गुवाहाटी : जल आपूर्ति करने वाले पाइप को फटने से नहीं रोका जा सकता है. दिल्ली और केरल में भी पानी के पाइप फट चुके हैं. पिछले तीन सालों में केरल में 22 हजार पानी के पाइप फट चुके हैं. उक्त टिप्पणी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में की. गुवाहाटी शहर में बार-बार पानी के पाइप के फटने की घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पानी का पाइप फटना कोई समस्या नहीं है, लेकिन पानी का पाइप फटते ही पानी की सप्लाई बंद कर देनी चाहिए. वहीं सरमा ने कहा कि खरघुली में पानी का पाइप फटने की घटना में सप्लाई को तीन से पांच मिनट के अंदर तुरंत बंद कर देना चाहिए था लेकिन समस्या यह है कि यह नहीं हो सका.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कंट्रोल रूम में 24 घंटे स्टाफ तैनात रहना चाहिए, पानी का पाइप फटते ही स्विच बंद करना होगा. उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में यह व्यवस्था नहीं सुधरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम वहां विफल रहे हैं लेकिन हम इसे ठीक करने पर अड़े हुए हैं. सीएम ने यह भी कहा कि आईआईटी को सिस्टम में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले खरघुली में पानी का पाइप फटने से एक महिला की मौत हो गयी थी. दूसरी ओर जू रोड, मालीगांव समेत कई जगहों पर पानी के पाइप फट गए थे जिससे कई व्यापारिक प्रतिष्ठान भी क्षतिग्रस्त हो गए थे. वहीं, मीडिया द्वारा शहर में पेड़ों की कटाई के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सिर्फ विकास कार्यों और योजनाओं के लिए पेड़ काटे गए हैं. सीएम सरमा ने बताया कि जब ठेकेदार बिल जमा करेंगे तो उन्हें यह दिखाना होगा कि एक पेड़ काटने के बदले में 10 पौधे लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि अगर हम रेलवे लाइन भी बनाते हैं तो हमें नीचे के पेड़ों को काटना पड़ता है लेकिन साथ-साथ हमें पौधे भी लगाने पड़ते हैं.
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