोप है कि इस दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन ली. चार्जशीट के मुताबिक, लालू ने रेलमंत्री रहते कई लोगों को ग्रुप के पद पर अस्थाई नौकरी दी, फिर जमीन परिवार के नाम ट्रांसफर होने के बाद उन्हें रेगुलर कर दिया. यह नौकरी हाजीपुर, कोलकाता, जयपुर, मुंबई और जबलपुर में दी गई थी. मामले में सीबीआई ने साल 2022, 10 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की. जिसमें लालू समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया. मामले में सीबीआई ने लालू के करीबी आरजेडी नेता भोला यादव को भी गिरफ्तार किया था. लालू यादव के कार्यकाल के दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे.

लालू ने 7 लोगों को दी नौकरी : चार्जशीट के मुताबिक, पटना के महुआबाग के रहने वाले कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई. जिनमें कृष्ण देव राय के परिवार से 3 लोग. महुआबाग के ही संजय राय, धर्मेंन्द्र राय और रविंद्र राय ने नौकरी के बदले अपनी जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की थी. महुआबाग के हजारी राय ने भी अपनी जमीन लालू परिवार के नाम ट्रांसफर की थी, हजारी राय के परिवार के सदस्यों को भी कोलकाता और जबलपुर में नौकरी दी गई थी.

लालू की बेटियों के नाम भी जमीन ट्रांसफर : इसी तरह, महुआबाग के ही ब्रजनंदन राय ने भी पनी जमीन किसी दूसरे को ट्रांसफर की, बाद में वहीं जमीन लालू की बेटी हेमा यादव को गिफ्ट की गई. महुआबाग के विशुन राय के परिवार के सदस्य को भी मुंबई में जमीन के बदले नौकरी दी गई. जिसके बाद विशुन राय ने की दूसरे सदस्य को यह जमीन ट्रांसफर की. जिसके बाद उस सदस्य ने यह जमीन हेमा यादव को गिफ्ट में दे दी.

लालू परिवार के नाम 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन : सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, पटना में लालू परिवार के नाम 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनमें से कई ऐसे थे, जिन्हें बिना जांच पड़ताल के नौकरी दे दी गई. उनके आवेदन की जांच तक नहीं हुई और तीन दिनों के अंदर ही नियुक्ति पत्र मिल गया.

पटना: लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव के कई करीबियों के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की. बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार सुबह पटना, दिल्ली, मुंबई और रांची समेत कई ठिकानों पर कार्रवाई (ED conducts search at Delhi Bihar) की. जिसमें दिल्ली में लालू यादव की बेटियां हेमा, रागिनी, चंदा, बेटे तेजस्वी यादव शामिल हैं. पटना में आरजेडी नेता अबू दोजाना के कई ठीकानों पर ईडी ने शिकंजा कसा है.

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लालू परिवार से जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी : इससे पहले, सीबीआई की टीम ने कुछ दिनों पहले ही पटना में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी. इसके अगले दिन सीबीआई की टीम ने दिल्ली में लालू यादव से भी पूछताछ की थी. सीबीआई की पूछताछ के बाद ईडी ने आज सुबह लालू यादव के जुड़े कई ठीकानों पर छापा मारा है. बता दें कि लैंड फॉर जॉब स्कैम में दिल्ली की कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट पर लालू, राबड़ी और उनकी बेटी मीसा को समन जारी किया है, जिसमें उन्हें 15 मार्च को पेश होना हैं.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ? : साल 2004 से साल 2009 तक लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री के पद पर थे. लालू यादव पर आरोप है कि इस दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन ली. चार्जशीट के मुताबिक, लालू ने रेलमंत्री रहते कई लोगों को ग्रुप के पद पर अस्थाई नौकरी दी, फिर जमीन परिवार के नाम ट्रांसफर होने के बाद उन्हें रेगुलर कर दिया. यह नौकरी हाजीपुर, कोलकाता, जयपुर, मुंबई और जबलपुर में दी गई थी. मामले में सीबीआई ने साल 2022, 10 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की. जिसमें लालू समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया. मामले में सीबीआई ने लालू के करीबी आरजेडी नेता भोला यादव को भी गिरफ्तार किया था. लालू यादव के कार्यकाल के दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे.

लालू ने 7 लोगों को दी नौकरी : चार्जशीट के मुताबिक, पटना के महुआबाग के रहने वाले कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई. जिनमें कृष्ण देव राय के परिवार से 3 लोग. महुआबाग के ही संजय राय, धर्मेंन्द्र राय और रविंद्र राय ने नौकरी के बदले अपनी जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की थी. महुआबाग के हजारी राय ने भी अपनी जमीन लालू परिवार के नाम ट्रांसफर की थी, हजारी राय के परिवार के सदस्यों को भी कोलकाता और जबलपुर में नौकरी दी गई थी.

लालू की बेटियों के नाम भी जमीन ट्रांसफर : इसी तरह, महुआबाग के ही ब्रजनंदन राय ने भी पनी जमीन किसी दूसरे को ट्रांसफर की, बाद में वहीं जमीन लालू की बेटी हेमा यादव को गिफ्ट की गई. महुआबाग के विशुन राय के परिवार के सदस्य को भी मुंबई में जमीन के बदले नौकरी दी गई. जिसके बाद विशुन राय ने की दूसरे सदस्य को यह जमीन ट्रांसफर की. जिसके बाद उस सदस्य ने यह जमीन हेमा यादव को गिफ्ट में दे दी.

लालू परिवार के नाम 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन : सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, पटना में लालू परिवार के नाम 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनमें से कई ऐसे थे, जिन्हें बिना जांच पड़ताल के नौकरी दे दी गई. उनके आवेदन की जांच तक नहीं हुई और तीन दिनों के अंदर ही नियुक्ति पत्र मिल गया.

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